मंदिर

INDIAN Temples: जहां किसी देवी-देवता की नहीं, बल्कि होती है राक्षसों व इंसानों की पूजा

देवी-देवताओं के साथ-साथ राक्षसों की पूजा…

Jun 25, 2021 / 02:35 pm

दीपेश तिवारी

demons temples

हमारा देश भारत प्राचीन काल से ही धर्म और आध्यात्म में काफी आगे रहा है। यहां समय समय पर धर्म को सुदृढ़ करने के लिए अनेक मंदिरों temples का निर्माण किया जाता रहा है। जो कि लोगों की विभिन्न आस्थाओं से जुड़े रहे हैं। ऐसे में विविधताओं से भरे India भारत में अनेक सभ्यताओं और धर्म के लोग रहते हैं। जो अपनी अपनी मान्यताओं के अनुसार पूजा आराधना करते हैं।

हमारे देश में god temple देवी देवताओं से अनेक मंदिर हैं, जिनके कारण एक ओर जहां मंदिर शब्द सुनते ही मंदिर में विराजित भगवान की कल्पना हमारे मस्तिष्क में आती है, वहीं क्या आप जानते हैं कि देश में कई जगहों पर demons temples राक्षसों, इंसानों व पक्षियों की भी पूजा की जाती है।

Must Read- UNLOCK INDIA: अनलॉक के तहत देशभर में मंदिर खुलने हुए शुरु, दर्शन के लिए ये हैं गाइडलाइन

देवी-देवताओं के साथ-साथ weird temple in india राक्षसों की पूजा का वर्णन रामायण एवं महाभारत जैसे कई धर्मग्रंथों मिलता है। वहीं देश के विभिन्न unique temple प्राचीन मंदिरों में कुछ ऐसे भी मंदिर हैं जहां पर किसी देवी देवता की नहीं बल्कि मनुष्यों व राक्षसों demons worship की पूजा होती है।

 

1. Hadimba Temple : हिंडिबा का मंदिर

हिमाचल प्रदेश के मनाली में प्राचीन काल की एक राक्षसी हिंडिबा का मंदिर हैं, हिडिंबा महाभारत काल में पांचों पांडवों में सबसे बलशाली भीम की पत्नी थी। इस मंदिर में उसकी पूजा होती है और उसे खून चढ़ाया जाता है।

2. रावण की पूजा के लिए 2 प्रमुख मंदिर…
देश के विदिशा (मध्यप्रदेश) व कानपुर (उत्तर प्रदेश) में दशानन रावण के मंदिर मौजूद हैं। जिनमें से विदिशा जिले की नटेरन तहसील के रावण गांव मे worship of ravana रावण की पूजा होती है। यहां सदियों से रावण की विशाल प्रतिमा जमीन पर लेटी हुई अवस्था में है।

इस प्रतिमा को आज तक कोई हिला भी नही ́पाया। इस गांव में रावण को पूज्यनीय माना जाता है। उन्हे ́रावण बाबा के रूप मे ́पुकारा जाता है। ग्रामीणों की मान्यता है कि रावण बाबा की पूजा के बिना यहां कोई कार्य सफल नही होता। गांव मे कोई भी मंगल कार्य होने के अलावा त्योहारो पर भी सर्वप्रथम रावण बाबा की पूजा की जाती है और भोग अर्पित किया जाता है।

Must Read- लुप्त हो जाएगा आठवां बैकुंठ बद्रीनाथ : जानिये कब और कैसे! फिर यहां होगा भविष्य बद्री…

badrinath temple

वहीं कानपुर शिवला इलाके में 1890 में बनाया गया ravan temple at kanpur दशानन मंदिर है। जहां हर साल दशहरा पर भक्तों के लिए मंदिर खोला जाता है। दशहरे के दिन हर साल भक्तों द्वारा यहां आरती करने के अलावा मिटटी के दीपक जलाए जाते हैं।

वहीं इस मंदिर के निर्माण का मकसद रावण को एक ज्ञानी विद्वान और भगवान शिव के सबसे बड़ा भक्त के रूप में याद रखना बताया जाता है। इसी सोच के तहत मंदिर का निर्माण इस जिले के शिवला इलाके में भगवान शिव मंदिर के परिसर में किया गया।

