हम बात कर रहे हैं मध्यप्रदेश के एक शिवमंदिर की जो मध्यप्रदेश में ग्वालियर के पास इंदरगढ़ नगर के दतिया रोड पर स्थित है। इसे प्राचीन गो-पुरुष शंकर मंदिर ने नाम से जाना जाता है, साथ ही यह काफी प्राचीन और आस्था का केंद्र है।
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ऐसे पड़ा मंदिर का नाम…
मान्यता अनुसार पूर्व समय में इस मंदिर में पहुंचकर एक गाय प्रतिदिन अपने थनों से एक शिला पर दूध चढ़ाती थी, इसलिए मंदिर का नाम ही गो-पुरुष मंदिर पड़ गया। यहां पर प्रतिवर्ष शिवरात्रि पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है।
राजा को भी नहीं मिला शिला का छोर…
गो-पुरुष शिव मंदिर के संबंध में बताया है कि इस स्थान पर एक पत्थर की शिला थी, जिस पर प्रतिदिन एक गाय आकर अपने थनों से दूध चढ़ाती थी। बताया जाता है कि यहां आने वाली गाय जब इस शिला के पास जाती थी, तो उसके थनों से अपने आप दूध की धारा बहने लगती थी, जिसे वह शिला के उपर चढ़ा देती थी।
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इस भक्तिमय प्रक्रिया को जब एक बार यहां के राजा ने देखा तो उन्होंने उस पत्थर की शिला की खुदाई करवाई। काफी गहरी खुदाई की गई पर शिला का छोर नहीं मिला, तो खुदाई बंद कर दी गई। बाद में इसी स्थान पर मंदिर बनवाकर भगवान शंकर व नंदी महाराज की मूर्ति स्थापित कराई।
यह शिला अभी भी भगवान शिव जी की पिंडी के पास स्थित है। जिसे साक्षात भगवान शिव की मूर्ति माना जाता है। सावन के महीने में हर दिन हजारों की संख्या में भक्त मंदिर पर दर्शन करने पहुंचते हैं और अभिषेक कर पूजा-अर्चना करते हैं।