55 किलोग्राम से अधिक वजनी पार्सल नहीं उठाएंगे
सूरत. सूरत कपड़ा मंडी के सूरत टेक्सटाइल गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन व सूरत जिला टेक्सटाइल मार्केटिंग ट्रांसपोर्ट लेबर यूनियन ने बुधवार को संयुक्त बैठक में बड़े निर्णय के रूप में टेक्सटाइल मार्केट से 55 किलोग्राम से अधिक वजन के पार्सल की ढुलाई नहीं किए जाने का निर्णय किया गया है। बैठक का आयोजन सूरत-कड़ोदरा रोड स्थित द्वारकाधीश ट्रांसपोर्ट नगर में किया गया था।
ट्रांसपोर्ट एसोसिशन व लेबर यूनियन के पदाधिकारियों की संयुक्त बैठक में टेक्सटाइल मार्केट से आने वाले बड़े और वजनी पार्सल को बंद करने के मामले में चर्चा की गई। इसमें बताया कि पिछले कई वर्षो में पार्सल का आकार और वजन दोनों में वृद्धि देखी गई है। 3-4 वर्ष पहले तक पार्सल 55-60 किलोग्राम वजनी होते थे जो अब धीरे-धीरे बढक़र 90-100 किलोग्राम तक के बनने लगे हैं। इन बड़े और वजनी पार्सल को उठाना मजदूरों के लिए काफी कठिनाई भरा है। पार्सल का वजन व आकार बढऩे से मजदूर और ट्रांसपोर्ट दोनों का आर्थिक नुकसान हो रहा हैं और श्रमिकों का आर्थिक-शारीरिक शोषण भी। इसे ध्यान में रख दोनों संगठनों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि आगामी 15 जनवरी से 55 किलोग्राम से अधिक वजनी पार्सल को ना तो मजदूर उठाएंगे और ना ही ट्रांसपोर्टर स्वीकार करेंगे। बैठक के दौरान सूरत टेक्सटाइल गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष युवराज देशले, मजदूर यूनियन के अध्यक्ष उमाशंकर मिश्रा, बनारसीदास अग्रवाल, यूनियन के महासचिव देवप्रकाश पांडे, शान खान, नेहल बुद्धदेव, अनिल गुप्ता, राहुल पांडे समेत अन्य कई पदाधिकारी मौजूद थे।
सूरत. सूरत कपड़ा मंडी के सूरत टेक्सटाइल गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन व सूरत जिला टेक्सटाइल मार्केटिंग ट्रांसपोर्ट लेबर यूनियन ने बुधवार को संयुक्त बैठक में बड़े निर्णय के रूप में टेक्सटाइल मार्केट से 55 किलोग्राम से अधिक वजन के पार्सल की ढुलाई नहीं किए जाने का निर्णय किया गया है। बैठक का आयोजन सूरत-कड़ोदरा रोड स्थित द्वारकाधीश ट्रांसपोर्ट नगर में किया गया था।
ट्रांसपोर्ट एसोसिशन व लेबर यूनियन के पदाधिकारियों की संयुक्त बैठक में टेक्सटाइल मार्केट से आने वाले बड़े और वजनी पार्सल को बंद करने के मामले में चर्चा की गई। इसमें बताया कि पिछले कई वर्षो में पार्सल का आकार और वजन दोनों में वृद्धि देखी गई है। 3-4 वर्ष पहले तक पार्सल 55-60 किलोग्राम वजनी होते थे जो अब धीरे-धीरे बढक़र 90-100 किलोग्राम तक के बनने लगे हैं। इन बड़े और वजनी पार्सल को उठाना मजदूरों के लिए काफी कठिनाई भरा है। पार्सल का वजन व आकार बढऩे से मजदूर और ट्रांसपोर्ट दोनों का आर्थिक नुकसान हो रहा हैं और श्रमिकों का आर्थिक-शारीरिक शोषण भी। इसे ध्यान में रख दोनों संगठनों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि आगामी 15 जनवरी से 55 किलोग्राम से अधिक वजनी पार्सल को ना तो मजदूर उठाएंगे और ना ही ट्रांसपोर्टर स्वीकार करेंगे। बैठक के दौरान सूरत टेक्सटाइल गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष युवराज देशले, मजदूर यूनियन के अध्यक्ष उमाशंकर मिश्रा, बनारसीदास अग्रवाल, यूनियन के महासचिव देवप्रकाश पांडे, शान खान, नेहल बुद्धदेव, अनिल गुप्ता, राहुल पांडे समेत अन्य कई पदाधिकारी मौजूद थे।