टीकमगढ़

नई पहचान के लिए छात्रों की बनाई जा रही अपार आइडी, जिला के साथ देश में होगी आइडी मान्य

टीकमगढ़.
देश और राज्य के छात्र को एक दर्जा दिया जा रहा है। एक राष्ट्र एक छात्र की संकल्पना को लेकर एक विशेष आइडी बनाई जा रही है। इसमें नर्सरी से लेकर कक्षा १२ वीं तक के छात्रों को शामिल किया है। इसके तहत जिले के स्कूलों में छात्रों की आइडी बनाई जा रही है। जिसे अपार नाम दिया गया है और 12 अंकों का कोड रहेगा। जिसमें छात्रों का आधार लिंग रहेगा। पढ़ाई में प्रवेश के साथ नौकरी में भी सहयोग देगा। अपार कोड से ही काम हो जाएगा।
आइडी बनवाने के लिए छात्र का नाम, माता पिता का नाम, जन्म दिनांक, जेंडर, आधार नंबर के साथ चाइल्ड प्रोफ ाइल एंट्री, संपूर्ण होने के साथ आधार सत्यापित होना चाहिए। छात्रों का प्रोफ ाइल में नाम और आधार कार्ड में नाम एक समान होना जरूरी है। अभिभावक का मोबाइल नंबर एवं कोई एक पहचान पत्र भी जरूरी है। अभिभावक की सहमति, एक प्रपत्र के माध्यम से लेने के बाद प्रपत्र में भरी जानकारी की जांच करके सत्यापन किया जाएगा। उसके बाद स्कूल स्तर पर प्रभारी शिक्षक स्कूल यूजर एसडीएमएस पोर्टल में लोग इन कर स्टूडेंट प्रोफ ाइल में जाकर अपार मॉड्यूल से आईडी जनरेट करेंगे।

४.८ फीसदी ही बन पाई अपार आइडी
शिक्षा विभाग की रिपोर्ट ने बताया कि जिले में नर्सरी से कक्षा १२ वीं तक २ लाख २ हजार ९९३ छात्र-छात्राएं दर्ज है। जिसमें ९ हजार ८२२ छात्राओं की अपार आइडी बन गई है। २६ छात्रों ने आइडी के लिए पंजीयन कराया है और १ हजार ६२९ छात्रों का पंजीयन फै ल हो गया है। जबकि २०२९९३ का रखा गया है।

यह है अपार आइडी
अपार आइडी में छात्रों की उपलब्धियां जैसे परीक्षा परिणाम, समग्र रिपोर्ट कार्ड,क्रेडिट स्कोर, छात्र वृत्ति, सिखाने के परिणामों के अलावा अन्य उपलब्धियों को डिजिटल रूप से संग्रहित किया जाएगा। यानि अपार आइडी डिजिलॉकर इकोसिस्टम तक पहुंचने का प्रवेश द्वार होगा। जो छात्रों की शैक्षणिक प्रगति की ट्रैकिंग करने के अलावा, छात्र किसी भी स्थान से किसी भी समय अपने प्रामाणिक शैक्षणिक दस्तावेजों देख सकेंगे। अपार आइडी की सहायता से शैक्षणिक संस्थानों के बीच स्थानांतरण, कौशल विकास, नौकरी या उच्च शिक्षा के लिए आवेदन करते समय सुविधा होगी।

यह आ रही समस्याएं
स्कूलों में अपार आइडी बनाने में परशानियां आ रही है। जिन पर बच्चों के नाम, स्पेलिंग, जन्मतिथि और पता में कहीं ना कहीं कमी है। जो विभाग के पोर्टल पर दर्ज जानकारी से मैच नहीं कर रही है। ऐसे में आधार कार्ड में ही सुधार कराना जरूरी है। उसमें भी तीन दिन से एक सप्ताह का समय लगता है। ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वर भी बड़ी समस्या बना हुआ है। हर स्कूल में यह काम चल रह है।

फैक्ट फाइल
२०२९९३ जिले में नर्सरी से १२ वीं तक की छात्र संख्या
९८२२ छात्रों की बनी अपार आइडी
४.८ फीसदी ही बनी आइडी
२६ ने पंजीयन के लिए भेजे नाम
१६२९ के पंजीयन निरस्त

