चार महीने लंबी लड़ाई के बाद आखिरकार सूरत एयरपोर्ट देश के कस्टम नोटिफाइटड हवाई अड्डों में शामिल हो गया है।
सूरत एयरपोर्ट पर पहली इंटरनेशनल फ्लाइट आने से पहले कस्टम अधिकारियों को तैनात कर दिया गया था, लेकिन एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया ने इसे कस्टम नोटिफाइड एयरपोर्ट की सूची में शामिल नहीं किया था। राजस्थान पत्रिका ने इस मामले में खबर प्रकाशित कर एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (एएआइ) को जगाने का प्रयास किया। एएआइ की ओर से हाल ही देश के सभी एयरपोर्ट के मौजूदा स्टेटस की सूची जारी की गई है। इसमें सूरत एयरपोर्ट को कस्टम नोटिफाइड एयरपोर्ट की सूची में शामिल किया गया है। इससे पहले सूरत एयरपोर्ट डोमेस्टिक हवाई अड्डों की सूची में शामिल था। फरवरी में शारजाह से पहली इंटरनेशनल फ्लाइट सूरत एयरपोर्ट पहुंची थी। बाद में यहां से शारजाह के लिए पहली फ्लाइट ने उड़ान भरी थी। इंटरनेशनल फ्लाइट शुरू होने से पहले सूरत एयरपोर्ट का कस्टम क्लेरीफिकेशन करवाया गया और इसे कस्टम नोटिफाइड किया गया। इसके बाद ही यहां इंटरनेशनल फ्लाइट शुरू हुई। इसके बावजूद सूरत एयरपोर्ट का नाम देश के डोमेस्टिक हवाई अड्डों की सूची में रखा गया था। सूरत एयरपोर्ट एक्शन कमेटी ने एयरपोर्ट चेयरमैन से मांग की थी कि सूरत एयरपोर्ट को कस्टम नोटिफाइड एयरपोर्ट में शामिल किया जाए।
सूरत एयरपोर्ट पर पहली इंटरनेशनल फ्लाइट आने से पहले कस्टम अधिकारियों को तैनात कर दिया गया था, लेकिन एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया ने इसे कस्टम नोटिफाइड एयरपोर्ट की सूची में शामिल नहीं किया था। राजस्थान पत्रिका ने इस मामले में खबर प्रकाशित कर एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (एएआइ) को जगाने का प्रयास किया। एएआइ की ओर से हाल ही देश के सभी एयरपोर्ट के मौजूदा स्टेटस की सूची जारी की गई है। इसमें सूरत एयरपोर्ट को कस्टम नोटिफाइड एयरपोर्ट की सूची में शामिल किया गया है। इससे पहले सूरत एयरपोर्ट डोमेस्टिक हवाई अड्डों की सूची में शामिल था। फरवरी में शारजाह से पहली इंटरनेशनल फ्लाइट सूरत एयरपोर्ट पहुंची थी। बाद में यहां से शारजाह के लिए पहली फ्लाइट ने उड़ान भरी थी। इंटरनेशनल फ्लाइट शुरू होने से पहले सूरत एयरपोर्ट का कस्टम क्लेरीफिकेशन करवाया गया और इसे कस्टम नोटिफाइड किया गया। इसके बाद ही यहां इंटरनेशनल फ्लाइट शुरू हुई। इसके बावजूद सूरत एयरपोर्ट का नाम देश के डोमेस्टिक हवाई अड्डों की सूची में रखा गया था। सूरत एयरपोर्ट एक्शन कमेटी ने एयरपोर्ट चेयरमैन से मांग की थी कि सूरत एयरपोर्ट को कस्टम नोटिफाइड एयरपोर्ट में शामिल किया जाए।
सीआइएसएफ सुरक्षा का इंतजार
सूरत एयरपोर्ट पर केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) की सुरक्षा अब तक नहीं मिली है, जबकि देश के अन्य छोटे-बड़े एयरपोर्ट पर सीआइएसएफ तैनात है। सीआइएसएफ तैनात करने को लेकर गृहमंत्री, सीआइएसएफ डायरेक्टर और एयरपोर्ट अॅथोरिटी ऑफ इंडिया से मांग की जा चुकी है। देश के कई ऐसे एयरपोर्ट, जहां 5-10 उड़ानें हैं, सीआइएसएफ है, लेकिन सूरत एयरपोर्ट 48 से अधिक डोमेस्टिक और इंटरनेशनल उड़ानों के बावजूद इससे वंचित है। वर्ष 2003 में गुजरात सरकार ने एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के साथ सूरत एयरपोर्ट को लेकर जो एमओयू किया, उसमें तय हुआ था कि सूरत एयरपोर्ट पर बिजली, पानी और सुरक्षा का जिम्मा गुजरात सरकार का रहेगा। तभी से सुरक्षा का जिम्मा राज्य पुलिस ही संभाल रही है।
शारजाह फ्लाइट शुरू होने के बाद सोने की तस्करी बढ़ी
सूरत एयरपोर्ट पर शारजाह की उड़ान शुरू होने के बाद सोने की तस्करी के मामले बढ़ गए हैं। पिछले एक महीने में यहां ऐसे तीन मामले पकड़े जा चुके हैं। कस्टम विभाग ने सबसे पहले 11 लाख रुपए का सोना पकड़ा था। विभाग को शाहजाह से सूरत आई फ्लाइट के एक यात्री पर शंका हुई। जांच में युवक के गुदामार्ग में सोना छुपा होने का पता चला। युवक गुदामार्ग में सोने की दो पोटली छिपा कर लाया था। बाद में शारजाह की फ्लाइट से ही सूरत एयरपोर्ट पर उतरे एक और युवक की जांच में कस्टम विभाग ने 3.16 लाख रुपए का सोना पकड़ा। उसने शर्ट के कॉलर से लिक्विड फॉर्म में 96.41 ग्राम सोना छिपा रखा था। तीसरे मामले में शारजाह से सूरत आई फ्लाइट के एक यात्री ने कॉलर, कफ तथा जीन्स में लिक्विड फॉर्म में सोना छिपा रखा था, जिसकी कीमत 17 लाख रुपए थी।