कौन हैं बाबा नीम करोलीः स्थानीय लोगों के अनुसार 1961-1962 में चमत्कारी बाबा नीम करौली यहां ऊंची पहाड़ी पर स्थित कैंची धाम आए थे। 15 जून 1964 में इन्होंने हनुमानजी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की। इस मंदिर में भगवान राम सीता और दुर्गा जी का भी मंदिर है। कैंची धाम बाबा नीम करौली और हनुमानजी की महिमा के लिए प्रसिद्ध है। कहा जाता है जो भी व्यक्ति यहां आता है अपनी समस्या का हल प्राप्त करता है।
बाबा नीम करौली का असली नाम लक्ष्मी नारायण शर्मा था। वे यूपी के फिरोजाबाद जिले के अकबरपुर गांव से यहां तपस्या करने आए थे। इनका जन्म 1900 के आसपास हुआ था, 17 वर्ष की उम्र में इन्हें ज्ञान की प्राप्ति हो गई थी। हालांकि घर का त्याग 1958 में किया।
ये हैं भक्तः मंदिर के एक ट्रस्टी के अनुसार गूगल के पूर्व डायरेक्टर लैरी ब्रिलियंट ने आश्रम में फोन कर जानकारी दी थी कि जुकरबर्ग नाम का लड़का कैंची धाम आश्रम आ रहा है और कुछ दिन रूकेगा। जुकरबर्ग यहां आए लेकिन मौसम खराब होने की वजह से दो दिन रूके थे। मंदिर के अधिकारियों का कहना है कि जूलिया रॉबर्ट्स, ड्रग एलएसडी प्रभाव पर रिसर्च करने वाले डॉ रिचर्ड एल्पेर्ट भी यहां आ चुके हैं। स्टीव जॉब्स के भी आध्यात्मिक ज्ञान की खोज में यहां आने की बात कही जाती है। कहा जाता है कि इस धाम की यात्रा से उनका जीवन बदल गया। विराट कोहली और अनुष्का शर्मा भी यहां यात्रा कर चुके हैं।