सूरत

Surat Rain : सूरत में अब आया सावन झूमके, दो घंटे में एक इंच बारिश

Surat rain fall : कैचमेंट एरिया में भी बारिश से कॉजवे का जलस्तर बढ़ कर 5.71 मीटर, अगले 24 घंटे में मूसलाधार की चेतावनी

सूरतJul 25, 2019 / 09:05 pm

Sandip Kumar N Pateel

Surat Rain : सूरत में अब आया सावन झूमके, दो घंटे में एक इंच बारिश

सूरत. लंबे अरसे बाद सूरत में मानसून फिर सक्रिय हो गया है। बुधवार शाम को हुई झमाझम के बाद गुरुवार शाम भी एक इंच बारिश हुई। मानसून सक्रिय होने से लोगों को उमस और गर्मी से थोड़ी राहत मिली है, वहीं किसानों के चेहरे भी खिल उठे हैं। मौसम विभाग ने आगमी चौबीस घंटे तक सूरत समेत दक्षिण गुजरात में भारी बारिश की चेतावनी दी है।
 


कई दिनों से बारिश नहीं होने के कारण जुलाई में भी सूरत में पारा 35 डिग्री पर पहुंच गया था। लोग गर्मी और उमस से परेशान थे। इस दौरान कई बार आसामान में बादल छाए तो लोगों में बारिश की उम्मीद जगी, लेकिन बादल बरसे बिना ही छंट रहे थे। बुधवार शाम सूरत में झमाझम के बाद पारा नीचे गिरा। गुरुवार सुबह से ही आसामन में बादल छाए रहे। शाम चार बजे बाद काली घटाओं के कारण अंधेरा छा गया और तेज हवाओं के साथ बारिश हुई। दो घंटे के दौरान ही शहर पानी-पानी हो गया। अंधेरा छाने के कारण चालकों को वाहनों की लाइट चालू करनी पड़ी। मनपा के फ्लड कंट्रोल विभाग के मुताबिक शाम चार से छह बजे तक शहर में एक इंच बारिश हुई। सबसे अधिक 36 मिमी बारिश उधना जोन में दर्ज की गई, जबकि सेंट्रल जोन में 22 मिमी, वराछा-ए में 22, बी में 14 मिमी, रांदेर जोन में 22 मिमी, लिंबायत जोन में 16 मिमी और अठवा जोन में 19 मिमी बारिश हुई। तापी के कैंचमेंट एरिया में भी बुधवार रात से बारिश शुरू होने के कारण नदी में पानी की आवक बढ़ी है। इससे कॉजवे का जलस्तर बढ़कर 5.71 मीटर हो गया। मौसम विभाग के मुताबिक अगले चौबीस घंटे के दौरान बारिश जारी रहेगी। सूरत समेत दक्षिण गुजरात के नवसारी, वलसाड, वापी, आहवा-डांग, तापी और दमण तथा दानह में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।
 


कुछ दिन मेहरबान रहेंगे मेघ

 


स्काइमेट के मुताबिक पश्चिमी तटीय इलाकों में मानसून ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है। इसके कारण सूरत, वलसाड, डांग समेत दक्षिण गुजरात में गरज के साथ अच्छी बारिश की संभावना है। वायु चक्रवात के कारण जून के दूसरे हफ्ते में गुजरात के ज्यादातर हिस्सों में अच्छी बारिश हुई थी, लेकिन इसके बाद उत्तर-पूर्वी अरब सागर पर कोई मौसमी सिस्टम नहीं होने के कारण यहां खास बारिश नहीं हुई। हालांकि जून के आखिर और जुलाई की शुरुआत में वलसाड, सूरत और आस-पास के इलाकों में मध्यम से भारी बारिश हुई, लेकिन यह हलचल दक्षिणी जिलों तक सीमित रहने के कारण पूरे राज्य में बारिश के आंकड़ों में खास सुधार नहीं हुआ। गुजरात में इस सीजन में अब तक 29 प्रतिशत कम बारिश दर्ज हुई है। 26 से 28 जुलाई के दौरान दक्षिण गुजरात के विभिन्न इलाकों में बारिश का दौर जारी रहने की संभावना है। मानसून ट्रफ रेखा इस समय, उत्तर-पश्चिमी राजस्थान से श्रीगंगानगर, हिसार, गुरुग्राम, आगरा, सुलतानपुर, पटना और पूर्णिया होते हुए बंगाल की खाड़ी के उत्तर पूर्वी भागों तक फैली हुई है। इसके अलावा दक्षिणी गुजरात और इससे सटे हिस्सों में चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र तथा इस सिस्टम से उत्तरी कर्नाटक तक एक ट्रफ रेखा फैली हुई है।
 


लुढ़कने लगा पारा

 

बुधवार शाम मौसम की करवट के साथ ही शहर में पारा लुढ़क गया। गुरुवार को दिनभर आसमान में बादल छाए रहने और शाम को हुई झमाझम से वातवारण ठंडा हो गया। गुरुवार को अधिकम तापमान 31 डिग्री और न्यूनतम 27 डिग्री दर्ज किया गया। हवा 12 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चली।

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