मंदिर

वास्तुकला के अद्भुत नमूने हैं कन्याकुमारी के ये तीर्थ मंदिर, जानें क्यों हैं दुनिया भर में मशहूर

पत्रिका.कॉम इस लेख में आपको बता रहा है कन्याकुमारी के फेमस तीर्थ मंदिरों के बारे में, जिनकी वास्तु कला और रोचक इतिहास इन्हें आकर्षण का केंद्र बनाता है। यहां जानें कब जाएं, कैसे पहुंचे यहां…
 

Jan 27, 2023 / 02:08 pm

Sanjana Kumar

,,,,

 

प्राचीन काल से ही धर्म, कला और संस्कृति के के लिए देश के राज्य कन्याकुमारी का नाम दुनिया भर में जाना-पहचाना जाता है। यह देश का धर्म, कला और संस्कृति का प्रमुख केंद्र है। देश के सबसे दक्षिण छोर पर बसा यह आकर्षण स्थल खूबसूरत पर्यटक स्थलों ही नहीं बल्कि प्राचीन मंदिरों के कारण तीर्थ यात्रियों के बीच भी अपनी खास पहचान और महत्व रखता है। पत्रिका.कॉम इस लेख में आपको बता रहा है कन्याकुमारी के फेमस तीर्थ मंदिरों के बारे में, जिनकी वास्तु कला और रोचक इतिहास इन्हें आकर्षण का केंद्र बनाता है। यहां जानें कब जाएं, कैसे पहुंचे यहां…


थानुमलय मंदिर
थानुमलय मंदिर कन्याकुमारी के सुचिन्द्रम में स्थित है। इस मंदिर को स्थानुमलयन कोविल के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और शिव को समर्पित मंदिर माना जाता है। इस खूबसूरत मंदिर का पुनर्निर्माण 17वीं शताब्दी में किया गया था। इस मंदिर की जानकारी उपलब्ध कराते शिलालेख 9वीं शताब्दी के हैं। यहां अलंकार मंडपम क्षेत्र में रखे गए एक ही पत्थर से बने चार संगीत स्तंभ इस मंदिर का सबसे बड़ा आकर्षण हैं। जब आप इन संगीत स्तम्भ पर अंगूठा या उंगली रखेते हैें तो, इनसे कई संगीतमय स्वरों का ध्वनि उत्पन्न होती है। इस मंदिर में हर साल रथोत्सव और तेप्पम त्यौहार मनाया जाता है। ये त्योहार उत्सव यहां आने वाले हर श्रद्धालु के लिए आकर्षण का केंद्र होते हैं। यदि आप भी इस मंदिर में दर्शन के लिए जाना चाहते हैं तो आपको बता दें कि दर्शन के लिए यह मंदिर सुबह 4 बजकर 30 मिनट पर खुल जाता है। और से दोपहर 12 बजे के इसके पट बंद कर दिए जाते हैं। वहीं शाम के समय यह 5 बजे खुल जाता है फिर रात में 8 बजकर 30 मिनट पर इसके पट बंद कर दिए जाते हैं।

ये भी पढ़ें: Kailash Mansarovar : शिव के इस धाम में नहीं पहुंच पाता कोई, वैज्ञानिक भी रहते हैं दूर

ये भी पढ़ें: ये हैं दुनिया के 10 चमत्कारिक मंदिर, इनका रहस्य कर देता है हैरान

kumari_amman_mandir_kanyakumari.jpg

कुमारी अम्मन मंदिर
कुमारी अम्मन मंदिर कन्याकुमारी की सांस्कृतिक महत्व रखने वाली नगरी में स्थित है। यह भव्य मंदिर समुद्र तट के किनारे बना है। यहां हजारों पर्यटक दर्शन के लिए आते हैं। देवी कुमारी मंदिर, कुमारी अम्मन मंदिर और भगवती अम्मन मंदिर के रूप में जाना जाने वाला यह मंदिर अपनी शानदार वास्तुकला के लिए दुनिया भर में मशहूर है। माना जाता है कि इसकी वास्तु कला को पांड्यों ने आकार दिया था। बाद में नायकों ने इसे पुनर्निर्मित किया। यहा कोई भी गैर हिन्दू को जाने की अनुमति नहीं है। यदि आप इस मंदिर में दर्शन करने जाना चाहते हैं तो आपको बता दें कि यह प्रात:काल 4 बजकर 30 मिनट पर खुलता है और दोपहर 12 बजे इसके पट बंद कर दिए जाते हैं। वहीं शाम को यह 4 बजे दर्शन के लिए खुलता है तो रात में 8 बजकर 30 मिनट पर इसके पट बंद कर दिए जाते हैं।

