स्वीयाटेक ने इंडियन वेल्स में संवाददाताओं से कहा कि मुझे लगा था कि यह संभव नहीं होगा। यह कुछ ऐसा था जो मेरी उम्मीदों से परे था। हर कोई इस जगह पर पहुंचना चाहता है, लेकिन इतना तय है कि यह भारी दबाव और उम्मीदों के साथ आया है। स्वीयाटेक के लिए पिछला सत्र काफी शानदार रहा था, जिसमें उन्होंने दो ग्रैंड स्लैम सहित आठ खिताब जीते थे। उनका 37 मैचों का विजय क्रम रहा था।
‘इस तरह प्रशंसक बन गए आलोचक’
उन्होंने कहा कि दोहा और दुबई के बाद मैंने काफी मजबूत महसूस किया। मैंने डब्लूटीए 500 खिताब जीता और 1000 के फाइनल में थी, लेकिन मैं फाइनल में हार गई। मेरी इस हार से लोग हैरान थे। वह मेरे प्रदर्शन से खुश नहीं थे और आलोचक बन गए थे।
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‘पिछले वर्ष टूर्नामेंटों को जीतकर खुश थी’
स्वीयाटेक ने कहा कि पिछले वर्ष मैं टूर्नामेंटों को जीतने के परिणामों से खुश थी, लेकिन अब इन प्रतिक्रियाओं के बाद मुझे लगता है कि ओह, यह पर्याप्त नहीं था।
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