एसओजी पुलिस की मानें तो आरोपी करीम मुल्ला उर्फ राजा पश्चिम बंगाल के चौबीस परगना जिले के पेटवा खली गांव का मूल निवासी है। वह बांग्लादेश से गरीब मजबूर लड़कियों को बहला-फुसला कर या उनके परिवार को रुपए का लालच देकर मानव तस्करी के जरिए भारत लाने वाले दलालों के संपर्क में रहता था। इन दलालों से लड़कियों का सौदा कर उनसे अलग-अलग शहरों में देह व्यापार करवाता था।
चार साल पूर्व ऐसी ही एक गरीब व मजबूर लडक़ी को बांग्लादेश से भारत में घुसपैठ करवा कर मुंबई लाया गया था।
मुंबई में कुछ समय तक उससे देह व्यापार करवाने के बाद उसे नवसारी टोरंटो बाजार रिजॉन कॉम्प्लेक्स निवासी बांग्लादेशी नागरिक सुल्तान कायजर उर्फ सागर ने अपने साथ नवसारी में रखा। फिर उसने उसे करीम मुल्ला के हवाले कर दिया। उस समय वडोदरा छाणी जकानताका में रहने वाले करीम ने उससे कुछ समय वहां देह व्यापार करवाया फिर उसे देह व्यापार के लिए 2017 में राजस्थान के कोटा शहर भेज दिया।
कोटा शहर में पीडि़त लडक़ी किसी तरह से दलालों से गच्चा देकर कोटा के कैथुनी पोल पुलिस थाने पहुंच गई। पीडि़त लडक़ी की शिकायत पर कोटा पुलिस ने स्थानीय दलालों समेत पूरे रैकेट के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी। कोटा पुलिस ने करीम मुल्ला की तलाश में वडोदरा में छापा मारा था, लेकिन वह वहां से भाग कर नवसारी टोरंटो बाजार में आ गया था।
कोटा पुलिस नहीं ले पाई थी कस्टडी
नवसारी में भी उसने देह व्यापार का गोरखधंधा जारी रखा। 2018 में नवसारी पुलिस को उसकी भनक लगने पर पुलिस ने उसके ठिकाने पर छापा मारा और लड़कियों को मुक्त करवा कर करीम मुल्ला व उसके साथियों को गिरफ्तार किया था। नवसारी के मामले में वह करीब छह माह तक जेल में रहा। इस बारे में पता चलने पर कोटा पुलिस ने उसकी हिरासत के लिए नवसारी कोर्ट में याचिका भी दायर की।
कोटा पुलिस ने गलती से याचिका में पर्याप्त कागजात शामिल नहीं किए थे, जिसकी वजह से कोर्ट ने कोटा पुलिस को उसकी कस्टडी नहीं दी थी। रिहा होने के बाद से वह फरार था अलग-अलग शहरों में रहने के बाद वह लिम्बायत के मदीना इलाके में रहने आ गया था। एसओजी को मुखबिर से सूचना मिलने पर पुलिस टीम ने छापा मारकर उसे गिरफ्तार कर लिया। उसे कोटा पुलिस के हवाले करने की कवायद शुरू कर दी है।