Tragic accident: सूरत शहर के इंडस्ट्रियल एरिया सचिन में शनिवार दोपहर तीन बजे के आसपास पांच मंजिला बिल्डिंग ढह गई। इमारत गिरने की वजह फिलहाल स्पष्ट नहीं हुई है। माना जा रहा है भारी बारिश के चलते जर्जर हो चुकी इमारत भरभराकर गिर गई। मानसून के आने के साथ ही हादसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।
घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची दमकल और पुलिस की टीमों ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। रात के अंधेरे में भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रखा गया। जिसके लिए हेवी लाइट फॉक्स सिस्टम लगाया गया। रेस्क्यू में जुटी टीम ने रविवार सुबह तक 7 लोगों के शव निकाले। एनडीआरएफ (NDRF) की टीम का रेस्क्यू ऑपरेशन 18 घंटे तक चला। कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे। जिला कलेक्टर, मेयर, डिप्टी मेयर, विधायक और अन्य अधिकारी रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी की।
यह इमारत केवल 7 साल पुरानी थी। इमारत के गिरने से आसपास के लोगों में भारी दहशत फैल गई। मलबे के नीचे दबने से 15 लोग घायल हुए हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। मलबा हटाने का काम फिल्हाल जारी है।
पांच मंजिला इमारत ढहने के मामले में सचिन जीआईडीसी थाना पुलिस ने गैर इरादतन हत्या और लापरवाही का मामला दर्ज किया है। इमारत के मालिक और देखरेख रखने वाले के खिलाफ यह शिकायत दर्ज की है।
इसका मुख्य आरोपी राज काकड़िया अमेरिका में रहता है, रामिलाबेन अभी भी पकड़ से दूर है। जबकि बिल्डिंग में सुपरवाइजरी करने वाले अश्विन वेकारिया को गिरफ्तार कर लिया गया है। मृतकों के नाम:
हीरामडी बंभोली केवट (40), अभिषेक (35), वृजेश हीरालाल गोड (50), शिवपूजन शोखीलाल केवट (26), अनमोल उर्फ (साहिल) शालिग्राम चमार (17), परवेज शोखीलाल केवट (21), और लालजी बंभोली केवट (40)। 2017 में ही बनी सिर्फ सात साल पुरानी इमारत ढ़ही
सूरत में 5 मंजिला इमारत अचानक ढह गई, जिससे आसपास के इलाकों में दहशत फैल गई है। इमारत गिरने पर दमकल विभाग मौके पर पहुंचा और बचाव कार्य शुरू किया। 2017 में ही बनी बिल्डिंग 2024 में ढह गई। ऐसे में बिल्डिंग के निर्माण में इस्तेमाल सामग्री व उसकी गुणनत्ता पर सवाल खड़े होते हैं। सूरत के जिस इलाके में यह घटना हुई वह सूरत महानगरपालिका (SMC) में आता है। प्रशासन को इस ओर ध्यान देकर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
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