वहीं इस बार मंगलवार, 25 अक्टूबर का सूर्यग्रहण भारत में दृश्य होगा ऐसे में इस दौरान उज्जैन स्थित श्री महाकालेश्वर यानि महाकाल मंदिर में भी ग्रहणकाल के दौरान पूजा-अर्चना नहीं होगी। वहीं इसके बाद शुद्धिकरण के पश्चात ही बाबा को स्पर्श किया जा सकेगा। वहीं दर्शनार्थी दूर से ही दर्शन कर सकेंगे।
वहीं दूसरी ओर 8 नवंबर को चंद्रग्रहण रहेगा। इसी दिन कार्तिक पूर्णिमा का स्नान करने लाखों श्रद्धालु शहर आएंगे। सिख समाज के जत्थेदार सुरेंद्रसिंह अरोरा ने बताया कि 8 को ग्रहण होने से गुरु नानक देव जी की जयंती पर हर साल निकलने वाला नगर कीर्तन 7 को ही निकाला जाएगा। यह दोपहर 2 बजे गुरुनानक घाट से आरंभ होगा और दूधतलाई गुरुद्वारा पर समाप्त होगा। इन दिनों प्रतिदिन प्रभातफेरियां निकाली जा रही हैं।
इस वर्ष कार्तिक मास में 15 दिन के अंतराल से दो ग्रहण आ रहे हैं। प्रथम कार्तिक कृष्ण अमावस मंगलवार 25 अक्टूबर को सूर्यग्रहण तथा दूसरा कार्तिक शुक्ल 15 मंगलवार 8 नवंबर का होने वाला चन्द्रग्रहण अतिपूर्वी भारत में दिखाई देगा। जिसका स्नान-दान का पालन हमारे क्षेत्र में आवश्यक नहीं है, किन्तु हमारे देश में एक पक्ष में दो ग्रहण होने का फल तो अवश्य होगा।
वृषभ, सिंह, धनु व मकर राशि वालों को ग्रहण शुभ है। मेष, मिथुन, कन्या व कुम्भ राशियों पर मध्यम फलदायी है। कर्क, तुला, वृश्चिक व मीन राशि वालों को नेष्ट फल करेगा। जिन राशियों पर नेष्ट है, वे ग्रहण के दर्शन नहीं करें। ग्रहण के समय जाप, पूजन व साधना करें। तांबे के कलश में घृत (घी) भरकर उसमें सुवर्ण का सूर्य बिंब डाल देवें और अन्न, वस्त्र, दक्षिणा सहित दान करें।