प्रत्येक वर्ष मानसून में परवत पाटिया क्षेत्र स्थित माधवबाग, नंदनवन, ऋषिविहार, सत्यम, शिवम, बृजभूमि समेत मनपा आवास, श्रीवर्धन आदि सोसायटियां पानी से घिर जाती है। इस बार महानगरपालिका प्रशासन ने करोड़ों की राशि खर्च कर क्षेत्र में स्थित खाड़ी की सफाई के अलावा पंपिंग स्टेशन, फ्लडगेट, फेब्रिकेटेड ब्रिज आदि कार्य पूरे भी किए। बिपरजॉय तूफान के बाद शनिवार से ही मानसून सक्रिय हुआ है। मंगलवार रात से तेज बारिश का दौर शुरू हुआ और बुधवार सुबह लोगों की नींद टूटने तक क्षेत्र में हर बार की तरह पानी-पानी दिखाई दिया। लोगों ने आवासीय सोसायटी की छतों पर जाकर चारों तरफ फैले पानी का नजारा देखा। एक दर्जन से अधिक सोसायटियों के बच्चों को तेज बारिश व सड़क पर जमा सुबह-सुबह स्कूल जाने में मुश्किलें झेलनी पड़ी। सुबह छह से साढ़े आठ बजे तक ढाई घंटे क्षेत्रीय लोगों व वाहनचालकों को चारों तरफ जमा पानी से परेशानी झेलनी पड़ी। हालांकि बाद में पंपिंग स्टेशन पर पंपसेट चालू करने के बाद क्षेत्र में फैला पानी खाड़ी में डालने से पानी उतरा और लोगों ने राहत की सांस ली।
– राजस्थान पत्रिका ने जता दी थी आशंका: परवत पाटिया क्षेत्र में मानसून के दौरान हर वर्ष जैसे जलजमाव के हालात पैदा होने की आशंका राजस्थान पत्रिका ने गत 19 जून को ही ‘परवत पाटिया में काम तो हुए, मानसून ही बताएगा कितने खरे!…’ रिपोर्ट में जता दी थी। क्षेत्र में करोड़ों के खर्च से जलजमाव की स्थिति से निपटने के लिए महानगरपालिका ने कई कार्य किए हैं, लेकिन उनमें सर्वाधिक जरूरी खाड़ी की सफाई के नाम पर खानापूर्ति किए जाने के आरोप स्थानीय लोगों ने लगाए थे। बुधवार को खाड़ी में पानी कम होने से पंपसेट से डाला गया पानी आसानी से उतर गया, लेकिन आगे मानसून में भारी बारिश के दौरान खाड़ी के लबालब बहने की स्थिति में क्षेत्र में जमा बरसाती पानी खाड़ी में नहीं उतर पाएगा और तब स्थिति विकट होने की आशंका है।