आईआरएसडीसी के सीईओ और एमडी एस. के. लोहिया ने कहा, “सूरत एक गतिशील वाणिज्यिक और औद्योगिक केंद्र तथा दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते हुए शहरों में से एक है। सूरत और उधना रेलवे स्टेशन पुनर्विकास परियोजना का उद्देश्य स्थानीय अर्थव्यवस्था को और मजबूत करना तथा शहर की पर्यटन क्षमता को बढ़ावा देना है। स्टेशनों को अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे जैसा बनाने और यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं प्रदान करने के लिए वैश्विक मानकों के अनुरूप पुनर्विकास किया जायेगा।
सूरत रेलवे स्टेशन को मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब ( एमएमटीएच) के रूप में विकसित करने की परिकल्पना की गई है, इस प्रकार यात्रियों को परेशानी मुक्त और आरामदायक यात्रा प्रदान किया जा सके।” उन्होंने बताया कि ‘रेलोपोलिस’- मिश्रित उपयोग के विकास के साथ एक मिनी-स्मार्ट सिटी होगा जहां कोई भी रह सकता है, काम कर सकता है, ट्रांसपोर्ट की विभिन्न सुविधाओं का उपयोग कर सकता है। सभी सुविधाओं के साथ यह बड़े निवेश और व्यावसायिक अवसरों को आकर्षित कर सकता है।
इन पुनर्विकसित रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को अत्याधुनिक सुविधाएं मिलेंगी और उनके यात्रा अनुभव को बढ़ाएंगे। विकास के लिए कुल क्षेत्रफल सूरत रेलवे स्टेशन के लिए 3,40, 131 वर्ग मीटर और उधना रेलवे स्टेशन के लिए 7,38,088 वर्ग मीटर है। सूरत और उधना रेलवे स्टेशन विकास के लिए निर्मित क्षेत्र (बीयूए) क्रमश: लगभग 4, 65,000 वर्ग मीटर और 37, 175 वर्ग मीटर है। सूरत और उधना रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास के लिए चार साल की समय सीमा तय की गई है। इसका अनुमानित लागत लगभग 1285 करोड़ रूपए है। प्री-बिड मीटिंग 6 अगस्त को आयोजित की जाएगी। वहीं, बोली जमा करने की अंतिम तिथि 31 अगस्त है।
रेल मंत्रालय और गुजरात सरकार के साथ आईआरएसडीसी , जीएसआरटीसी और एसएमसी के बीच एक संयुक्त रूप में सूरत इंटीग्रेटेड ट्रांसपोर्टेशन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एसआईटीसीओ) की ओर से आईआरएसडीसी द्वारा स्टेशनों का पुनर्विकास किया जाएगा। ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (टीओडी) और स्मार्ट सिटी सिद्धांतों का उपयोग करके स्टेशन को बदलने के लिए इन स्टेशनों को एकीकृत रेलवे स्टेशनों और उप-केंद्रीय बिजिनस डिस्ट्रिक्ट के रूप में पुनर्विकास करने की योजना है।
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उच्च विकास दर से बढ़ी संभावनाएं सूरत गुजरात का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। इसने पिछले चार दशकों में तेजी से बढ़ते औद्योगिक क्षेत्र के कारण उच्च विकास दर देखी है। इससे रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं और युवाओं को प्रोत्साहित किया है। शहर में वर्तमान में क्षेत्रीय सेवाओं के 2.5-3 लाख उपयोगकर्ता हैं, जिनमें सार्वजनिक परिवहन सेवाओं में से 80 प्रतिशत स्थानान्तरण की संभावना है। यह आंकड़ा प्रतिदिन 4-4.5 लाख क्षेत्रीय यात्रियों और अतिरिक्त 1-2 लाख नए उपयोगकर्ताओं तक बढऩे की उम्मीद है। यह इन रेलवे स्टेशनों के लिए बहु-मॉडल परिवहन केंद्रों के रूप में पुनर्विकास के लिए अच्छा संकेत है जो सीधे क्षेत्रीय सेवाओं (यानी, ट्रेन और क्षेत्रीय बसों) और शहरी सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों (हाई मोबिलिटी बस कॉरिडोर, बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम, सिटी बस और उपनगरीय बस सेवा) से जुड़ते हैं।