टीकमगढ़

शिक्षा के व्यवसायीकरण से खड़ी हो रही समस्याएं

शिक्षा का निजीकरण होने के बाद से हो रही असमानता

टीकमगढ़Apr 23, 2018 / 12:25 pm

anil rawat

Acharya Vidyasagar ji Maharaj commercialization education

टीकमगढ़. शिक्षा का निजीकरण होने के बाद से उसका व्यवसायीकरण हो गया है। इससे ही समाज में तमाम समस्याएं हो रही है। पुरातन शिक्षा प्रणाली या गुरूकुल प्रणाली रोजगार मूलक थी। यह बात आचार्य विद्यासागर जी महाराज ने रविवार को पपौरा में ज्ञानोदय विद्यापीठ का शुभारंभ कराते हुए कहीं।
पपौरा में आचार्य विद्यासागर महाराज ने रविवार को ज्ञानोदय विद्यापीठ का शुभारंभ कराया। रविवार को यहां पर कक्षा 4 से 6 तक की कक्षाएं प्रारंभ कराई गई। विद्यापीठ का शुभारंभ कर प्रवचन में महाराज ने कहा कि शिक्षा का निजीकरण होने के बाद से उसका व्यसायीकरण हो गया है। पुरातन शिक्षा पद्धति संस्कार के साथ ही रोजगार मूलक होती थी। उस शिक्षा से 85 फीसदी बच्चों को रोजगार मिलता था। वर्तमान की शिक्षा प्रणाली 15 प्रतिशत लोगों को ही रोजगार उपलब्ध करा पा रही है। शिक्षा के साथ ही स्वालंबन की शिक्षा दी जाए तो अच्छा है।

हिन्दी और संस्कृति आवश्यक: आचार्य श्री ने कहा कि बच्चों को हिन्दी और संस्कृति की शिक्षा प्राथमिकता के साथ दी जाए। उन्होंने संस्कारों की शिक्षा, आगे बढऩे के लिए पुरूषार्थ एवं कर्म की शिक्षा के महात्व को भी बताया। उन्होंने कहा कि बुंदेलखण्ड में ऐसे शिक्षा केन्द्रों की नितांत आवश्यकता है।
बालिकाओं को आवासीय सुविधा: पपौरा जी में प्रारंभ किए गए ज्ञानोदय विद्यापीठ में बालिकाओं के लिए आवासीय सुविधा होगी। यहां पर कक्षा 12वीं तक की शिक्षा दी जाएगी। कार्यक्रम में बताया गया कि विद्यापीठ में एक छात्र पर प्रतिवर्ष 51 हजार रूपए का खर्च आएंगा। इसके लिए यहां पर आए अनेक लोगों ने सहयोग की घोषणा की। रविवार को लगभग एक सैकड़ा छात्रों के लिए लोगों ने सहयोग की घोषणा की।
हजारों लोग पहुंचे दर्शन को: रविवार को जिले भर के साथ ही आसपास के क्षेत्रों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु पपौरा पहुंचे। आचार्यश्री के दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में लोग पपौरा पहुंच रहे है।रविवार को ट्रस्ट के अध्यक्ष कोमलचंद्र सुनवाहा ने सकल दिगंबर जैन समाज की ओर से आचार्यश्री को श्रीफल भेंट कर ग्रीष्मकालीन वाचन के लिए निवेदन किया।

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