तिरुपति बालाजी मंदिर
भगवान वेंकटेश्वर तिरुपति बालाजी भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार भगवान बालाजी ने धन के देवता कुबेर से अपनी बेटी की शादी के लिए बड़ी रकम उधार ली थी। मान्यता है कि इस उधारी का कर्ज चुकाने आज भी श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं और मंदिर में अपनी श्रद्धा से धन, सोना आदि का चढ़ावा चढ़ाते हैं। इसकी एक खासियत यह भी है कि तिरुपति बालाजी का यह मंदिर दुनिया के सबसे अमीर मंदिरों में पहले स्थान पर आता है। यानी आप यहां यह भी कह सकते हैं कि ‘यह है दुनिया का सबसे अमीर मंदिर।’
काशी विश्वनाथ मंदिर
काशी में स्थित यह ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के पसंदीदा स्थानों में से एक स्थान माना गया है। पौराणिक कथाओं में जिक्र मिलता है कि काशी भगवान शिव के त्रिशूल पर विराजमान है। माना जाता है कि इस मंदिर के दर्शन करने से और गंगा नदी में स्नान करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
ये भी पढ़ें: नए साल में बृहस्पति का गोचर (Guru Gochar 2023) इन राशियों का चमकाएगा भाग्य, चारों तरफ से मिलेंगी खुशियां
मीनाक्षी अम्मन मंदिर
मीनाक्षी अम्मन मंदिर देश के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यह माता पार्वती को समर्पित मंदिर है। अपनी वास्तुकला के लिए यह मंदिर दुनिया भर में अपनी खास पहचान रखता है। यह मंदिर देश के बाकी मंदिरों से काफी अलग इसलिए भी माना जाता है, क्योंकि इस मंदिर में शिव और देवी पार्वती दोनों की एक साथ पूजा की जाती है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक सुंदरेश्वर के रूप में जन्मे भगवान शिव ने पार्वती (मीनाक्षी) से शादी करने के लिए मदुरई का दौरा किया था।
कामाख्या मंदिर
असम में स्थित कामाख्या देवी का मंदिर माता के शक्ति पीठों में से एक है। यह मंदिर चमत्कारी और रहस्यमयी माना जाता है। माना जाता है कि यहां देवी पूरे साल में 5 दिन के लिए रजस्वला भी होती हैं। इन दिनों ब्रह्मपुत्र नदी का पानी तक लाल हो जाता है।
ये भी पढ़ें: Kankali Mata Mandir यहां मां के चमत्कार देखने उमड़ती है श्रद्धालुओं की भीड़, दर्शन मात्र से होती है मुराद पूरी
सबरीमाला मंदिर
सबरीमाला में भगवान अयप्पन का मंदिर है। धार्मिक कथाओं के अनुसार भगवान अयप्पा भगवान शिव और विष्णु जी के मोहिनी रूप का ही अस्तित्व हैं। इस मंदिर में मासिक धर्म वाली महिलाओं को जाने की अनुमति नहीं है।
ये भी पढ़ें: यह है दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मंदिर, कहलाता है धरती का स्वर्ग
ये भी पढ़ें: ये है सबसे बड़ा जैन तीर्थ, इसे देखे बिना अधूरा माना जाता है जीवन
सोमनाथ मंदिर
गुजरात का यह मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना गया है। इतिहास बताता है कि इस मंदिर को कई बार तोड़ा गया लेकिन कई बार ध्वस्त होने के बावजूद इस मंदिर का निर्माण भी बार-बार किया गया। यही कारण है कि यह मंदिर आज भी अस्तित्व में है।
कैलाश पर्वत