नर्सरी से ८ वीं तक की छात्र संख्या
१५७०८६ जिले में नर्सरी से ८ वीं तक की छात्र संख्या
३५४४ छात्रों की बनी अपार आइडी
२.३ फीसदी ही बनी आइडी
१४ ने पंजीयन के लिए भेजे नाम
७२४ के पंजीयन निरस्त

९ वीं से १२वीं तक की छात्र संख्या
४५९०७ जिले में ९ वीं से १२ वीं तक की छात्र संख्या
६२७८ छात्रों की बनी अपार आइडी
१३.७ फीसदी ही बनी आइडी
१२ ने पंजीयन के लिए भेजे नाम
९०५ के पंजीयन निरस्त

इनका कहना
ेछात्रों की पहचान के लिए केंद्र सरकार द्वारा अपार आइडी बनाई जा रही है। इस आइडी में नर्सरी से कक्षा१२ वीं तक का डाटा रहेगा। प्रवेश और नौकरी के लिए समस्त दस्तावेज नहीं लगाने होंगे। इसके कोड से काम हो जाएगा। जिले में २०२९९३ के करीब छात्र-छात्राओं की संख्या है।
शरद कुमार खरे, अपार आइडी प्रभारी जिला शिक्षा कार्यालय टीकमगढ़।

टीकमगढ़Dec 15, 2024 / 07:08 pm

akhilesh lodhi

टीकमगढ़.
देश और राज्य के छात्र को एक दर्जा दिया जा रहा है। एक राष्ट्र एक छात्र की संकल्पना को लेकर एक विशेष आइडी बनाई जा रही है। इसमें नर्सरी से लेकर कक्षा १२ वीं तक के छात्रों को शामिल किया है। इसके तहत जिले के स्कूलों में छात्रों की आइडी बनाई जा रही है। जिसे अपार नाम दिया गया है और 12 अंकों का कोड रहेगा। जिसमें छात्रों का आधार लिंग रहेगा। पढ़ाई में प्रवेश के साथ नौकरी में भी सहयोग देगा। अपार कोड से ही काम हो जाएगा।
आइडी बनवाने के लिए छात्र का नाम, माता पिता का नाम, जन्म दिनांक, जेंडर, आधार नंबर के साथ चाइल्ड प्रोफ ाइल एंट्री, संपूर्ण होने के साथ आधार सत्यापित होना चाहिए। छात्रों का प्रोफ ाइल में नाम और आधार कार्ड में नाम एक समान होना जरूरी है। अभिभावक का मोबाइल नंबर एवं कोई एक पहचान पत्र भी जरूरी है। अभिभावक की सहमति, एक प्रपत्र के माध्यम से लेने के बाद प्रपत्र में भरी जानकारी की जांच करके सत्यापन किया जाएगा। उसके बाद स्कूल स्तर पर प्रभारी शिक्षक स्कूल यूजर एसडीएमएस पोर्टल में लोग इन कर स्टूडेंट प्रोफ ाइल में जाकर अपार मॉड्यूल से आईडी जनरेट करेंगे।

४.८ फीसदी ही बन पाई अपार आइडी
शिक्षा विभाग की रिपोर्ट ने बताया कि जिले में नर्सरी से कक्षा १२ वीं तक २ लाख २ हजार ९९३ छात्र-छात्राएं दर्ज है। जिसमें ९ हजार ८२२ छात्राओं की अपार आइडी बन गई है। २६ छात्रों ने आइडी के लिए पंजीयन कराया है और १ हजार ६२९ छात्रों का पंजीयन फै ल हो गया है। जबकि २०२९९३ का रखा गया है।

