दावा किया जा रहा है कि यह देश की पहली पाषाण की मूर्ति (Lord Shiva) होगी, जो इतनी वजनी और ऊंची है। समिति से जुड़े लोगों के अनुसार मानसरोवर धाम का निर्माण कार्य श्रीराम कमल दास वेदांतीजी के सानिध्य में चल रहा है। यहां शिवलोक में 11 फीट ऊंचा शिवलिंग बनाने के अलावा इसके अंदर 1008 छोटे शिवलिंग (Lord Shiva) भी होंगे।
इन सभी के साथ ही मानसरोवर धाम में कैलाश पर्वत का भी निर्माण किया जा रहा है। जिसमें 12 ज्योतिर्लिंगों (Lord Shiva) को स्थापित किया जाएगा। जिनकी प्रतिमा 12 ज्योतिर्लिंग के स्वरूप की ही होंगी। इसके अलावा मानसरोवर धाम में हरदिन हजारों लोगों का भंडारा, राम कथा और वैदिक अनुष्ठान भी किए जाएंगे।
मंदिर की खासियत
यहां शिवलिंग (Lord Shiva) के सामने करीब 6 फीट के नंदी महाराज पहरेदारी करेंगे। इसके साथ ही यह बनाए जा रहे कैलाश पर्वत की लंबाई 120 फीट और ऊंचाई 63 फीट रहेगी। इसी अंदर 12 ज्योर्तिलिंग (Lord shiv) भी होंगे। यहां शिवलोक (shivlok) में एक कुंड भी होगा, जिसमें गौमुख से जल गिरता रहेगा। इन सब के साथ ही यहां ऊं नम: शिवाय और महा मृत्युंजय मंत्र का जाप भी होता रहेगा।
इसके अलावा शिवलोक (shivlok) में नंदी गेट बनाया जा रहा है। जिसमें 21 फीट ऊंचे नंदी बनाए जा रहे हैं। लंबाई 25 फीट रहेगी। नंदीजी के नीचे से ही शिवलोक में प्रवेश किया जाएगा। नंदी गेट के साथ डमरू गेट एवं शंख गेट का दोनों तरफ निर्माण भी हो रहा है। मानसरोवर धाम की प्लानिंग आर्किटेक्ट और वास्तु प्लानिंग के हिसाब से की जा रही है।