नई दिल्ली से मुम्बई जाने वाली लम्बी दूरी की ट्रेनों में सूरत रेलवे स्टेशन पर टीटीई मुम्बई जाने वाले यात्रियों को प्लेटफॉर्म पर सीट का आवंटन करते हैं। द्वितीय श्रेणी शयनयान में जनरल टिकट लेकर चढऩे वाले यात्रियों की संख्या सबसे अधिक होती है। प्लेटफॉर्म पर टीटीई से बातचीत कर यात्री किसी भी कोच में चढ़ जाते हैं और अंदर कुछ अतिरिक्त रुपए देकर यात्रा पूरी करते हैं। इसी तरह के हालात तृतीय श्रेणी वातानुकूलित शयनयान और द्वितीय श्रेणी वातानुकूलित शयनयान में भी होते हैं। इन दोनों श्रेणियों के मुकाबले द्वितीय श्रेणी शयनयान में सबसे अधिक सीटों की खरीद-बिक्री होती है। वहीं वेटिंग और आरएसी टिकट लेकर सफर करने वाले यात्रियों को सीट नहीं मिल पाती।
सूरत के अलावा पश्चिम रेलवे के अन्य स्टेशनों पर भी इसी तरह के मामले सामने आते हैं। इसलिए रेलवे बोर्ड के एडिशनल मेम्बर (कॉमर्शियल) राजीव दत्त शर्मा ने 19 जनवरी को एक निर्देश जारी कर सभी जोन के महाप्रबंधकों को ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए कहा है। विशेष ड्राइव चलाकर ऐसे टीटीई के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा गया है। पकड़े जाने और दोष साबित होने पर रेलकर्मी को डिसमिस या रिमूव करने तक के निर्देश दिए गए हैं।
तीन विभागों की कमेटी बनेगी
रेलवे बोर्ड ने जनरल टिकट लेकर रिजर्वेशन कोच में टीटीई की मदद से यात्रा करने वाले लोगों को पकडऩे के लिए अलग-अलग विभागों को मिलाकर एक स्पेशल स्क्वॉयड गठित करने के लिए कहा है। ऐसे टीटीई पर कार्रवाई के लिए विजिलंस, रेलवे सुरक्षा बल और कॉमर्शियल के वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में टीम गठित कर कार्रवाई करने का सुझाव दिया गया है। इस कार्रवाई की रिपोर्ट नियमित अंतराल पर रेलवे बोर्ड को भी भेजनी होगी।
हेल्पलाइन नम्बर जारी करने का सुझाव
लम्बी दूरी की ट्रेनों में टीटीई द्वारा सीट बेच दिए जाने से जरूरतमंद यात्री सीट से वंचित रह जाता है। छोटी दूरी के लिए सफर करने वाले यात्री अधिक रुपए देकर टीटीई से सीट खरीद लेते हैं। उसी ट्रेन में यात्रा करने वाला वेटिंग टिकट वाला यात्री खुद को असहाय महसूस करता है। रेलवे ने ऐसे लोगों के लिए हेल्पलाइन नम्बर जारी करने को कहा है। इस पूरे मामले पर रेलवे बोर्ड में बैठे अधिकारियों की निगरानी होगी। हेल्पलाइन को अखबारों में प्रसारित करने भी निर्देश दिए गए हैं।