अंबिकापुर. पश्चिम बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र की वजह से पश्चिम बंगाल, उडि़सा व झारखंड में डिप्रेशन का क्षेत्र बना हुआ है। इसकी वजह से अविभाजित सरगुजा में मंगलवार की रात से शुरू हुई बारिश आफत बनकर आई है। अधिकांश नदी-नाले उफान पर हैं, जिसकी वजह से एनएच 343 सहित कई मार्ग बंद हो गए, महान नदी के पुल के ऊपर से पानी बहने की वजह से 4 घंटे तक मार्ग अवरूद्ध रहा। शाम लगभग 5.30 बजे जल स्तर कम होने पर एनएच पर आवागमन शुरू हो सका। शहर की सड़कें भी जलमग्र हो गई हैं। इससे जनजीवन भी अस्त-व्यस्त हो गया है। इधर भारी बारिश ने पिछले 16 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। मौसम विभाग के अनुसार अब तक अंबिकापुर शहर में 768.4 मिमी बारिश रिकार्ड की गई है। जो वर्ष 2001 के बाद अब तक की सबसे अधिक रिकार्ड बारिश है। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार इस बारिश में खेती भी कर पाना भी संभव नहीं है और बारिश की वजह से लगभग 30 फीसदी फसल बरबाद होने की उम्मीद जताई जा रही है। इस बारिश ने 16 साल का रिकार्ड तोड़ दिया है। उत्तरी छत्तीसगढ़ में बने डिप्रेशन के क्षेत्र की वजह से मंगलवार की रात से अविभाजित सरगुजा में बारिश शुरू हुई। जो बुधवार को भी जारी रही। दिनभर भारी बारिश होने की वजह से शहर की सभी सड़कें जलमग्र हो गई थी। इसकी वजह से लोग घरों में ज्यादा रहना पसंद कर रहे थे। कई जगहों पर सड़कों पर गड्ढे बारिश की वजह से लोगों को नजर नहीं आए और उनके वाहन उसमें फंस गए। कुछ जगहों पर नालियों के बजबजाने की वजह से गंदा पानी सड़क पर बह रहा था। इसकी वजह से भी लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। मौसम विभाग के अनुसार अब तक अंबिकापुर शहर में 768.4 मिमी बारिश रिकार्ड की गई है। जो वर्ष 2001 के बाद अब तक की सबसे अधिक रिकार्ड बारिश है। कुंडला सिटी में भरा पानी, पहुंचे महापौर तीन दिनों से हो रही लगातार बारिश ने अब लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। मंगलवार से शुरू हुई भारी बारिश की वजह से शहर की सड़के जलमग्न हो गई। इसके साथ ही पॉश कालोनी कुंडला सिटी में घरों के अंदर तक पानी घुस जाने से वहां की स्थिति काफी खराब हो गई। कुंडला सिटी का जायजा लेने घुटने भर पानी में पैदल चलकर महापौर भी पहुंचे। उनके निर्देश पर कॉलोनी की दीवार को जेसीबी लगाकर तोड़ा गया। देर रात तक कॉलोनी की स्थिति तलाब की तरह ही बनी रही। शहर सहित आसपास के क्षेत्रों में मंगलवार की रात से लगातार भारी बारिश जारी है। इसके पूर्व भी दो दिनों तक लगातार बारिश होने की वजह से जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा। बारिश की वजह से शहर की सड़कें जलमग्न हो गईं। इसकी वजह से लोग घरों में ही रहना ज्यादा पसंद कर रहे थे। लेकिन सबसे ज्यादा खराब स्थिति कुंडला सिटी की थी। बारिश की पानी निकासी की जगह नहीं होने की वजह से कुंडला सिटी झिल में बदल गया था। बारिश का पानी तीन फीट से अधिक भर जाने की वजह से घरों के अंदर भी पानी घुस गया था। इससे लोगों की परेशानी बढ़ गई। लोगों ने इसकी जानकारी महापौर डा. अजय तिर्की को दी। महापौर ने निगम अमले को कुंडला सिटी भेजकर वहां के अहाते को तोड़ कर पानी निकालने की व्यवस्था करने को कहा। दीवार को तोड़ी गई लेकिन इसके बावजूद पानी निकासी की व्यवस्था नहीं बन सकी। कुंडला सिटी में घुटने तक पानी भर गया है। देर शाम को महापौर जब कॉलोनी पहुंचे। देर शाम जब महापौर कुंडला सिटी पहुंचे तो घुटने तक पानी भरा हुआ था। उन्होंने कॉलोनी के लोगों से मुलाकात भी की। उन्होंने निगम के अधिकारियों को जरूरी निर्देश भी दिए।