मंदिर

भूतों का अड्डा है ये चमत्कारी मंदिर? दिल थामकर जाते हैं वैज्ञानिक

उत्तराखंड का यह पूरा क्षेत्र ठीक उसी तरह से मैगनेटिक एनर्जी से चार्ज रहता है जैसे ब्रिटेन का स्टोन हेंग और पेरू केमाचू- पिच्चू।

Dec 04, 2017 / 06:09 pm

राहुल

नई दिल्ली। दुनियाभर में वैसे तो ऐसी जगहों की कोई कमी नहीं है, जो अपनी चमत्कारी वजह से जानी जाती हैं। ये वही जगहें होती हैं जिनके चमत्कारी हचलचों को देखने के लिए भारी तादाद में लोग यहां आते हैं और अनुभव प्राप्त करते हैं। इतना ही नहीं इनमें से तो कुछ जगहें ऐसी भी होती हैं जो ज़रुरत से ज़्यादा चमत्कारी होती हैं। इनके चमत्कार इतने ज़्यादा हो जाते हैं कि खुद नासा वालों को भी यहां आना पड़ जाता है।
दुनिया में ऐसे चमत्कारी जगहों की कोई कमी नहीं है। और ऐसा नहीं है कि ये चमत्कारी जगहें सिर्फ विदेशों में ही है। बल्कि भारत में भी ऐसे कई चमत्कारी जगहें मौजूद हैं। उन्हीं में से आज हम एक ऐसी ही जगह की बात करेंगे जो अपने चमत्कारी शक्ति के लिए जाना जाता है। दरअसल हम जिस जगह की बात कर रहे हैं वो एक मंदिर है जो उत्तराखंड में स्थित है।
उत्तराखंड के अल्मोड़ा ज़िले में स्थित ये चमत्कारी मंदिर अपनी खास चुंबकीय शक्ति के लिए जाना जाता है। इस मंदिर का यह रहस्यमयी चमत्कार अब इताना प्रसिद्ध हो चुका है कि यहां नासा के वैज्ञानिकों ने भी खूब रिसर्च की, लेकिन वे यहां से खाली हाथ ही वापस लौट गए। दरअसल मंदिर के आस-पास का पूरा इलाका एक शक्तिशाली चुंबकीय ताकत से परिपूर्ण है। इस चमत्कारी मंदिर का नाम कसार देवी मंदिर है।
उत्तराखंड का यह पूरा क्षेत्र ठीक उसी तरह से मैगनेटिक एनर्जी से चार्ज रहता है जैसे ब्रिटेन का स्टोन हेंग और पेरू केमाचू- पिच्चू। ये दोनों इलाके भी ठीक ऐसी ही विषेश शक्ति से चार्ज रहते हैं। इस मंदिर के लिए कहा जाता है कि यह जगह आध्यात्मिक साधना के लिए एक उत्तम जगह है। इतना ही नहीं खुद स्वामी विवेकानंद भी इस जगह साधना के लिए आए थे।
इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहां खुद मां दुर्गा प्रकट हुईं थी और दो राक्षसों का वध किया था। मंदिर तक पहुंचने के लिए सैकड़ों सीढ़ियों को चढ़ना होता है, जिसे भक्त बिना किसी दिक्कत के आसानी से चढ़ जाते हैं।

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