सामग्री – खोया या मावा – 500 ग्राम ( 2 1/2 कप)
तगार (बूरा) – 500 ( 2 1/2 कप)
घी – 3-4 टेबल स्पून या आधा कप दूध
छोटी इलाइची – 8-10 (छील कर कूट लीजिए)
तगार (बूरा) – 500 ( 2 1/2 कप)
घी – 3-4 टेबल स्पून या आधा कप दूध
छोटी इलाइची – 8-10 (छील कर कूट लीजिए)
विधि – किसी भारी तले की कढ़ाई में मावा डाल कर भूनिए, मावा को भूनते समय हर समय कलछी से चलाते हुए भूनिए मावा कढ़ाई में लगना नहीं चाहिए, जब मावा भुनते भुनते रंग बदलने लग जाए तब उसमें थोड़ा थोड़ा सा घी या दूध मिलाते रहिए और चला चला कर तब तक भूनिए जब तक कि वह ब्राउन कलर का न हो जाए।
मावा को ठंडा होने दीजिए, मावा ठंडा हो जाए तब उसमें ४०० ग्राम ( २ कप ) बूरा डाल कर अच्छी तरह मिलाइए, कुटी इलाइची भी इस मिश्रण में मिला दीजिए। पेड़े बनाने के लिये मिश्रण तैयार है।
बचा हुआ १०० ग्राम (आधा कप) बूरा एक प्लेट में रखिए। मिश्रण से थोड़ा सा मिश्रण एक छोटे नीबू के बराबर निकालिए और हाथ में लेकर गोल करके, हाथ से दबा कर, पेड़े का आकार दीजिए, पेड़े को प्लेट में रखे हुए बूरे में लपेटिए और अपने दोंनो हाथों की हथेलियों से पेड़े को हल्का सा दबाकर प्लेट में लगा दीजिए, बने हुए पेड़े को थाली या ट्रे में लगाइए, एक एक करके सारे पेड़े इसी तरह तैयार करके थाली में लगाते जाइए। देखिए क्या लाजबाव मथुरा के पेड़े तैयार हैं।
ये मथुरा के पेड़े अब आप खा सकते हैं, बचे हुए पेड़े को २-३ घंटे के लिए खुले पंखे की हवा में छोड़ दीजिए, ये थोड़े खुश्क हो जाएंगे. अब आप इन मथुरा के पेड़े को एअर टाइट कन्टेनर में भर कर, फ्रिज में रख दीजिए, जब आपका मन करे कन्टेनर से पेड़े निकालिए और खाइए। यदि मावा अच्छी तरह भूना गया है तो ये पेड़े आप महिने भर भी रख कर खा सकते हैं।