टीकमगढ़. एक दशक पहले नया बस स्टैंड के पीछे खड़ी पानी की टंकी धराशायी हो गई थी। उसके बाद से आज तक बस स्टैंड के हजारों यात्रियों की प्यास बुझाने के प्रयास सफल नहीं हो पाए। हालात यह है कि यात्रियों के लिए बनाए गए पेयजल साधन ध्वस्त हो गए है। सिर्फ एक हैंडपंप ही हजारों यात्रियों की प्यास बुझा रहा है।
संभाग का सबसे बड़ा और बेहतर नया बस स्टैंड पेयजल के लिए तरस रहा है। नगरपालिका और जनप्रतिनिधियों ने प्रयास भी किए, लेकिन सफल नहीं हो पाए। आज भी यहां के दुकानदार और यात्री दूसरी कॉलोनियों में लगे हैंडपंपों का सहारा ले रहे है। अधिक जरूरत पर दुकानों से बोतल खरीद रहे है। गर्मियों में प्यास बुझाने का एक मात्र साधन सार्वजनिक प्याऊ थी। लेकिन अब भी नहीं है। स्थानीय लोगों ने कहा कि यह सब नगरपालिका की लापरवाही नतीजा है। जिसके कारण नगर के साथ यात्रियों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
संभाग का सबसे बड़ा और बेहतर नया बस स्टैंड पेयजल के लिए तरस रहा है। नगरपालिका और जनप्रतिनिधियों ने प्रयास भी किए, लेकिन सफल नहीं हो पाए। आज भी यहां के दुकानदार और यात्री दूसरी कॉलोनियों में लगे हैंडपंपों का सहारा ले रहे है। अधिक जरूरत पर दुकानों से बोतल खरीद रहे है। गर्मियों में प्यास बुझाने का एक मात्र साधन सार्वजनिक प्याऊ थी। लेकिन अब भी नहीं है। स्थानीय लोगों ने कहा कि यह सब नगरपालिका की लापरवाही नतीजा है। जिसके कारण नगर के साथ यात्रियों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
१० वर्ष पहले ध्वस्त हो गई पानी की टंकी
स्थानीय लोगों ने बताया कि नगरपालिका ने नगर में आधा दर्जन से अधिक पेयजल समस्या समाधान के लिए टंकियों का निर्माण कराया था। लेकिन गुणवत्ता खराब होने के कारण टंकी गिर गई थी। उसके बाद से नया बस स्टैंड पर पेयजल संकट छा गया है। मुख्य द्वार पर पानी की टंकी रखी गई, लेकिन खाली पड़ी है। जिसके कारण यात्रियों को प्यासा ही जाना पड़ रहा है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि नगरपालिका ने नगर में आधा दर्जन से अधिक पेयजल समस्या समाधान के लिए टंकियों का निर्माण कराया था। लेकिन गुणवत्ता खराब होने के कारण टंकी गिर गई थी। उसके बाद से नया बस स्टैंड पर पेयजल संकट छा गया है। मुख्य द्वार पर पानी की टंकी रखी गई, लेकिन खाली पड़ी है। जिसके कारण यात्रियों को प्यासा ही जाना पड़ रहा है।
ध्वस्त हो गए पेयजल साधन
नया बस स्टैंड पर यात्रियों के लिए पेयजल साधन तैयार किए गए थे। मंदिर के पीछे हैंडपंप, यात्री प्रतीक्षालय के पास पानी की टंकी खंडहर हो गई है। गर्मियों में मुख्य द्वार के ऊपर रखी पानी की टंकियों को भरा जाता है, लेकिन नलों की टोटी गायब हो गई है। इस समस्या के कारण यात्रियों को पेयजल उपलब्ध नहीं हो पाता है। ऑटो चालक नरेश कुशवाहा और यात्री रघुवीर यादव, संतोष यादव, प्रीतम राजपूत ने बताया कि बस स्टैंड पर पेयजल समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। जबकि संभाग का सबसे अच्छा सुविधा जनक बस स्टैंड बना है।
नया बस स्टैंड पर यात्रियों के लिए पेयजल साधन तैयार किए गए थे। मंदिर के पीछे हैंडपंप, यात्री प्रतीक्षालय के पास पानी की टंकी खंडहर हो गई है। गर्मियों में मुख्य द्वार के ऊपर रखी पानी की टंकियों को भरा जाता है, लेकिन नलों की टोटी गायब हो गई है। इस समस्या के कारण यात्रियों को पेयजल उपलब्ध नहीं हो पाता है। ऑटो चालक नरेश कुशवाहा और यात्री रघुवीर यादव, संतोष यादव, प्रीतम राजपूत ने बताया कि बस स्टैंड पर पेयजल समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। जबकि संभाग का सबसे अच्छा सुविधा जनक बस स्टैंड बना है।
यह गंभीर समस्या है, मामले की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी जाएगी और बस स्टैंड पर पेयजल व्यवस्था कराने की चर्चा की जाएगी।
दीपक विश्वकर्मा, उपयंत्री नगरपालिका टीकमगढ़।
दीपक विश्वकर्मा, उपयंत्री नगरपालिका टीकमगढ़।