इसके अलावा उप्र के बिसरख गांव,जोधपुर व मंदसौर जिले में रावण को जमाई माना जाता है। वहीं आंध्र प्रदेश के काकिनाड शहर में समुद्र के किनारे भी रावण का मंदिर बना हुआ है

3. गोकुल में पूतना का मंदिर
गोकुल (उत्तर प्रदेश) में श्रीकृष्ण को दूध पिलाकर मारने का प्रयास करने वाली putna temple पूतना का भी मंदिर हैं। यहां श्रीकृष्ण को दूध पिलाते हुई पूतना की प्रतिमा है। इस मंदिर को बनाने का कारण ये बताया जाता है कि भले ही मारने के उद्देश्य से ही सही लेकिन पूतना ने मां के रूप में श्री कृष्ण भगवान को दूध पिलाया था।

Must Read- पांडवों की कुल देवी का मंदिर

kuldevi of pandavs
4. अहिरावण का मंदिर
श्रीराम को पाताल में ले जाने वाला रावण के भाई अहिरावण का मंदिर उत्तर प्रदेश के झांसी शहर में मौजूद है। जहां हनुमान जी के साथ अहिरावण और उसका भाई महिरावण की भी पूजा की जाती है। यह मंदिर झांसी शहर के पचकुइंया इलाके में मौजूद करीब 300 साल पुराना है।
वहीं ग्वालियर में मकरध्वज का Makardhwaj temple एक अद्भुत मंदिर है। ये अपनी तरह का भारत में इकलौता मंदिर है। ये वही मकरध्वज है, जिनका जन्म एक मत्स्य कन्या से हुआ। मकरध्वज का संबंध कुछ पौराणिक ग्रंथों में हनुमान पुत्र के रूप में भी जोड़ा जाता है। जिसकी अपनी कहानी है।
5. shakuni temple : शकुनी का मंदिर
महाभारत के एक मुख्य किरदार Mama Shakuni Temple मामा शकुनी का भी एक मंदिर केरल के कोल्लम जिले हैं। अपनी नकारात्मक प्रवृति के कारण ही शकुनि राक्षस में गिने जाते हैं। इस मंदिर में भक्त नारियल और रेशम के कपड़े से शकुनि की पूजा करते है साथ ही यहां तांत्रिक क्रियाएं भी होती हैं।
6. दुर्योधन का मंदिर

केरल के कोल्लम जिले में शकुनी के मंदिर से कुछ दूरी पर महाभारत के एक अ्न्य किरदार दुर्योधन का भी मंदिर है। दुर्योधन कौरव थे और आज भी यहां के लोग इनकी पूजा में विशेष आस्था रखते हैं।
https://youtu.be/ID4Hrn_EE9M
1. पांडवों में से एक सहदेव का मंदिर हिमाचल के सोलन में है। यह बहुत ही चमत्कारी मंदिर है।

2. महाभारत के karna temple कर्ण का एक मंदिर Karna उत्तराखंड में है। कर्ण आज दुनिया में दानवीर कर्ण के नाम से प्रसिद्ध हैं।
3. पांडवों की पत्नी द्रोपदी का draupadi temple एक मंदिर कर्नाटक स्थित बेंगलुरू में है। यह मंदिर लगभग 800 साल पुराना माना जाता है।

4. महाभारत के भीष्म पितामाह का एक मंदिर उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में है। इस मंदिर में तीरों की शैय्या पर भीष्म पितामाह की लेटी हुई मुर्ति है।
5. मैसूर में कौरवों का मां गांधारी का भी एक मंदिर है। यह मंदिर कई मामलों में विचित्र है, जहां गांधारी की पूजा होती है।

इनके अलावा महाराष्ट्र के नासिक में सीता हरण के समय रावण से माता सीता को बचाने के लिए युद्ध करने वाले जटायू का भी मंदिर है। इस मंदिर की प्रसिद्धि मोक्ष तीर्थ के नाम से है।

Hindi News / Astrology and Spirituality / Temples / INDIAN Temples: जहां किसी देवी-देवता की नहीं, बल्कि होती है राक्षसों व इंसानों की पूजा

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.