गौरतलब है कि नाना वराछा निवासी शैलेश तेजाणी ने गत 22 दिसम्बर 2011 को कटारिया मोटर्स से स्कोड़़ा कार खरीदी थी। 27 दिसम्बर 2011 को उन्होंने सूरत आरटीओ में कार का रजिस्ट्रेशन करवाया था। उन्हें जीजे 5 जेए 1712 रजिस्ट्रेशन नम्बर दिया गया। इस कार का उनके मित्र पीपलोद शिखर रेजिडेंसी निवासी जीतू शर्मा इस्तेमाल करते रहे थे। अप्रेल में उन्होंने कार बेचने का मन बनाया और एनओसी के लिए सूरत आरटीओ पहुंचे तो वे चौंक गए। उन्हें पता चला कि उनकी गाड़ी का अप्रेल 2016 में बारडोली आरटीओ में कल्पेश कुमार के नाम पर ट्रांसफर हो चुकी है।
उन्होंने कल्पेश से संपर्क किया तो कल्पेश के पास स्विफ्ट थी जो उन्होंने सूरत के महावीर ऑटो कंस्लटेंट से कार खरीदी थी। उन्हें भी कार का रजिस्ट्रेशन नम्बर भी जीजे 5 जेए 1712 दिया गया था। उसके पास कार का बिल था। जिसमें वह किसी रक्षित पटेल के नाम पर 19 नवम्बर 2012 को खरीदी गई थी तथा 5 दिसम्बर 2012 को रजिस्ट्रेशन करवाया गया था। चैसिस नम्बर से पता चला कि स्विफ्ट कार अहमदाबाद से खरीदी गई थी और उसका असली रजिस्ट्रेशन नम्बर जीजे 1 केएस 1712 था। उस कार पर आईसीआईसीआईसी बैंक से लोन लिया गया था। 9.51 लाख रुपए की लोन की भरपाई किए बिना ही उसका फर्जी रजिस्ट्रेशन करवा कर उसे बेच दिया गया था।
पीडि़त ने इस संबंध में सूरत व बारडोली में शिकायत की लेकिन आरटीओ की और से कोई कार्रवाई नहीं की गई। लंबे समय तक आरटीओ के चक्कर लगाने के बाद पीडि़त ने शहर पुलिस आयुक्त राजेन्द्र ब्रह्मभट्ट को लिखित शिकायत दी। पुलिस आयुक्त के आदेश पर स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप पुलिस ने मामले की जांच शुरू की।
वहीं मामले की जांच कर पुलिस निरीक्षक वीसी जाड़ेजा ने बताया कि अहमदाबाद से लाई गई स्विफ्ट कार का बारडोली आरटीओ में रजिस्ट्रेशन किया गया है तथा सूरत आरटीओ से एनओसी जारी हुई है। इस संबंध में पड़ताल चल रही है। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।