इनमें से 52 मध्यप्रदेश के हैं। आचार्यश्री के विशेष प्रभाव वाले बुंदेलखंड क्षेत्र में 17 मंदिरों में प्रतिष्ठा हो चुकी है। आचार्यश्री के फिर इसी इलाके में होने से इन मंदिरों के निर्माण कार्य में तेजी आई है।
नए बन रहे सभी मंदिर पत्थरों से बन रहे हैं, इनमें सरिए या ईंट का उपयोग बिल्कुल भी नहीं हो रहा है। इनके निर्माण में तीन हजार से ज्यादा शिल्पकार और मजदूर बीस साल से लगातार काम कर रहे हैं।
ज्यादातर नागर शैली में बन रहे ये मंदिर भारतीय स्थापत्य कला को नई पहचान देंगे। आइये जानते हैं उनकी प्रेरणा से बन रहे मंदिरों की विशेषता के बारे में।
सागर: सबसे बड़ा चतुर्मुखी जैन मंदिर
सागर के खुरई रोड स्थित भाग्योदय तीर्थ परिसर में एक एकड़ में लाल और पीले पत्थरों से दुनिया का सबसे बड़ा चतुर्मुखी जैन मंदिर बन रहा है। मंदिर में चारों ओर से प्रवेश किया जा सकेगा। 94 फीट ऊंची सीढिय़ां होंगी, जो ऊंचाई की तरफ कम होती जाएंगी। इससे यह भी नहीं पता चलेगा कि आप किस तरफ से आए। शिखर सहित मंदिर की ऊंचाई 216 फीट होगी। चारों दिशाओं में हाथी की मूर्तियां ऐसे लगेंगी कि मंदिर पीठ पर रखा दिखेगा। 2025 तक निर्माण लक्ष्य।
भोपाल: 1008 प्रतिमाएं, 101 फीट ऊंचाई
भोपाल के हबीबगंज में पंच बालयती, त्रिकाल चौबीसी, सहस्त्रकूट जिनालय देश का पहला पांच मंजिला और पीले पत्थरों से निर्मित जैन मंदिर होगा। परिसर में ही आधुनिक संसाधनों से युक्त अस्पताल, छात्रावास, ग्रंथालय, संत निवास, धर्मसभा के लिए विशाल हॉल और 250 कारों की कवर्ड पार्किंग होगी।
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दो एकड़ स्थान में 21 हजार वर्ग फीट में आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर का निर्माण दिन-रात चल रहा है। 101 फीट (शिखर छोड़कर) की ऊंचाई वाले मंदिर की बुनियाद 17 फीट है। 50 करोड़ से बन रहे मंदिर में जैसलमेर का पीला पत्थर लग रहा है। 1008 जिन प्रतिमाएं बड़े स्वरूप में स्थापित होंगी।
अमरकंटक: विश्व की सबसे वजनी प्रतिमा
सर्वोदय मंदिर चार एकड़ में 20 वर्ष से काम चल रहा है। 17 हजार किलो अष्टधातु की कमल आसन पर आदिनाथ की 24 फीट ऊंची 24 हजार किलो अष्टधातु की विश्व की सबसे वजनी प्रतिमा है। 144 फीट ऊंचा गुंबद होगा। आचार्यश्री का संकेत मिलते ही अप्रेल में पंचकल्याणक की संभावना है।
विदिशा : 135 फीट ऊंचा शीतलधाम मंदिर
भगवान शीतलनाथ के चार कल्याणकों से सुशोभित विदिशा में 135 फीट का समवशरण मंदिर आकार रहा। 72 प्रतिमाएं होंगी, जिसमें कल्पवृक्ष पर चारों ओर शीतलनाथ की चार बड़ी प्रतिमाएं होंगी। 65 फीट से ज्यादा का निर्माण हो गया, 2023 में पूरा करने का लक्ष्य।
टीकमगढ़: विश्व का पहला रजत मंदिर
टीकमगढ़ से 45 किमी दूर झांसी मार्ग पर अतिशय क्षेत्र बंधा में 200 करोड़ से देश का पहला रजत मंदिर बना रहा। 24 तीर्थंकरों की 25 इंच ऊंची 2-2 क्विंटल की चांदी की प्रतिमा लगेंगी। एक प्रतिमा की लागत 1.32 करोड़ रुपए से ज्यादा होगी। निर्माण जैसलमेर के पीले पत्थरों से होगा, ये पत्थर सोने जैसी चमक रखते हैं। 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है। सहस्त्रकूट जिनालय में 1008 प्रतिमाएं होंगी।
यहां काम में अभी समय लगेगा-
जबलपुर : तिलवाराघाट में 238 फीट ऊंचा मंदिर
संस्कारधानी जबलपुर के तिलवाराघाट स्थित दयोदय आश्रम परिसर में 238 फीट ऊंचे मंदिर निर्माण की डिजाइन तैयार हो गई। आचार्यश्री के 2021 में चातुर्मास के दौरान निर्माण की रूपरेखा बनी। करीब 450 करोड़ रुपए की लागत आएगी।
इंदौर: प्रतिभास्थली में सहस्त्रकूट-सर्वत्रोभद्र मंदिर
इंदौर के रेवती रेंज स्थित प्रतिभास्थली परिसर में सहस्त्रकूट 126 फीट ऊंचा जिनालय बनेगा।
सिद्धभगवान और धातु की 1008 प्रतिमाएं होंगी। यहां सर्वत्रोभद्र मंदिर भी बनेगा। 225 फीट ऊंचे तीन मंजिला मंदिर में धातु की 324 प्रतिमाएं होंगी।
इन मंदिरों का हो रहा पुनर्निर्माण-
तेंदूखेड़ा मंदिर दमोह
दमोह जिले के तेंदूखेड़ा में 2016 से सफेद संगमरमर से भगवान पार्श्वनाथ प्रदेश का एकलौता मंदिर बन रहा है। गर्भगृह और दूसरे तल में 24 स्तंभ होंगे। तीन शिखर पर कलशों की स्थापना होगी। पुराने पारसनाथ मंदिर एवं महावीर मंदिर के समोशरण को एक मंदिर में विराजमान करने का निर्णय लिया गया।
भोपाल: टीटी नगर मंदिर
भोपाल के साउथ टीटी नगर क्षेत्र में 73 साल पुराना टीन शेड के जैन मंदिर का पुनर्निर्माण किया जा रहा है। नागर शैली में तीन मंजिला मंदिर 12 करोड़ से बनकर तैयार होगा। इसमें महावीर भगवान की 11 फीट ऊंची पदमासन प्रतिमा विराजमान रहेगी। दूसरी मंजिल पर तीन वेदियां रहेंगी। 1965 में बने प्राचीन मंदिर की ऊंचाई 35 फीट थी, जो पुनर्निर्माण के बाद 121 फीट होगी।
यहां भी बन रहे मंदिर-
1. पारसनाथ जैन मंदिर
गोपालगंज, सागर
लागत : करीब 70 करोड़
2. रामपुरा जैन मंदिर, सागर
लागत : 07 करोड़
3. बीना बारह जैन मंदिर, सागर
लागत : 20 करोड़
4. खुरई जैन मंदिर, सागर
लागत : 20 करोड़
5. नरयावली जैन मंदिर, सागर
लागत : 06 करोड़ रुपए
6. दिगंबर जैन मंदिर, खजुराहो
लागत : 11 करोड़ रुपए
7. पृथ्वीपुर जैन मंदिर, निवाड़ी
लागत : 02 करोड़ रुपए