यह है अपार आइडी
अपार आइडी में छात्रों की उपलब्धियां जैसे परीक्षा परिणाम, समग्र रिपोर्ट कार्ड,क्रेडिट स्कोर, छात्र वृत्ति, सिखाने के परिणामों के अलावा अन्य उपलब्धियों को डिजिटल रूप से संग्रहित किया जाएगा। यानि अपार आइडी डिजिलॉकर इकोसिस्टम तक पहुंचने का प्रवेश द्वार होगा। जो छात्रों की शैक्षणिक प्रगति की ट्रैकिंग करने के अलावा, छात्र किसी भी स्थान से किसी भी समय अपने प्रामाणिक शैक्षणिक दस्तावेजों देख सकेंगे। अपार आइडी की सहायता से शैक्षणिक संस्थानों के बीच स्थानांतरण, कौशल विकास, नौकरी या उच्च शिक्षा के लिए आवेदन करते समय सुविधा होगी।

यह आ रही समस्याएं
स्कूलों में अपार आइडी बनाने में परशानियां आ रही है। जिन पर बच्चों के नाम, स्पेलिंग, जन्मतिथि और पता में कहीं ना कहीं कमी है। जो विभाग के पोर्टल पर दर्ज जानकारी से मैच नहीं कर रही है। ऐसे में आधार कार्ड में ही सुधार कराना जरूरी है। उसमें भी तीन दिन से एक सप्ताह का समय लगता है। ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वर भी बड़ी समस्या बना हुआ है। हर स्कूल में यह काम चल रह है।

फैक्ट फाइल
२०२९९३ जिले में नर्सरी से १२ वीं तक की छात्र संख्या
९८२२ छात्रों की बनी अपार आइडी
४.८ फीसदी ही बनी आइडी
२६ ने पंजीयन के लिए भेजे नाम
१६२९ के पंजीयन निरस्त

नर्सरी से ८ वीं तक की छात्र संख्या
१५७०८६ जिले में नर्सरी से ८ वीं तक की छात्र संख्या
३५४४ छात्रों की बनी अपार आइडी
२.३ फीसदी ही बनी आइडी
१४ ने पंजीयन के लिए भेजे नाम
७२४ के पंजीयन निरस्त

९ वीं से १२वीं तक की छात्र संख्या
४५९०७ जिले में ९ वीं से १२ वीं तक की छात्र संख्या
६२७८ छात्रों की बनी अपार आइडी
१३.७ फीसदी ही बनी आइडी
१२ ने पंजीयन के लिए भेजे नाम
९०५ के पंजीयन निरस्त

इनका कहना
ेछात्रों की पहचान के लिए केंद्र सरकार द्वारा अपार आइडी बनाई जा रही है। इस आइडी में नर्सरी से कक्षा१२ वीं तक का डाटा रहेगा। प्रवेश और नौकरी के लिए समस्त दस्तावेज नहीं लगाने होंगे। इसके कोड से काम हो जाएगा। जिले में २०२९९३ के करीब छात्र-छात्राओं की संख्या है।
शरद कुमार खरे, अपार आइडी प्रभारी जिला शिक्षा कार्यालय टीकमगढ़।