 

आदि केशव पेरुमल मंदिर
आदिकेशवपेरुमल मंदिर तमिलनाडु के कन्याकुमारी जिले के तिरुवत्तर में स्थित है। कन्याकुमारी में आदिकेशव पेरुमल मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित 108 दिव्य देशमों में से एक माना गया है। कन्याकुमारी का ये मंदिर शहर से दूर एकांत जगह पर मौजूद है और तीन नदियों कोठाई, पहरली, थमीरबरनी से घिरा हुआ है। शहर से दूर, शांतिपूर्ण माहौल के साथ, यह मंदिर उन लोगों के लिए आदर्श स्थान है जो पूजा करने के लिए एक शांत वातावरण की तलाश में रहते हैं। इस मंदिर के चारों ओर ऐसी शांति है कि आस-पास में बहने वाली नदियों की आवाज स्पष्ट रूप से सुन सकते हैं। ये मंदिर सुबह 5 बजे से दोपहर 12 बजे तक खुला रहता है और शाम 5 बजे से रात 8 बजकर 30 मिनट पर बंद हो जाता है।

 

ये भी पढ़ें: shivpataleshvar temple in UP: इस मंदिर में अंतिम आस लगाए पहुंचते हैं गंभीर रोगी, भक्तों को सेहत पर दिखता है चमत्कारिक असर

ये भी पढ़ें: त्रेता युग में मिलता है इस शनि पर्वत का उल्लेख, यहां है सबसे प्राचीन शनिदेव का मंदिर

mandikadu_bhagvati_mandir_kanyakumari.jpg

मंडिकाडु भगवती मंदिर
देवी पार्वती को समर्पित मांडाइकाडु भगवती मंदिर कन्याकुमारी जिले में कोलाचेल के पास स्थित है। जो समुद्र के किनारे है और केरल और तमिलनाडु दोनों जगह के लोगों के लिए पूजा का प्रमुख केंद्र माना जाता है। वास्तव में, यह मंदिर अपनी केरल शैली की वास्तुकला और देवी पार्वती की असाधारण सुंदर मूर्ति के कारण पर्यटकों को बेहद लुभाता है। यह मंदिर अपनी स्थापत्य कला की उत्कृष्टता के लिए जाना जाता है। यहां की मूर्तियों और मंदिर के भीतर से ही समुद्र के एक असाधारण दृश्य के कारण इसे काफी महत्वपूर्ण माना जाता है।

 

tirunanthikuraygufa_mandir_kanya_kumari.jpg

तिरुनंथिकराय गुफा मंदिर
कन्याकुमारी का तिरुनंथिकराय गुफा मंदिर भगवान शिव को समर्पित मंदिर है। यह मंदिर अपनी प्राचीन दक्षिण भारतीय वास्तुकला के लिए जाना जाता है। सुखद वातावरण और प्राकृतिक सुंदरता से घिरा यह मंदिर हर साल हजारों तीर्थ यात्रियों को आकर्षित करता है। माना जाता है कि इसे 7वीं शताब्दी में बनाया गया था और इसे चोल वंश के राजा, राजा चोल प्रथम ने 9वीं शताब्दी में पुनर्निर्माण के लिए अपने कब्जे में ले लिया था। उसके बाद, उन्होंने शिवलिंग को पवित्र घोषित करके और सुंदर नक्काशीदार संरचनाओं को स्थापित करके मंदिर के आंतरिक भाग को डिजाइन किया था। इस मंदिर के पट सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक खुले रहते हैं।

ये भी पढ़ें: दिल से सच्चे, दृढ़निश्चय होते हैं वृषभ राशि के लोग, यहां जानें किन क्षेत्रों में बनाना चाहिए कॅरियर

