टीकमगढ़. रविवार की रात लिधौरा में वार्ड ४ निवासी पंचम अहिरवार को उपचार के लिए भर्ती कराया गया। उपचार नहीं मिलने से उसकी मौत होने का आरोप परिजनों द्वारा लगाया गया। शांति व्यवस्था बनाने के लिए पुलिस पहुंची। उसके पहले तैनात नर्स और आवास में रह रहे डॉक्टर भाग गए। बीएमओ को दी सूचना पर डॉ सतीश राय आए और उपचार के दौरान उसे मृत घोषित कर दिया। बीएमओ द्वारा दोषियों पर कार्रवाई करने के आश्वासन पर परिजन रात ११:१५ बजे शव घर ले गए। सोमवार की सुबह स्वास्थ्य केंद्र के स्टाप ने हडताल शुरू कर दी। उसके बाद सीएमएचओ के पास पहुंचे।
जानकारी अनुसार रविवार की रात ७:३० बजे के करीब वार्ड ४ निवासी पंचत जोशी ५८ वर्ष पेट दर्द का उपचार कराने के लिए आया था। ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिलने से उसकी मौत हो गई। उसके बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात नर्स स्वास्थ्य केंद्र छोडक़र भाग गई और सरकारी आवास में रूके डॉक्टर भी कही चले गए। परिजनों ने डॉक्टरों की तलास की, लेकिन कोई नहीं आया। उसके बाद थाना पुलिस आई और परिजनों को समझाने लगी। परिजनों ने जतारा बीएमओ डॉ संजय अहिरवार को सूचना दी। उन्होंने डॉ सतीश राय को भेजा। डॉक्टर ने उपचार के दौरान मृत घोषित कर दिया। परिजनों ने डॉक्टर और स्टाप की लापरवाही पर आरोप लगाया। बीएमओ ने दोषियों पर कार्रवाई करने का आश्वासन परिजनों को दिया। उसके बाद परिजन रात ११:१५ बजे शव घर ले गए। उसके बाद क्षेत्र से आने वाले मरीज परेशान होते रहे। अस्पताल की सुरक्षा के लिए शाम ४ बजे पुलिस जवान आए। उनके द्वारा देखरेख की गई। थाना प्रभारी गिरजाशंकर बाजपेयी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के स्टाप ने हडताल की कोई सूचना नहीं दी। बताया जा रहा है डॉक्टर और स्टाप अपनी गलती छुपाने के लिए हडताल पर बैठ गया है और कुर्सियों को स्टाप द्वारा फैलाई गई है।
जानकारी अनुसार रविवार की रात ७:३० बजे के करीब वार्ड ४ निवासी पंचत जोशी ५८ वर्ष पेट दर्द का उपचार कराने के लिए आया था। ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिलने से उसकी मौत हो गई। उसके बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात नर्स स्वास्थ्य केंद्र छोडक़र भाग गई और सरकारी आवास में रूके डॉक्टर भी कही चले गए। परिजनों ने डॉक्टरों की तलास की, लेकिन कोई नहीं आया। उसके बाद थाना पुलिस आई और परिजनों को समझाने लगी। परिजनों ने जतारा बीएमओ डॉ संजय अहिरवार को सूचना दी। उन्होंने डॉ सतीश राय को भेजा। डॉक्टर ने उपचार के दौरान मृत घोषित कर दिया। परिजनों ने डॉक्टर और स्टाप की लापरवाही पर आरोप लगाया। बीएमओ ने दोषियों पर कार्रवाई करने का आश्वासन परिजनों को दिया। उसके बाद परिजन रात ११:१५ बजे शव घर ले गए। उसके बाद क्षेत्र से आने वाले मरीज परेशान होते रहे। अस्पताल की सुरक्षा के लिए शाम ४ बजे पुलिस जवान आए। उनके द्वारा देखरेख की गई। थाना प्रभारी गिरजाशंकर बाजपेयी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के स्टाप ने हडताल की कोई सूचना नहीं दी। बताया जा रहा है डॉक्टर और स्टाप अपनी गलती छुपाने के लिए हडताल पर बैठ गया है और कुर्सियों को स्टाप द्वारा फैलाई गई है।
सुबह १०:३० बजे से हडताल पर बैठा स्वास्थ्य केंद्र का स्टाप
सोमवार की सुबह अस्पताल का स्टाप हडताल पर बैठ गया। सुबह ११:३० बजे हडताल से उठकर ११:४५ बजे टीकमगढ़ जिला कार्यालय सीएमएचओ पहुंचे। जहां पर दिन भर मामले को लेकर चर्चा चलती रही। वहां पर बीएमओ जतारा भी पहुंचे। हडताल पर बैठे डॉ शिवम समाधिया ने बताया कि रविवार की रात ८ बजे लिधौर नगर का अस्पताल में एक मरीज आया था, जो मरा हुआ था। उसका उपचार निजी डॉक्टर के पास चल रहा होगा। उस मरीज के साथ १०० से १५० लोग थे। उस समय नर्स ऑन ड्यूटी थी और एक कर्मचारी के साथ गार्ड भी तैनात था। वह लोग ऑक्सीजन सिलेंडर टीकमगढ़ ले जाने के लिए मांगने लगे। सिलेंडर नहीं दिया क्योंकि अस्पताल में आपातकाल की स्थिति के लिए रहता है। उस समय मैं अपने आवास में था। उन्होंने इतनी देर में कुर्सी तोड़ी और गाली गलौज करने लगे।
सोमवार की सुबह अस्पताल का स्टाप हडताल पर बैठ गया। सुबह ११:३० बजे हडताल से उठकर ११:४५ बजे टीकमगढ़ जिला कार्यालय सीएमएचओ पहुंचे। जहां पर दिन भर मामले को लेकर चर्चा चलती रही। वहां पर बीएमओ जतारा भी पहुंचे। हडताल पर बैठे डॉ शिवम समाधिया ने बताया कि रविवार की रात ८ बजे लिधौर नगर का अस्पताल में एक मरीज आया था, जो मरा हुआ था। उसका उपचार निजी डॉक्टर के पास चल रहा होगा। उस मरीज के साथ १०० से १५० लोग थे। उस समय नर्स ऑन ड्यूटी थी और एक कर्मचारी के साथ गार्ड भी तैनात था। वह लोग ऑक्सीजन सिलेंडर टीकमगढ़ ले जाने के लिए मांगने लगे। सिलेंडर नहीं दिया क्योंकि अस्पताल में आपातकाल की स्थिति के लिए रहता है। उस समय मैं अपने आवास में था। उन्होंने इतनी देर में कुर्सी तोड़ी और गाली गलौज करने लगे।
हडताल पर बैठी नर्स कौशल्या अहिरवार ने बताया कि रविवार की रात मेरी ड्यूटी थी,रात में जो मरीज आया था, उसकी स्थिति खराब थी और वह निजी अस्पताल में दिखवा कर आए थे। उनके लिए १०८ वाहन को फोन लगाया, लेकिन वाहन नहीं होने से निजी वाहन में ले जाने लगे और वह ऑक्सीजन सिलेंडर मांगने लगे। सिलेंडर देने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि यहां पर सिलेंडर लगा सकते है, लेकिन निजरी वाहन के लिए नहीं दे सकते। उन्होंने मुझे चेनल के अंदर बंद कर दिया।