अगर किसी के कुंडली में कालसर्प दोष है और वह इससे मुक्ति पाना चाहते हैं तो इसके लिए नाग पंचमी का दिन सबसे उत्तम माना गया है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसे माग मंदिरों के बारे में, जिसके बारे में कहा जाता है कि इनके दर्शन मात्र से ही कास सर्प दोष से मुक्ति मिल जाती है।
नागचंद्रेश्वर मंदिर नागचंद्रेश्वर मंदिर देश के प्रसिद्ध नाग मंदिरों में से एक है। यह मंदिर उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर परिसर में हैं। नागचंद्रेश्वर मंदिर की सबसे खास बात ये है कि यह मंदिर साल में एक बार ही आम लोगों के लिए खुलता है। नाग पंचमी के दिन 24 घंटे के लिए यह मंदिर खुलता है। इस मंदिर में शिव जी और माता पार्वती नाग के फन पर बैठे हुए हैं। कहा जाता है कि नाग पंचमी के दिन जो भी इनका दर्शन करता है, उसकी कुंडली से कालसर्प दोष दूर हो जाता है।
तक्षकेश्वर नाथ नागदेव का यह मंदिर प्रयागराज के पास हनुमाम मंदिर के पास स्थित है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि नाग पंचमी के दिन यहां जो भी भगवान शिव का दर्शन करता है, उसको कालसर्प दोष से छुटकारा मिलता है। मान्यता है कि आने वाली पीढ़ी भी दर्शन मात्र से कालसर्प दोष से मुक्त हो जाता है।
मन्नारशाला मंदिर नागदेव के प्राचीन मंदिरों मे एक मन्नारशाला मंदिर भी है। यह मंदिर केरल के अलेप्पी जिले में है। इस मंदिर में 30 हजार नागों की प्रतिमाएं देखने को मिलती है। यहां पर नागराज और उनकी पत्नी नागयक्षी देवी की प्रतिमा भी मौजूद है।
नाग वासुकी मंदिर नागदेव का यह मंदिर प्रयागराज के संगम के पास ही दारागंज में स्थित है। इस मंदिर को नाग वासुकी के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन यहां पर दर्शन करने मात्र से कालसर्प दोष से छुटकारा मिल जाता है।