ये भी पढ़ें: Vastu Tips to career : चांदी का हाथी घर में लाता है सौभाग्य, दिलाता है मान-सम्मान

vadaku_thamaraikulam_krishnalya_mandir_kanyakumari.jpg

वडाकु थमाराइकुलम कृष्णालयम मंदिर
तमिलनाडु के कन्या कुमारी जिले में स्वामीथोप्पु के पास वडाकु थमाराइकुलम कृष्णालयम एक आधुनिक मंदिर है। यह मंदिर भगवान श्री कृष्ण को समर्पित मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण कार्य सन् 2005 तक पूरा हुआ है। इस आधुनिक मंदिर में जन्माष्टमी का त्यौहार धूमधाम से मनाया जाता है। तमिल में वडाकु थमाराइकुलम का अर्थ है ‘उत्तरी कमल का तालाब’। इस मंदिर के भीतर एक बड़ा तालाब मौजूद है। इस मंदिर में दर्शन करने जा रहे हैं, तो आप सुबह 5 बजे से दोपहर 12 बजे के बीच यहां जा सकते हैं। इसके अलावा आप यहां शाम 5 बजे से रात 8:30 बजे तक भी दर्शन कर सकते हैं।

 

 

कैसे पहुंचे कन्या कुमारी
ट्रेन से : कन्याकुमारी रेलवे स्टेशन ही कन्याकुमारी का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है, लेकिन देश के सभी बड़े शहरों से कन्याकुमारी के लिए डायरेक्ट ट्रेन की सुविधा ना होने की वजह से पर्यटकों को नागरकोविल या तिरुवनंतपुरम के लिए ही ट्रेन मिल पाती है। अगर आप कन्याकुमारी ट्रिप पर जा रहे हैं और आपके या आपके नजदीकी शहर से कन्याकुमारी के लिए डायरेक्ट ट्रेन ना मिले, तो आप नागरकोविल या तिरुवनंतपुरम रेलवे स्टेशन तक ट्रेन से आ सकते हैं, जहां से कन्याकुमारी की दूरी करीब 16 किमी. और 85 किमी. रह जाती है।

देश के प्रमुख शहरों के नाम, जहां से कन्याकुमारी, नागरकोविल और तिरुवनंतपुरम के लिए ट्रेनें चलती हैं

– कन्याकुमारी – नई दिल्ली, आनंद विहार, हजरत निजामुद्दीन, आगरा, लुधियाना, हावड़ा आदि।

नागरकोविल – पुणे, सूरत, जामनगर, मडगांव, वास्को डी गामा आदि।

तिरुवनंतपुरम – लुधियाना, पठानकोट, गोरखपुर, इंदौर आदि।

बस से : चेन्नई, बैंगलोर, मदुरै, कोयंबटूर, ऊंटी, होसुर, पांडिचेरी, तमिलनाडु (धरमपुरी), तिरुचिरापली और तिरुवनंतपुरम से कन्याकुमारी के लिए डायरेक्ट कई सारी बसें चलती हैं। अगर आप चाहें तो इन शहरों से बस द्वारा कन्याकुमारी आसानी से पहुंच सकते हैं।
– अगर आप देश के दूसरे शहरों से भी बिलॉन्ग करते हैं, तो वहां से इन शहरों तक आने के बाद बस पकड़ कर कन्याकुमारी जा सकते हैं।
– अगर आप तमिलनाडु के किसी भी बड़े शहर से बिलॉन्ग करते हैं, तो आप तमिलनाडु की गवर्नमेंट या प्राइवेट बस द्वारा आसानी से कन्याकुमारी पहुंच सकते हैं।

बाइक और कार से : कन्याकुमारी को देश के विभिन्न शहरों से जोडऩे वाली सड़कों की स्थिति काफी अच्छी है, इसलिए देश के किसी भी क्षेत्र से बाइक और कार द्वारा कन्याकुमारी पहुंचा जा सकता है। देश के सबसे अंतिम शहर या बिंदु कन्याकुमारी का ट्रिप कंप्लीट करने से आपको काफी अलग एक्सपीरियंस मिलेगा।

Hindi News / Astrology and Spirituality / Temples / वास्तुकला के अद्भुत नमूने हैं कन्याकुमारी के ये तीर्थ मंदिर, जानें क्यों हैं दुनिया भर में मशहूर

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.