हिमालय पर्वत की उच्चतम शृंखला मानसरोवर में स्थित इस पवित्र स्थल के बारे में कहा जाता है कि भगवान शिव स्वयं यहां विराजे हैं। वहीं यह स्थल पृथ्वी का केंद्र बिन्दु भी है। यह दुनिया के सबसे ऊंचे स्थान पर कैलाश मानसरोवर पर स्थित है। इसी पर्वत के आगे मेरु पर्वत है कैलाश पर्वत से मेरु पर्वत तक का यह इलाका देवलोक के नाम से पहचाना जाता है। रहस्य और चमत्कार से परिपूर्ण इस स्थान की महिमा हमें वेदों और पुराणों में भी देखने को मिलती है।
ये भी पढ़ें: यह है दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मंदिर, गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में दर्ज है इसका नाम
शनि शिंगणापुर
भारत देश में आपको सूर्य पुत्र शनिदेव के कई मंदिर देखने को मिलेंगे। इन्हीं मंदिरों में से एक प्रमुख मंदिर है महाराष्ट्र के अहमद नगर जिले में स्थित शिंगणापुर का शनि मंदिर। इस मंदिर की विशेषता यह है कि यहां स्थित शनि देव की पाषाण प्रतिमा बिना किसी छत्र के खुले आसमान के नीचे एक संगमरमर के चबूतरे पर विराजित की गई है। आपको जानकर हैरानी होगी कि आज भी शिंगणापुर शहर में शनि महाराज का इतना खौफ है कि शहर के अधिकांश घरों में खिड़की, दरवाजे और तिजोरियाँ नहीं हैं। दरवाजों की जगह पर्दे लगे हैं। लेकिन खुले घर-दुकानों के बावजूद यहां कभी चोरी की वारदातें सामने नहीं आतीं। यहां माना जाता है कि यहां चोरी करने वाले को खुद शनि देव सजा देते हैं। इस सजा के कई उदाहरण भी यहां लोग आसानी से दे देते हैं।
करणी माता मंदिर
राजस्थान के बीकानेर में स्थित करणी माता का मंदिर भारत के अनोखे और रहस्यमयी मंदिरों में से एक माना जाता है। इस मंदिर में 25,000 से ज्यादा काले चूहे रहते हैं। आमतौर पर कोई भी व्यक्ति चूहों की जूठी चीजें खाने की बजाय उसे फेंकना पसंद करता है। लेकिन इस मंदिर में भक्तों को चूहों का जूठा प्रसाद ही दिया जाता है और इसकी विशेषता यह है कि इस प्रसाद को खाने के बाद आज तक कोई बीमार भी नहीं पड़ा। जबकि लाखों की संख्या में यहां श्रद्धालु आते हैं। यहां चूहों के लिए भोजन की एक सुव्यवस्थित ढंग से व्यवस्था की गई है। माना जाता है कि यहां आने वाले हर भक्त की मनोकामना पूरी होती है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की जाती है कि वे पैरों को ऊपर उठाने की बजाय घसीटकर चलें। दरअसल यदि मंदिर में चलते हुए एक भी चूहा आपके पैरों के नीचे आ गया तो, इसे एक बहुत बड़ा अपशगुन माना जाता है। वहीं इसके विपरीत अगर कोई चूहा आपके पैरों के ऊपर से गुजर जाए तो माना जाता है कि आप पर माता रानी की विशेष कृपा बरसेगी। वहीं यदि इन काले चूहों के बीच आपने किसी सफेद चूहे को देख लिया तो, आपकी हर मनोकामना पूरी हो जाएगी।
ये भी पढ़ें: यह है दुनिया का चौथा सबसे बड़ा मंदिर, ये वैज्ञानिक तथ्य जानकर हैरान रह जाएंगे आप
अजंता एलोरा के मंदिर
अजंता एलोरा की गुफाएं देश के महाराष्ट्र राज्य के औरंगाबाद शहर के पास स्थित हैं। ये गुफाएं बड़ी-बड़ी चट्टानों को काट कर बनाई गई हैं। इनमें 29 गुफाएं अजंता में और 34 गुफाएं एलोरा में हैं। इन गुफाओं को विश्व धरोहर के रूप में संरक्षित किया गया है। इन गुफाओं को बनाने का श्रेय राष्ट्रकूट वंश के शासकों को दिया जाता है। इन गुफाओं से जुड़े रहस्यों को समझने के लिए वैज्ञानिक आज भी शोध में व्यस्त रहते हैं।