मनपा प्रशासन शहर में रोजाना औसतन 1300 एमएलडी पानी की आपूर्ति करता आ रहा है। इस बार यह आंकड़ा मार्च महीने से ही गड़बड़ा गया है। मई आते-आते पारा इतना चढ़ गया है कि शहर में पानी की खपत बढ़ गई है। मनपा को हर रोज शहर में 15 सौ एमएलडी से ज्यादा पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करनी पड़ रही है। इस वजह से रॉ पानी को ट्रीट करने में भी मनपा को अतिरिक्त संसाधन झोंकने पड़ रहे हैं।
संभवत: पहली बार इतनी आपूर्ति! मनपा के इतिहास में यह संभवतया पहला अवसर है जब मई महीने में हाइड्रोलिक विभाग को रोजाना 1500 एमएलडी से अधिक पानी की आपूर्ति करनी पड़ रही है। बीते वर्ष मई महीने में यह आंकड़ा औसतन 1369 एमएलडी था। जलापूर्ति की यह व्यवस्था इस बार मार्च महीने से ही गड़बड़ाने लगी थी। बीते वर्ष मार्च महीने में औसत दैनिक जलापूर्ति 1384 एमएलडी थी, इस बार मार्च में रोजाना औसतन 1482 एमएलडी रही। वहीं बीते साल अप्रेल महीने में मनपा ने रोजाना औसतन 1385 एमएलडी पानी की आपूर्ति की थी जो इस बार अप्रेल महीने में बढक़र औसतन 1497 एमएलडी तक पहुंच गई थी।
कच्चे पानी की गुणवत्ता बिगडऩे से आती है दिक्कत मानसून से पहले बांध प्रशासन पर नदी में पानी छोड़े जाने की मात्रा पर कंट्रोल रखने का दबाव रहता है। इस वजह से नदी में जल प्रवाह थम सा जाता है और कच्चे पानी की गुणवत्ता बिगड़ जाती है। कच्चे पानी के शोधन के लिए मनपा को अतिरिक्त प्रयास करने पड़ते हैं। पानी की खपत बढ़ जाने के कारण इस बार मनपा को कच्चे पानी के शोधन में ज्यादा फोकस बढ़ाना पड़ रहा है।
लोग बाहर गए तो घटेगी डिमांड आमतौर पर मई-जून महीने में स्कूलों में अवकाश के कारण प्रवासी लोग अपने घरों को लौट जाते हैं। कई लोग घूमने-फिरने के लिए भी जाते हैं, जिससे पानी की डिमांड शहर में घट जाती है। इस बार गर्मी का जोर ज्यादा रहने की आशंका के चलते माना जा रहा है कि मनपा के हाइड्रोलिक विभाग को राहत मिलने की उम्मीद कम ही है।
वर्ष 2022 और 2023 के तीन महीनों में पानी की खपत :(एमएलडी / प्रतिदिन में) माह/ 2022 / 2023 मार्च / 1384 / 1482 अप्रेल / 1385 /1497 मई / 1369 / 1500