सूरत

अमृत भारत के रूप में 50 वर्षो को ध्यान में रखकर रेलवे स्टेशनों का होगा रिडेवलपमेंट

– प्रति मिनट 25,000 टिकट क्षमता को बढ़ाकर 2.25 लाख, पूछताछ 4 लाख से 40 लाख करने की तैयारी…
– केंद्रीय रेलवे और कपड़ा राज्यमंत्री दर्शना जरदोश ने कहा पश्चिम रेलवे, सूरत और उधना को होगा फायदा

सूरतFeb 06, 2023 / 09:00 pm

Sanjeev Kumar Singh

अमृत भारत के रूप में 50 वर्षो को ध्यान में रखकर रेलवे स्टेशनों का होगा रिडेवलपमेंट

आम बजट पूरी तरह से अमृत काल पर आधारित है। रेल मंत्रालय ने इसे अमृत भारत स्टेशन के रूप में चयनित किया है। इसके तहत आने वाले 50 वर्षो को ध्यान में रखकर स्टेशन का रिडेवलपमेंट किया जाएगा। स्टेशन पर यात्रियों की सुविधाओं में बड़ा बदलाव करने की तैयारी है। सुविधाओं में बढ़ोतरी करने के साथ ही सर्कुलेटिंग एरिया का सुंदरीकरण भी किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने रेल सेक्टर को पटरी पर लगाने का बीड़ा उठाया है। आम बजट में रेलवे को बड़ी राशि 2.40 करोड़ रुपए मिले है तो काम भी बड़े-बड़े होने हैं। भारत विश्व का पहला रेलवे होगा, जिसका टिकट बुकिंग और कंट्रोलिंग सिस्टम 5जी तकनीक पर आधारित होगा। ऑनलाइन टिकट के व्यवधानों को देखते हुए इसकी क्षमता में दस गुणा वृद्धि की जानी है। अभी प्रति मिनट 25 हजार टिकट बनतें, जिसे बढ़ाकर 2.25 लाख करना है। पूछताछ की क्षमता को प्रति मिनट चार लाख से बढ़ाकर 40 लाख करने की तैयारी है। रेलवे और कपड़ा राज्यमंत्री दर्शना जरदोश ने कहा कि रेलवे की योजना यात्री आरक्षण प्रबंधन को बेहतर करने की है। टिकट बुकिंग पर रिसर्च हुआ है, जिसके बाद टिकट लेना आसान हो जाएगा। अगले तीस साल की ट्रैफिक को ध्यान में रखकर काम किया जा रहा है। यात्री सुविधा को ध्यान में रखकर तीन वर्षो के भीतर सभी पुरानी ट्रेनों के कोच बदले जाएंगे। हाल में 250 ट्रेनों के कोच बदल दिए गए हैं। अगले वर्ष 325 ट्रेनों के कोचों को राजधानी के समतुल्य कोच से बदल दिया जाएगा। दिसंबर 2024 तक कवच का 5जी वर्जन भी आ जाएगा। रिमॉडलिंग के दौरान स्टेशन के सभी प्लेटफार्मो पर लिफ्ट और एस्कलेटर की व्यवस्था की जाएगी। इससे बुजुर्ग, दिव्यांग और गर्भवती महिलाओं को यात्रा के दौरान परेशानी नहीं होगी। उन्हें एक से दूसरे प्लेटफार्म पर जाने में आसानी होगी।
2000 स्टेशनों पर जन सुविधा केन्द्र

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच को आगे बढ़ाते हुए रेलवे स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं में वृद्धि की तैयारी में है। इसके लिए देशभर के 2000 स्टेशनों परजन सुविधा केन्द्र खोले जाएंगे, जहां दैनिक आवश्यकता के सभी सामान मिल सकेंगे। इसका आवांटन स्थानीय स्तर पर किया जाएगा। वन स्टेशन वन प्रोडक्ट योजना के अंतर्गत अब तक 550 स्टेशनों पर 594 स्टॉल लगाए जा चुके हैं। इस वर्ष इसे बढ़ाकर 750 स्टेशन तक ले जाना है।
वंदे भारत की तर्ज पर वंदे मेट्रो चलेगी

स्वदेशी तकनीक से बनाई गई वंदे भारत ट्रेन की सफलता के बाद रेलवे अब उसी तर्ज पर वंदे मेट्रो चलाने की तैयारी में है। इसकी शुरूआत बड़े शहरों से की जाएगी जो आसपास के लगभग 50-60 किमी की दूरी को जोड़ेगी। बाद में मध्यम श्रेणी के शहरों के बीच आवागमन को सुगम बनाने की भी पहल होगी। एक शहर या आसपास के गांव-कस्बों में रहकर दूसरे शहर में काम-व्यापार और नौकरी के लिए प्रतिदिन आते-जाते है उन यात्रियों को राहत मिलेगी।
दिसंबर 2023 तक चलेगी हाइड्रोजन ट्रेन

रेलवे ने इसी साल दिसंबर 2023 तक हाइड्रोजन ट्रेनें चलाने की तैयारी पर कार्य शुरू कर दिया है। इसे पूरी तरह से देसी तकनीक के आधार पर डिजाइन और निर्माण किया जा रहा है। सबसे पहले कालका-शिमला हेरिटेज सर्किट पर चलेगी। इसके बाद पांच-छह अन्य सर्किट का चयन किया जा रहा है। फिर अन्य स्थानों पर भी हाइड्रोजन ट्रेनें चलाने की तैयारी है।
बजट 2023 में पश्चिम रेलवे के लिए आवंटन

– पश्चिम रेलवे को 16,182 करोड़ रुपये का आवंटन

– गुजरात को 8332 करोड़ रुपये का आवंटन, 2009-2014 के 589 करोड़ रुपये के आवंटन से 14 गुना अधिक है।
– वडोदरा-अहमदाबाद खंड सहित मौजूदा दिल्ली-मुंबई मार्ग पर गति को 160 किमी प्रति घंटे से बढ़ाकर 200 किमी प्रति घंटे करने के लिए 1320 करोड़ रुपये का आवंटन

– मुंबई सेंट्रल-विरार-वडोदरा-अहमदाबाद रूट पर ट्रेन सुरक्षा व्यवस्था 500 किमी के रुट पर 10 करोड़ रुपये का आवंटन
– पश्चिम रेलवे के प्लेटफॉर्म पर एस्केलेटर-65 लगभग 1.88 करोड़ रुपए, 70 लिफ्ट सुविधा के लिए 4.44 करोड़ रुपए का आवंटन

– पश्चिम रेलवे के उधना स्टेशन के अपग्रेडेशन के लिए 140 करोड़
– अमृत भारत स्टेशन योजना में सूरत और उधना रेलवे स्टेशनों सहित 5075 करोड़ के कुल आवंटन के साथ गुजरात के 87 स्टेशन शामिल हैं। इसमें सूरत के लिए 980 करोड़ (30 सितंबर 022 को दिया गया) और उधना के लिए 224 करोड़ (1 जुलाई 22 को दिए) शामिल हैं।
– वर्तमान में प्रति वर्ष 4,500 किमी नई रेल लाइन, दोहरीकरण, आमान परिवर्तन आदि, अब 7,000 किमी प्रति वर्ष का लक्ष्य

– 1000 फ्लाईओवर-फुटओवर और सबवे का निर्माण किया जाएगा

– 1,275 रेलवे स्टेशनों का विकास किया जाएगा जिनमें से 48 पर काम शुरू हो गया है। 2,000 स्टेशनों पर जनसुविधा केंद्र खुलेंगे

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