टीकमगढ़. एक दशक पहले शहर के ऑटो और रिक्सो के लिए कलर कोड बांटे गए थे। जिसमें शहर और ग्रामीण की लाइनें बनाई थी। उनके लिए स्टैंड भी बने थे। चौक चौराहा, सरकारी भवन, बस स्टैंड, कलेक्ट्रेट और रेलवे स्टेशन का किराया फिक्स किया गया था। यातायात का सुधारने वाला कार्य सफल नहीं हो पाया है। पुलिस व्यवस्था कमजोर होने से यातायात की स्थिति बिगड़ गई है। ऑटो और ई-रिक्सा संचालक मनमाना किराया वसूल रहे है। जिसमें आए दिन विवाद की स्थिति बन रही है।
सवारियों और ऑटो, ई-रिक्सा संचालिकों के साथ आए दिन विवाद की स्थिति देखने को मिल रही है। इनके द्वारा सवारियों से मनमाना किराया वसूला जा रहा है। जबकि एक दशक पहले यातायात और नगरपालिका ने शहर के विभिन्न स्थानों तक का किराया तय किया था और एरिया स्तर पर जाने वाले वाहनों को कलर कोड दिया था। लेकिन अब प्रस्तावित किराए का पालन नहीं करने से यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पडऩा पड़ रहा है।
सवारियों और ऑटो, ई-रिक्सा संचालिकों के साथ आए दिन विवाद की स्थिति देखने को मिल रही है। इनके द्वारा सवारियों से मनमाना किराया वसूला जा रहा है। जबकि एक दशक पहले यातायात और नगरपालिका ने शहर के विभिन्न स्थानों तक का किराया तय किया था और एरिया स्तर पर जाने वाले वाहनों को कलर कोड दिया था। लेकिन अब प्रस्तावित किराए का पालन नहीं करने से यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पडऩा पड़ रहा है।
यह है ऑटो और ई-रिक्सा की किराए स्थिति
जिले में ५ हजार से अधिक ऑटो और तीन हजार के करीब ई-रिक्सा सडक़ों पर दौड़ रहे है। वहीं ९५० के करीब ऑटो चल रहे है। उसके द्वारा शहर में नया बस स्टैंड से लेकर रेलवे स्टेशन तक का किराया २० रुपए, कलक्ट्रेट रोड से रेलवे स्टेशन तक १५ रुपए, कलक्ट्रेट से चकरा और अस्पताल तक १० रुपए और पपौरा चौराहा तक १५ रुपए लिया जा रहा है। नया बस स्टैंड से आंबेडकर और बाजार तक १० रुपए लिए जा रहे है।
जिले में ५ हजार से अधिक ऑटो और तीन हजार के करीब ई-रिक्सा सडक़ों पर दौड़ रहे है। वहीं ९५० के करीब ऑटो चल रहे है। उसके द्वारा शहर में नया बस स्टैंड से लेकर रेलवे स्टेशन तक का किराया २० रुपए, कलक्ट्रेट रोड से रेलवे स्टेशन तक १५ रुपए, कलक्ट्रेट से चकरा और अस्पताल तक १० रुपए और पपौरा चौराहा तक १५ रुपए लिया जा रहा है। नया बस स्टैंड से आंबेडकर और बाजार तक १० रुपए लिए जा रहे है।
एक दशक पहले फिक्स किया था किराया
नया बस स्टैंड से आंबेडकर तक, पुराना बस स्टैंड, गांधी चौराहा, सिटी कोतवाली, स्टेट बैंक, पपौरा चौराहा, तालदरवाजा, कटरा बाजार, राजमहल, लुकमान चौराहा, सैलसागर चौराहा, सिविल लाइन, अस्पताल चौराहा, कलक्ट्रेट, रेलवे स्टेशन तक किराया तय किया गया था। लेकिन नए ऑटो और ई-रिक्सा संचालकों ने नियमों को बिगाड़ दिया है।
नया बस स्टैंड से आंबेडकर तक, पुराना बस स्टैंड, गांधी चौराहा, सिटी कोतवाली, स्टेट बैंक, पपौरा चौराहा, तालदरवाजा, कटरा बाजार, राजमहल, लुकमान चौराहा, सैलसागर चौराहा, सिविल लाइन, अस्पताल चौराहा, कलक्ट्रेट, रेलवे स्टेशन तक किराया तय किया गया था। लेकिन नए ऑटो और ई-रिक्सा संचालकों ने नियमों को बिगाड़ दिया है।
ऑटो की बॉडी पर चस्पा किए गए थेेे कलर
शहर की यातायात व्यवस्था सुधार और मनमाने किराए से यात्रियों को बचाने के लिए नरगपालिका और यातायात विभाग ने एक दशक पहले ऑटो रिक्सों का एरिया तय किया था। ग्रामीण, शहरी, कलेक्ट्रेट, कुंडेश्वर के साथ अन्य स्थानों पर जाने वाले ऑटों को कलर चस्पा किया था। जिसमें यात्रियों और अन्य संचालकों में विवाद की स्थिति पैदा नहीं होती थी।
शहर की यातायात व्यवस्था सुधार और मनमाने किराए से यात्रियों को बचाने के लिए नरगपालिका और यातायात विभाग ने एक दशक पहले ऑटो रिक्सों का एरिया तय किया था। ग्रामीण, शहरी, कलेक्ट्रेट, कुंडेश्वर के साथ अन्य स्थानों पर जाने वाले ऑटों को कलर चस्पा किया था। जिसमें यात्रियों और अन्य संचालकों में विवाद की स्थिति पैदा नहीं होती थी।
इनका कहना
यातायात सुधार के लिए ऑटो ई-रिक्सों को कलर बांटना जरूरी है। व्यवस्था सुधार में इस प्रक्रिया को जल्द ही लागू किया जाएगा। इससे अपने क्षेत्र में वाहन संचालित होंगे।
कैलाश कुमार पटेल, यातायात प्रभारी टीकमगढ़।
यातायात सुधार के लिए ऑटो ई-रिक्सों को कलर बांटना जरूरी है। व्यवस्था सुधार में इस प्रक्रिया को जल्द ही लागू किया जाएगा। इससे अपने क्षेत्र में वाहन संचालित होंगे।
कैलाश कुमार पटेल, यातायात प्रभारी टीकमगढ़।