टीकमगढ़. जिले में खाद संकट के बाद बिजली की चिंता किसानों को हो गई है। खराब पड़े सैकड़ों ट्रांसफार्मरों और लाइनों को समय रहते बदलने का प्रयास नहीं किया जा रहा है। जबकि इस वर्ष पर्याप्त पानी है, लेकिन सिंचाई कैसे हो पाएंगी। इसको लेकर किसान चिंतित है।
सरकार जहां खेती को लाभ का धंधा बनाने की बात कर रही है। साथ ही इनकी जानकारी देने के लिए खर्च भी कर रही है। लेकिन हकीकत यह है कि यदि ट्रांसफ ार्मर खराब हो है तो उसे बदलने में सप्ताह और महीने लग रहे है। अभी रबी सीजन की पहली सिंचाई का समय है। इसके लिए बिजली की सबसे ज्यादा जरूरत है। ऐसे में ट्रांसफ ार्मर दुरुस्ती के लिए किसान सप्ताह भर से इंतजार कर रहे, लेकिन कंपनी का तत्काल में किसानों के लिए कोई इंतजाम नहीं है।
सरकार जहां खेती को लाभ का धंधा बनाने की बात कर रही है। साथ ही इनकी जानकारी देने के लिए खर्च भी कर रही है। लेकिन हकीकत यह है कि यदि ट्रांसफ ार्मर खराब हो है तो उसे बदलने में सप्ताह और महीने लग रहे है। अभी रबी सीजन की पहली सिंचाई का समय है। इसके लिए बिजली की सबसे ज्यादा जरूरत है। ऐसे में ट्रांसफ ार्मर दुरुस्ती के लिए किसान सप्ताह भर से इंतजार कर रहे, लेकिन कंपनी का तत्काल में किसानों के लिए कोई इंतजाम नहीं है।
खाद संकट के बाद बिजली की समस्या
नवंबर महीने में खाद संकट का दौर चलता रहा। अब बिजली का संकट शुरू हो गया है। जहां पर ट्रांसफार्मर और लाइन सही है, वहां पर पंप लाइनों से छह घंटे बिजली मिल रही, लेकिन बिजली पंप शुरू नहीं हो पाए है। अधिकतर पंप लाइनों के ट्रांसफार्मर खराब है। दो दिनों की कहकर बिजली कंपनी के कर्मचारी खराब ट्रांसफार्मर उठा ले गए, लेकिन सही ट्रांसफार्मर लौटकर नहीं आया है।
नवंबर महीने में खाद संकट का दौर चलता रहा। अब बिजली का संकट शुरू हो गया है। जहां पर ट्रांसफार्मर और लाइन सही है, वहां पर पंप लाइनों से छह घंटे बिजली मिल रही, लेकिन बिजली पंप शुरू नहीं हो पाए है। अधिकतर पंप लाइनों के ट्रांसफार्मर खराब है। दो दिनों की कहकर बिजली कंपनी के कर्मचारी खराब ट्रांसफार्मर उठा ले गए, लेकिन सही ट्रांसफार्मर लौटकर नहीं आया है।
मई में उठा ले गए थे ट्रांसफार्मर
हनुमान सागर के किसान सुजान राजपूत, बोरी के रामसिंह यादव, छोटे लाल यादव और परसू अहिरवार ने बताया कि मार्च में सिंचाई खत्म हो गई थी। मई में बिजली कंपनी के कर्मचारी ट्रांसफार्मर उठा ले गए थे। वहीं ट्रांसफार्मर छह महीने में नहीं आ पाया। किसानों ने बताया कि कई ट्रांसफार्मर ऐसे है, जिनका तेज और वायर निकाल लिए गए है।
हनुमान सागर के किसान सुजान राजपूत, बोरी के रामसिंह यादव, छोटे लाल यादव और परसू अहिरवार ने बताया कि मार्च में सिंचाई खत्म हो गई थी। मई में बिजली कंपनी के कर्मचारी ट्रांसफार्मर उठा ले गए थे। वहीं ट्रांसफार्मर छह महीने में नहीं आ पाया। किसानों ने बताया कि कई ट्रांसफार्मर ऐसे है, जिनका तेज और वायर निकाल लिए गए है।
हर दिन बिजली ऑफिस जा रहे किसान
किसान मनोज कुशवाहा और रामसेवक के वट ने बताया कि रबी सिंचाई का सीजन शुरू हो गया है। खाद और बीज का इंतजाम कर लिए है। लेकिन बिजली पंप चलाने के लिए बिजली नहीं मिल रही है। जिसके कारण खेत सूखे पड़े है। समय रहते बिजली नहीं मिली तो अप्रेल, मई में मवेशियों से फसलों की सुरक्षा करना मुश्किल हो जाएगा।
किसान मनोज कुशवाहा और रामसेवक के वट ने बताया कि रबी सिंचाई का सीजन शुरू हो गया है। खाद और बीज का इंतजाम कर लिए है। लेकिन बिजली पंप चलाने के लिए बिजली नहीं मिल रही है। जिसके कारण खेत सूखे पड़े है। समय रहते बिजली नहीं मिली तो अप्रेल, मई में मवेशियों से फसलों की सुरक्षा करना मुश्किल हो जाएगा।
इनका कहना
५८ ट्रांसफार्मर खराब है। किसानों की मांग पर ट्रांसफार्मरों को रखा जा रहा है। किसानों की समस्याओं का समाधान किया जा रहा है।
नवीन कुम्हार, डीई बिजली कंपनी टीकमगढ़।
५८ ट्रांसफार्मर खराब है। किसानों की मांग पर ट्रांसफार्मरों को रखा जा रहा है। किसानों की समस्याओं का समाधान किया जा रहा है।
नवीन कुम्हार, डीई बिजली कंपनी टीकमगढ़।