रेलवे स्टेशन से मंगलवार सुबह वलसाड के लिए चलाई गई सूरत-वलसाड मेमू में सिर्फ 22 यात्रियों ने सफर किया। इसमें सात ने स्टेशन पहुंचने से पहले रिजर्वेशन करवाया था। जबकि अन्य पन्द्रह जनों ने सूरत स्टेशन पर करंट रिजर्वेशन करवाकर सफर किया। यही स्थिति वापसी के फेरे में भी देखने को मिली। 12 डिब्बों की स्पेशल मेमू ट्रेन में करीब 850 सीटें रिक्त रह गई।
कोरोना संकट के दौरान भारतीय रेलवे की सभी मेल-एक्सप्रेस/सुपरफास्ट और पैसेंजर-मेमू ट्रेनें बंद है। अब पश्चिम रेलवे ने नॉन सबर्वन एरिया में पहली आरक्षित स्पेशल मेमू ट्रेन सूरत से वलसाड स्टेशन के बीच शुरू की है। सूत्रों ने बताया कि ट्रेन संख्या 69152/69151 सूरत-वलासड मेमू ट्रेन को नए नम्बर 09152/09151 सूरत-वलसाड स्पेशल मेमू ट्रेन बनाकर चलाने की व्यवस्था की गई है। यह स्पेशल मेमू ट्रेन मंगलवार सुबह सूरत स्टेशन से निर्धारित समय 9.20 बजे रवाना हुई। लेकिन इस स्पेशल मेमू ट्रेन में यात्रियों की संख्या नहीं के बराबर थी।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि सूरत स्टेशन से सिर्फ सात यात्रियों ने रिजर्वेशन करवाया था। जबकि बड़ी संख्या में यात्री जनरल टिकट लेकर स्टेशन पहुंचे थे। जब उन्हें पता चला कि स्पेशल मेमू में बिना रिजर्वेशन यात्रा नहीं कर सकते तो करीब 15 जनों ने करंट रिजर्वेशन करवाकर सफर शुरू किया। उधना स्टेशन से मेमू ट्रेन में कोई यात्री नहीं चढ़ा। रिटर्न के फेरे में भी बहुत कम संख्या में यात्री मेमू ट्रेन में सफर करते हुए दिखाई दिए। वलसाड से सूरत के लिए 20 से 22 यात्रियों ने सफर किया है। इस स्पेशल मेमू ट्रेन में कुल 12 डिब्बे डी-1 से डी-12 लगाए गए है। इसमें कुल 871 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था है।
सचिन-मरोली से बिना रिजर्वेशन चढ़े सूरत-वलसाड मेमू ट्रेन में मंगलवार को खाली ही वलसाड गई और वापस भी आई। रिजर्वेशन नहीं होने के कारण कई यात्री स्टेशन पहुंचने के बाद भी मेमू ट्रेन में यात्रा नहीं कर सके। उधना और भेस्तान स्टेशन से मेमू ट्रेन में कोई यात्री नहीं चढ़ा था। लेकिन सचिन और मरोली स्टेशन से कुछ महिलाएं और पुरुष ट्रेन में यात्रा करने के लिए चढ़ गए थे। ट्रेन के स्टाफ ने यात्रियों को बताया कि बिना रिजर्वेशन यात्रा की अनुमती नहीं है। लेकिन यात्रियों ने कर्मचारियों की एक नहीं सुनी। महिला और पुरुष रेलवे कर्मचारी से झगड़ा करने पर उतारु हो गए।