surat news-जीएसटी रिफंड के लिए खरीद को तीन हिस्सों में बताना पड़ेगा
सूरत चैम्बर ऑफ कॉमर्स में जीएसटी के आईटीसी रिफंड क्लैम पर आयोजित सेमिनार में एडवोकेट मनोज देसाई ने डोक्यूमेन्टेशन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उद्यमियों को यदि आज रिफंड चाहिए तो मिल सकता है. लेकिन डिपार्टमेन्ट के अधिकारी पुरानी क्रेडिट लैप्स करेंगे तभी रिफंड की प्रोसेस आगे बढ़ सकेगी। 1 अगस्त 2018 के बाद की खरीद और बिक्री के डिफरन्स का ही रिफंड मिलेगा। वह रिफंड हाल में मिल सकता है। हाइकोर्ट के फैसले में भी यही बताया गया है। क्लैम के लिए जितनी भी खरीद हो उसे इनपुट, इनपुट सर्विसिज और कैपिटल तीन कैटेगरी में बांटनी पडेगी। उन्होंने कहा कि एक ओर खरीद और दूसरी ओर बिक्री की जानकारी देनी होगी। सीजीएसटी और आईजीएसटी और टैक्सेबल वेल्यू की जानकारी देनी होगी। यह सारी जानकारी व्यापारी को भरनी होगी। 1 जुलाई 2017 को जीएसटी का नियम अमल में आया था, इसके बाद 1 जुलाई 2018 तक का क्रेडिट लैप्स करने के लिए कहा गया है। इसलिए तब तक के रिफंड नील करने के क्लैम करना होगा उसका एआरएन नंबर भी जनरेट कर लगाना होगा। अन्य एक वक्ता हिमांशु जोशी ने कहा कि हाल के हाइकोर्ट के फैसले में बताया गया है कि बताया गया है कि सरकार को जीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट लैप्स करने का अधिकार नहीं है. लेकिन हाइकोर्ट ने नोटिफिकेशन 5 को यथावत रखा है। इस अवसर पर चेम्बर पर जीएसटी कमेटी के चेयरमैन रोहन देसाई सीए मितेष मोदी सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
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