अंबिकापुर. कांग्रेस की अनुषांगिक संगठन राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के निर्धारित कैलेंडर अनुसार पूरे छत्तीसगढ़ में 28 मार्च को ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी के कार्य में लगे ग्रामीणों से कार्य की जानकारी एकत्रित की गई। इस दौरान संगठन के पदाधिकारी मजदूरों की समस्याओं से भी अवगत हुए। यहां मजदूरों ने बताया कि उनसे काम तो ले लिया जाता है, लेकिन मजदूरी का भुगतान करने में वर्षभर लग जाते हैं। पंचायती राज संगठन के सरगुजा संभागीय संयोजक शफी अहमद ने बताया कि पंचायत को मजबूती प्रदान करने विभिन्न कार्यक्रमों द्वारा पंचायती राज व्यवस्था से जुड़े जनप्रतिनिधियों को पंचायत से संबंधित योजनाओं की जानकारी, उसके क्रियान्वयन तथा आमजनों को लाभ सहित विभिन्न विषयों को लेकर राजीव गांधी पंचायती राज संगठन द्वारा देशभर में विभिन्न कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। इसी तारतम्य में सोमवार को समूचे छत्तीसगढ़ में राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के जिला, ब्लॉक तथा विभिन्न स्तर के समन्वयकों द्वारा कार्य का निरीक्षण कर ग्रामीणजनों से चर्चा की गई। संभागीय संयोजक शफी अहमद द्वारा सूरजपुर जिले के अजिरमा सहित विभिन्न ग्रामों का दौरा कर मनरेगा के कार्य में लगे मजदूरों से वर्ष भर में मिलने वाले काम के दिन, मजदूरी भुगतान का समय तथा मजदूरी दर और कार्य स्थल के संबंध में चर्चा की गई। ग्रामीणों ने बताया कि वर्षभर में 70 से 75 दिन ही कार्य उपलब्ध हो पाते हैं, वहीं मजदूरी भुगतान भी कई बार महीनों बाद होता है। कभी-कभी 6 महीने, वर्ष भर भी लग जाते हैं। शफी अहमद ने बताया कि मजदूरों द्वारा दी गई जानकारी की रिपोर्ट तैयार कर दिल्ली भेजी जाएगी तथा महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी के तहत 100 दिन कार्य निश्चित रूप से मिले, मजदूरी का भुगतान समय पर हो, इस पर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया जाएगा।