न्यू सिविल अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के फेफड़ों को मजबूत करने के लिए स्पाइरोमेट्री कसरत करवाई जा रही है। हाल में कोरोना से स्वस्थ हुए लोगों में पल्मोनरी फाइब्रोसिस की समस्याएं सामने आ रही है। इस कसरत को करने से कोरोना से मुक्त हुए लोगों के फेफड़े मजबूत होते हैं।
कोरोना वायरस व्यक्ति के श्वसनतंत्र और फेफड़ों को प्रभावित करता है। वायरस लोड जितना ज्यादा, उतना ही शरीर के अंगों को खतरा रहता है। न्यू सिविल अस्पताल में मेडिसिन विभाग के रेजिडेंट डॉ. अजय परमार ने बताया कि श्वास लेने में तकलीफ के साथ कोरोना मरीज अस्पताल में भर्ती होते हैं। फेफड़े में संक्रमण के चलते फाइब्रोसिस होने के कारण कुछ हिस्सा निष्क्रिय हो जाता है। फेफड़े का मुख्य कार्य ऑक्सीजन लेना और कार्बन डाइऑक्साइड को निकालना है।
ऑक्सीजन थैरेपी से स्वस्थ हो चुके कोरोना मरीजों को स्पाइरोमेट्री कसरत करवाने से उनके फेफड़े मजबूत होंगे। मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अमीत गामित ने बताया कि यह एक मेडिकल इंस्ट्रुमेंट है। इस मशीन में व्यक्ति को फुंक मारनी होती है और उसके फेफड़े की क्षमता बढ़ती है। हरेक मरीज पर इस कसरत का अलग-अलग असर होता है, लेकिन कोरोना से स्वस्थ हुए मरीजों को यह कसरत करने से लाभ मिलेगा। वायरस से निष्क्रिय हो चुकी कोशिकाओं की मरम्मत करने में मदद मिलेगी।