सूरत की पहचान बनने जा रहे खजोद में डायमंड बूर्स में इन दिनों तीन हजार से ज्यादा श्रमिक काम कर रहे हैं। ठेकेदार पर पैसे नहीं देने का आरोप लगाते हुए श्रमिकों ने बीते शुक्रवार को जमकर हंगामा किया था। उनका आरोप था कि ठेकेदार के ढुलमुल रवैये के कारण उन्हें पैसे देकर कंपनी के स्टोर से दैनिक जरूरत का सामान खरीदना पड़ रहा है। ठेकेदार के इस रवैये से उनके समक्ष जीवन-यापन का संकट खड़ा हो गया है। सरकार या किसी अन्य सामाजिक संस्था ने भी यहां फंसे लोगों की सुध नहीं ली है। उस समय तो पुलिस ने किसी तरह समझा-बुझाकर मामला शांत कर लिया था।
मामले की जानकारी मनपा प्रशासन तक पहुंची तो तय हुआ कि डायमंड बूर्स में फंसे श्रमिकों के लिए भी राहत किट तैयार किए जाएं। इन किटों का वितरण सोमवार से शुरू किए जाने की बात कही जा रही है। इन किटों का वितरण राज्य सरकार की अन्न ब्रह्म योजना के तहत किया जाएगा। मजबूरी में फंसे रह गए श्रमिकों के लिए यह राहत किट जख्म पर बड़ा मलहम साबित होंगी। गौरतलब है कि आम दिनों में डायमंड बूर्स की साइट पर आठ से दस हजार श्रमिक काम करते हैं। लॉकडाउन के कारण करीब पांच हजार श्रमिक पलायन कर गए हैं। यहां फंसे रह गए श्रमिकों को इस बात का भी मलाल है कि वे अपने मूल घरों को नहीं जा पाए।