इसे लेकर झांसी मंडल के रेल प्रबंधक आशुतोष ने बताया कि रेल मंत्रालय द्वारा शुरू की गई अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत मंडल के प्रमुख 16 स्टेशन को पहले चरण में विकसित किया जाएगा। इसमें बांदा, मुरैना, चित्रकूट, महोबा, डबरा, दतिया, ललितपुर, उरई, पुखरायां, घाटमपुर, भिंड, हरपालपुर, टीकमगढ़, छतरपुर, ओरछा तथा श्योपुरकलां शामिल है। उन्होंने बताया कि योजना के तहत इन स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए टैक्निकल एजेंसी का चयन किया जा रहा है। इसके बाद इन स्टेशनों पर तमाम विकास कार्य किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि योजना में शामिल तमाम स्टेशनों की अब रंगत बदल जाएगी।
यह होंगे काम
प्रबंधक आशुतोश ने बताया कि योजना के तहत स्टेशनों के पहुंच मार्ग से लेकर स्टेशन पर उपलब्ध तमाम सुविधाओं का विस्तार कर उन्हें अत्याधुनिक बनाया जाएगा। उनका कहना था कि जो भी काम किए जाएंगे वह भविष्य को ध्यान में रखकर किए जाएंगे। ऐसे में स्टेशनों के प्रवेश द्वार का चौड़ीकरण करने के साथ ही उच्च स्तरीय प्रकाश व्यवस्था, वेटिंग हॉल का विस्तार, स्टेशन पर उपलब्ध अनुपयोगी स्थान को जोड़ते हुए एग्जीक्यूटिव लाउंज का विस्तार, सर्कुलेटिंग एरिया के प्रत्येक तरफ साइनेज, एप्रोच सडक़ का चौडीकरण, पैदल चलने वालों के लिए फुटपाथ, वाहनों के प्रवेश एवं पार्किंग की व्यवस्था, स्टेशनों की जमीन का समुचित विकास, स्थानीय कलाओं से सौंदर्यीकरण किया जाएगा।
भविष्य के लिए भी प्लान
मंडल प्रबंधक आशुतोष ने बताया कि योजना के तहत स्टेशनों पर भविष्य की आवश्यकताओं अनुसार संभावित बदलाव किए जाएंगे। इसमें स्टेशन की दूसरी एंट्री के लिए प्लान, सर्कुलेटिंग एरिया का विकास, वेटिंग हॉल, प्लेटफार्म, रिटायरिंग रूम, कार्यालयों में फर्नीचर, बोर्ड के दिशा-निर्देशों के अनुसार दिव्यांगजन सुविधाएं, एलईडी आधारित स्टेशन पर साइन बोर्ड, गेट पर लाइटिंग, भविष्य में नए भवन की आवश्यकता, आवश्यकता पडऩे पर रूफ प्लाजा, वाई-फाई का प्रावधान सहित अन्य चीजों का विकास किया जाएगा। उनका कहना था कि जल्द ही स्टेशन पर यह काम शुरू कराए जाएंगे। विदित हो कि वर्तमान में रेलवे स्टेशन पर दूसरे प्लेटफार्म के साथ ही गुड्सशेड और फुटओवर ब्रिज का काम शुरू किया जा चुका है। अब यह काम शुरू होने के बाद से स्टेशन की पूरी तस्वीर ही बदल जाएंगे। वितिद तो कि जैसे ही सिंगरौली तक की लाइन का काम पूरा हो जाएगा, जिले में तमाम प्रकार की नई रेल गाडिय़ों की सुविधा शुरू होगी।