टीकमगढ़

20 करोड़ की लागत से 22 एकड़ में गोशाला, पार्क, आवास और गैराज बनाने बनी थी योजना

माधव स्मृति औषधीय उद्यान पार्क

टीकमगढ़Dec 17, 2024 / 12:03 pm

akhilesh lodhi

माधव स्मृति औषधीय उद्यान पार्क

सीएमओ की अदला बदली से भोपाल में पड़ी फाइल
टीकमगढ़. शहर विकास और सुविधाओं के लिए नपा ने विभिन्न योजनाएं बनाई है। जिसमें गोशाला, पार्क, नपा कर्मचारियों के लिए आवास और कचरा वाहन, अन्य वाहनों के लिए गैराज बनाने माधव स्मृति औषधीय उद्यान केंद्र की २२ एकड़ जमीन को चिन्हित किया था। सर्व सम्मति से प्रस्ताव पारित किया था। स्वीकृति के लिए फाइल भोपाल भेजी गई, लेकिन सीएमओ की अदला बदली से २० करोड की फाइल कैद होकर रह गई है। छह महीने से आज तक यह फाइल वापस टीकमगढ़ नहीं आई है।
नगरपालिका क्षेत्र की सडक़ों पर बेसहारा मवेशियों का जमावड़ा बना रहता है। कचरा वाहन और अन्य वाहनों को सीएमओ निवास, नपा कार्यालय और सिविल लाइन पानी टंकी के नीचे खड़े रहते है। वहीं नपा में पदस्थ छोटे से लेकर बड़े कर्मचारी और अधिकारियों को निजी मकानों में रहना पड़ रहा है। इन सभी की सुविधाओं के लिए माधव स्मृति औषधीय उद्यान केंद्र की जमीन चिन्हित की थी। उसमें बेसहारा मवेशियों के लिए गोशाला, लोगों को घूमने के लिए पार्क, नपा कर्मचारियों के लिए आवास और वाहन रखने के लिए गैराज बनाए जाने की योजना बनी थी। इन सभी का निर्माण २० करोड़ रुपए की लागत से किया जाना था, लेकिन सीएमओ की अदला बदली से अधर में पड़ा है।
पांच एकड में पार्क का किया जाना था निर्माण
२२ एकड़ क्षेत्र की सुंदरता के लिए पांच एकड़ में पार्क में निर्माण कराने की योजना बनी थी। उसका सर्वे कार्य किया गया था। उसमें विभिन्न प्रकार के दो हजार से अधिक पौधों का रोपण किया जाना था। पार्क को आधुनिक तरीके से तैयार करने की योजना बनाई थी। इस पार्क में जड़ी बूटी के पौधे शामिल थे।
गोशाला का होगा निर्माण
शहर की सडक़ों पर घूमने वाले मवेशियों को रखने के लिए पांच एक ड़ में गोशाला बनाई जानी थी। लेकिन योजना अब अधर में पड़ी है। वहीं चारा उगाने के लिए जगह भी दी जानी थी। खाद बनाने के लिए प्लांट लगाया जाना था, लेकिन प्रयास नहीं होने से योजना पूर्ण नहीं हो पाई है। उसकी टेंडर प्रक्रिया होना बाकी था। इसके साथ ही आवास और गैराज बनाया जाना था।
इस जगह है पार्क
जिला न्यायालय के पास भगत नगर रोड पर माधव स्मृति औषद्यीय उद्यान में वर्ष २००८ में जड़ी बूटी के पौधों का रोपण किया गया था। उसकी देखरेख नपा द्वारा की जा रही थी। कुछ सालों बाद उसके पौधे गायब हो गए। उसमें नपा का कबाड़ रखा जाने लगा। उस जगह को सुविधा युक्त बनाने के लिए प्रोजेक्ट तैयार किया गया, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही से योजना सफल नहीं हो पाई है।
इनका कहना
माधव स्मृति औषधीय उद्यान पार्क में २० करोड़ की लागत से पार्क, गोशाला, नपा कर्मचारियों के लिए आवास और वाहनों के गैराज बनाया जाना था। टेंडर प्रक्रिया के लिए फाइल को भोपाल स्वीकृति के लिए भेजा गया। कुछ कारणों के चलते नपा ध्यान नहीं दे पाई। जल्द ही मामले को आगे लाया जाएगा।
दीपक विश्वकर्मा, उपयंत्री नगरपालिका टीकमगढ़।

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