एक कोड से निकलेगा पूरा डाटा, पढाई के साथ नौकरी में भी चलेगी आइडी
टीकमगढ़. देश और राज्य के छात्र को एक दर्जा दिया जा रहा है। एक राष्ट्र एक छात्र की संकल्पना को लेकर एक विशेष आइडी बनाई जा रही है। इसमें नर्सरी से लेकर कक्षा १२ वीं तक के छात्रों को शामिल किया है। इसके तहत जिले के स्कूलों में छात्रों की आइडी बनाई जा रही है। जिसे अपार नाम दिया गया है और 12 अंकों का कोड रहेगा। जिसमें छात्रों का आधार लिंग रहेगा। पढ़ाई में प्रवेश के साथ नौकरी में भी सहयोग देगा। अपार कोड से ही काम हो जाएगा।
आइडी बनवाने के लिए छात्र का नाम, माता पिता का नाम, जन्म दिनांक, जेंडर, आधार नंबर के साथ चाइल्ड प्रोफ ाइल एंट्री, संपूर्ण होने के साथ आधार सत्यापित होना चाहिए। छात्रों का प्रोफ ाइल में नाम और आधार कार्ड में नाम एक समान होना जरूरी है। अभिभावक का मोबाइल नंबर एवं कोई एक पहचान पत्र भी जरूरी है। अभिभावक की सहमति, एक प्रपत्र के माध्यम से लेने के बाद प्रपत्र में भरी जानकारी की जांच करके सत्यापन किया जाएगा। उसके बाद स्कूल स्तर पर प्रभारी शिक्षक स्कूल यूजर एसडीएमएस पोर्टल में लोग इन कर स्टूडेंट प्रोफ ाइल में जाकर अपार मॉड्यूल से आईडी जनरेट करेंगे।
४.८ फीसदी ही बन पाई अपार आइडी
शिक्षा विभाग की रिपोर्ट ने बताया कि जिले में नर्सरी से कक्षा १२ वीं तक २ लाख २ हजार ९९३ छात्र-छात्राएं दर्ज है। जिसमें ९ हजार ८२२ छात्राओं की अपार आइडी बन गई है। २६ छात्रों ने आइडी के लिए पंजीयन कराया है और १ हजार ६२९ छात्रों का पंजीयन फै ल हो गया है। जबकि २०२९९३ का रखा गया है।
यह है अपार आइडी
अपार आइडी में छात्रों की उपलब्धियां जैसे परीक्षा परिणाम, समग्र रिपोर्ट कार्ड,क्रेडिट स्कोर, छात्र वृत्ति, सिखाने के परिणामों के अलावा अन्य उपलब्धियों को डिजिटल रूप से संग्रहित किया जाएगा। यानि अपार आइडी डिजिलॉकर इकोसिस्टम तक पहुंचने का प्रवेश द्वार होगा। जो छात्रों की शैक्षणिक प्रगति की ट्रैकिंग करने के अलावा, छात्र किसी भी स्थान से किसी भी समय अपने प्रामाणिक शैक्षणिक दस्तावेजों देख सकेंगे। अपार आइडी की सहायता से शैक्षणिक संस्थानों के बीच स्थानांतरण, कौशल विकास, नौकरी या उच्च शिक्षा के लिए आवेदन करते समय सुविधा होगी।
यह आ रही समस्याएं
स्कूलों में अपार आइडी बनाने में परशानियां आ रही है। जिन पर बच्चों के नाम, स्पेलिंग, जन्मतिथि और पता में कहीं ना कहीं कमी है। जो विभाग के पोर्टल पर दर्ज जानकारी से मैच नहीं कर रही है। ऐसे में आधार कार्ड में ही सुधार कराना जरूरी है। उसमें भी तीन दिन से एक सप्ताह का समय लगता है। ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वर भी बड़ी समस्या बना हुआ है। हर स्कूल में यह काम चल रह है।
फैक्ट फाइल
२०२९९३ जिले में नर्सरी से १२ वीं तक की छात्र संख्या
९८२२ छात्रों की बनी अपार आइडी
४.८ फीसदी ही बनी आइडी
२६ ने पंजीयन के लिए भेजे नाम
१६२९ के पंजीयन निरस्त

नर्सरी से ८ वीं तक की छात्र संख्या
१५७०८६ जिले में नर्सरी से ८ वीं तक की छात्र संख्या
३५४४ छात्रों की बनी अपार आइडी
२.३ फीसदी ही बनी आइडी
१४ ने पंजीयन के लिए भेजे नाम
७२४ के पंजीयन निरस्त
९ वीं से १२वीं तक की छात्र संख्या
४५९०७ जिले में ९ वीं से १२ वीं तक की छात्र संख्या
६२७८ छात्रों की बनी अपार आइडी
१३.७ फीसदी ही बनी आइडी
१२ ने पंजीयन के लिए भेजे नाम
९०५ के पंजीयन निरस्त
इनका कहना
ेछात्रों की पहचान के लिए केंद्र सरकार द्वारा अपार आइडी बनाई जा रही है। इस आइडी में नर्सरी से कक्षा१२ वीं तक का डाटा रहेगा। प्रवेश और नौकरी के लिए समस्त दस्तावेज नहीं लगाने होंगे। इसके कोड से काम हो जाएगा। जिले में २०२९९३ के करीब छात्र-छात्राओं की संख्या है।
शरद कुमार खरे, अपार आइडी प्रभारी जिला शिक्षा कार्यालय टीकमगढ़।

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