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सूरत

TEXTILE NEWS: कपड़ा बाजार में यह कोई पहला संघर्ष नहीं

रघुकुल मार्केट से पहले भी कपड़ा व्यापारी संघर्ष से हासिल कर चुके है अपना अधिकार

सूरतDec 01, 2019 / 08:46 pm

Dinesh Bhardwaj

TEXTILE NEWS: कपड़ा बाजार में यह कोई पहला संघर्ष नहीं

TEXTILE NEWS: कपड़ा बाजार में यह कोई पहला संघर्ष नहीं

सूरत. दीपावली के बाद सिल्कसिटी सूरत नगरी के कपड़ा बाजार में इन दिनों लग्नसरा सीजन की ग्राहकी के अलावा जिस किसी विषय की खासी चर्चा हो रही है वो है रघुकुल टैक्सटाइल मार्केट के कपड़ा व्यापारियों की एकता। व्यापारिक एकता की कपड़ा बाजार में यह पहली मिसाल नहीं है बल्कि इससे पहले भी कपड़ा व्यापारियों के एकजुट होकर संघर्ष करने के नजारे और परिणाम लोग देख चुके है।
रघुकुल टैक्सटाइल मार्केट के व्यापारी इन दिनों बिल्डर गोपाल डोकानिया से मार्केट संचालन स्वयं के हाथों में लेने के लिए संघर्ष कर रहे है और निर्णायक मोड़ पर पहुंच गए है। इस संघर्ष की शुरुआत मार्केट के व्यापारियों ने तीन माह पहले तब की थी जब 28 अगस्त को मार्केट परिसर की पार्किंग में निर्मित गोदाम तोडऩे मनपा दस्ता पहुंचा था। इसके बाद से ही मार्केट के व्यापारियों ने एकजुट होकर संघर्ष की राह पकड़ी और बीते परसों तक याने शुक्रवार को मार्केट में बिल्डर की ओर से तैनात कर्मचारियों के हो-हल्ला व प्रदर्शन करने पर दो टूक शब्दों में बता दिया कि आप अब रघुकुल टैक्सटाइल मार्केट सर्विस सोसायटी के निर्देश पर ही आगे कार्य करना रहेगा। व्यापारिक एकता के समक्ष कर्मचारियों ने भविष्य को ध्यान में रख समझौतावादी बनने में ही यकीन किया और वापस काम पर लग गए। सोमवार से शुरू हो रहे नए सप्ताह में रघुकुल टैक्सटाइल मार्केट की सोसायटी व सभी कपड़ा व्यापारी अपने अधिकार के लिए जारी संघर्ष को निर्णायक स्थिति में पहुंचाने की रणनीति अपनाएंगे।
surat news- रघुकुल मार्केट के व्यापारियों की मीटिग शनिवार को

तब फोस्टा ने निभाई थी अहम भूमिका


कपड़ा बाजार के व्यापारिक संगठन फैडरेशन ऑफ सूरत टैक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन मौजूदा दौर में भले ही अपनी ही उलझनों में उलझी हो लेकिन एक समय था जब इसी फोस्टा ने आगे बढक़र व्यापारिक हित का संघर्ष किया और सफलता भी दिलाई। वर्ष 2002 में श्रीसालासर हनुमान मार्ग के अभिषेक टैक्सटाइल मार्केट में भी संचालन बिल्डर के हाथ में था और मार्केट के व्यापारियों के परेशान होने की स्थिति में फोस्टा के तत्कालीन अध्यक्ष प्रकाश सर्राफ व उनकी टीम ने आगे बढक़र संघर्ष किया और कुछ ही दिन में बिल्डर को मार्केट से नो-दो-ग्यारह करवाकर मार्केट संचालन मार्केट के व्यापारियों के हाथों में सुपुर्द करवाया था।
कपड़ा बाजार में रघुकुल टैक्सटाइल मार्केट की स्थापित ब्रांडेड फर्मों को लेकर विशेष पहचान है। कपड़ा बाजार में

फिर चला था सिलसिला


करीब 18 साल पहले कपड़ा बाजार के अभिषेक टैक्सटाइल मार्केट में फोस्टा के सहयोग से कपड़ा व्यापारियों की एकता से मिली सफलता के बाद इसी संघर्ष की राह को महावीर टैक्सटाइल मार्केट, अभिनंदन टैक्सटाइल मार्केट, शंकर-काशी-जगदम्बा, तिरुपति समेत अन्य कई टैक्सटाइल मार्केट के व्यापारियों ने भी आगे समय पर अपनाया। व्यापारियों को संघर्ष के मार्ग पर कहीं थोड़ा तो कहीं ज्यादा समय लगने के बाद उक्त सभी टैक्सटाइल मार्केट के कपड़ा व्यापारियों ने सफलता हासिल की और तब से अब तक बदूस्तर मार्केट संचालन मार्केट की ओर से गठित व्यापारिक सोसायटी कर रही है।

यहां भी उठी थी मांग


टैक्सटाइल मार्केट बनाने के बाद बिल्डर के संचालन प्रक्रिया से चिपके रहने के पीछे उनके कई निजी फायदे होते है, जिनमें उन्हें अच्छी-खासी रकम भी मेंटेनेंस, कॉन्ट्रेक्ट आदि के तौर पर मिलती है। करीब तीन-चार महीने पर राधाकृष्ण टैक्सटाइल मार्केट में चोरी की घटनाओं के बाद वहां पर भी सोसायटी कपड़ा व्यापारियों ने अपने हाथ में लेने की मांग की थी। इसके अलावा सारोली के आरकेएलपी मार्केट, डीएमडी मार्केट में भी ऐसी ही मांग उठ चुकी है। हाल के दिनों में रघुकुल टैक्सटाइल मार्केट में जारी संघर्ष से कोहिनूर मार्केट, अन्नपूर्णा मार्केट में भी मार्केट संचालन व्यापारी अपने हाथ में लेने का मूड बनाने लगे है।

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