krishna janmashtami 2019 : विश्व प्रसिद्ध भगवान श्रीकृष्ण के 10 मंदिर
हमारे देश में भगवान श्रीकृष्ण ( Lord krishna ) के अनगिनत मंदिर हैं। इन मंदिरों में वैसे तो हमेश श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है लेकिन जन्माष्टमी के वक्त कृष्ण भक्तों की संख्या बढ़ जाती है। इनमें से कुछ ऐसे मंदिर भी हैं, जो एकदम खास है। इस साल जन्माष्टमी 24 अगस्त को है। आइये जन्माष्टमी ( krishna janmashtami 2019 ) के पवित्र अवसर पर जानते हैं भगवान श्रीकृष्ण के कुछ खास मंदिरों के बारे में…
जगन्नाथ मंदिर : जगन्नाथ पुरी को पुराण में धरती का बैकुंठ कहा गया है। जगन्नाथ मंदिर की महीमा देश में ही नहीं, विश्व प्रसिद्ध है। पुरी में बना जगन्नाथ मंदिर भारत में हिंदुओं के चार धामों में से एक है। यह धाम 800 सालों से भी ज्यादा पुराना माना जाता है। जगन्नाथ मंदिर के शिखर पर स्थित झंडा हमेशा हवा की विपरीत दिशा में लहराता है।
प्रेम मंदिर, वृंदावन : वृंदावन का प्रेम मंदिर अत्यंत भव्य है। जन्माष्टमी के मौके पर प्रेम मंदिर की सजावट एकदम खास तरीके से की जाती है। वैसे तो इसकी सजावट हर दिन अलग तरीके के ही होती है। रात के वक्त यह मंदिर रंग-बिरंगी रोशनी से चमकता रहता है।
इस्कॉन मंदिर, वृंदावन : वृंदावन के इस्कॉन मंदिर को कृष्णा-बलराम मंदिर के नाम भी जाना जात है. ये मंदिर साल 1975 में बनाया गया था। वृंदावन के इस्कॉन मंदिर में श्रद्धालु झूमते-गाते हुए प्रभु की आराधना करते हैं। यहां पर बड़ी संख्या में विदेशी श्रद्धालु आते हैं।
द्वारकाधीश मंदिर, मथुरा : द्वारकाधीश मंदिर की आरती विशेष रूप से दर्शनीय होती है। इस मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण की सुंदर मूर्ति विराजमान है। यह मंदिर पावन यमुना नदी के घाट पर बना है।
श्रीनाथ जी मंदिर, नाथद्वारा राजस्थान : राजस्थान के नाथद्वारा में स्थित श्रीनाथ जी मंदिर अपनी मूर्तियों के लिए जाना जाता है। बताया जाता है कि यहां पर स्थापित मूर्तियों को मेवाड़ के राजा ने गोवर्धन की पहाड़ियों से औरंगजेब से बचाकर लाए थे। इस मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी हुआ था।
इस्कॉन मंदिर, बैंगलोर : बैंगलोर का इस्कॉन मंदिर भारत के सबसे बड़े इस्कॉन मंदिर में शुमार है। इस मंदिर का निर्माण 1997 में किया गया था। श्री रणछोड़ जी महाराज मंदिर, गुजरात : श्री रणछोड़ जी महाराज की मंदिर गोमती नदी के किनारे दकोर के मुख्य बाजार के बीचो-बीच स्थित है। इस मंदिर का निर्माण 1772 में मराठा नोबेल ने किया था। इस मंदिर में 8 गुंबद और 24 बुर्ज हैं, जो सोने से बनी हुई है। इस मंदिर के साथ लक्ष्मी जी का भी मंदिर है। मान्यता के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण लक्ष्मी जी से मिलने उनके मंदिर जाते हैं।
श्री पार्थसारथी स्वामी मंदिर, चेन्नई : बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 8वीं सदी में हुआ था। इस मंदिर में भगवान विष्णु की कई मूर्तियां हैं, जो कृष्ण भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं।
बालकृष्ण मंदिर, हंपी कर्नाटक : कर्नाटक के हंपी में स्थित बालकृष्ण मंदिर की संरचना बेहद अनोखे तरीके से की गई है। इस मंदिर का शुमार UNESCO द्वारा वर्ल्ड हेरिटेज में किया जा चुका है। यहां पर बालकृष्ण विराजमान हैं।
उडुपी श्री कृष्ण मठ, कर्नाटक : उडुपी श्री कृष्ण मठ का निर्माण 13वीं सदी में हुआ था। यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित एक प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर के पास मौजूद तालाब के पानी में मंदिर का प्रतिबिंब दिखाई देता है।