मुम्बई में विले पार्ले और अंधेरी के बीच बारिश के कारण पाथ-वे धराशायी होने से बाधित हुआ रेल यातायात सामान्य हो गया है। फिलहाल ट्रेनों की गति 20 किमी प्रति घंटे निर्धारित की गई है। बुधवार को गुजरात एक्सप्रेस ढाई घंटे देर से चलाई गई। शाम को बान्द्रा-भावनगर एक्सप्रेस को रिशिड्यूल किया गया।
मुम्बई में बारिश के कारण सोमवार सुबह ७.३७ बजे रेलवे ओवरब्रिज पाथ-वे का हिस्सा ढहने से मुम्बई से सूरत के बीच रेल यातायात ठप हो गया था। रेलवे ने रात करीब १०.२५ बजे ट्रैक मरम्मत कर गाडिय़ों का परिचालन बहाल कर दिया, लेकिन हादसे का असर बुधवार को भी दो ट्रेनों पर दिखाई दिया। २२९५३ मुम्बई सेंट्रल-अहमदाबाद गुजरात एक्सप्रेस का निर्धारित समय सुबह ५.४५ बजे का है। इसे दो घंटे ४५ मिनट देर से सुबह साढ़े आठ बजे रवाना किया गया। इसके अलावा १२९७२ भावनगर-बान्द्रा टर्मिनस एक्सप्रेस के रवाना होने का निर्धारित समय शाम ६.३५ बजे का है। इस ट्रेन को रिशिड्यूल कर भावनगर से रात १०.३० बजे रवाना किया गया। रेल अधिकारियों ने बताया कि अंधेरी में चार नम्बर का प्लेटफॉर्म अभी बंद रखा गया है।
गाडिय़ां देर से पहुंचीं
बारिश के कारण कुछ गाडिय़ां दस मिनट से आधा घंटे की देरी से चलीं। ५९०७५ सूरत-भुसावल पैसेंजर एक घंटे, २२९९४ महुआ-बान्द्रा टर्मिनस एक्सप्रेस 25 मिनट, २२९५६ कच्छ एक्सप्रेस दस मिनट, १९३३२ इंदौर-कोचुवेल्ली एक्सप्रेस २५ मिनट, १२९२६ अमृतसर-बान्द्रा टर्मिनस पश्चिम एक्सप्रेस 30 मिनट, १२९५६ जयपुर-मुम्बई सेंट्रल गणगौर एक्सप्रेस ४५ मिनट देर से सूरत पहुंची।
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मुम्बई में बारिश के कारण सोमवार सुबह ७.३७ बजे रेलवे ओवरब्रिज पाथ-वे का हिस्सा ढहने से मुम्बई से सूरत के बीच रेल यातायात ठप हो गया था। रेलवे ने रात करीब १०.२५ बजे ट्रैक मरम्मत कर गाडिय़ों का परिचालन बहाल कर दिया, लेकिन हादसे का असर बुधवार को भी दो ट्रेनों पर दिखाई दिया। २२९५३ मुम्बई सेंट्रल-अहमदाबाद गुजरात एक्सप्रेस का निर्धारित समय सुबह ५.४५ बजे का है। इसे दो घंटे ४५ मिनट देर से सुबह साढ़े आठ बजे रवाना किया गया। इसके अलावा १२९७२ भावनगर-बान्द्रा टर्मिनस एक्सप्रेस के रवाना होने का निर्धारित समय शाम ६.३५ बजे का है। इस ट्रेन को रिशिड्यूल कर भावनगर से रात १०.३० बजे रवाना किया गया। रेल अधिकारियों ने बताया कि अंधेरी में चार नम्बर का प्लेटफॉर्म अभी बंद रखा गया है।
गाडिय़ां देर से पहुंचीं
बारिश के कारण कुछ गाडिय़ां दस मिनट से आधा घंटे की देरी से चलीं। ५९०७५ सूरत-भुसावल पैसेंजर एक घंटे, २२९९४ महुआ-बान्द्रा टर्मिनस एक्सप्रेस 25 मिनट, २२९५६ कच्छ एक्सप्रेस दस मिनट, १९३३२ इंदौर-कोचुवेल्ली एक्सप्रेस २५ मिनट, १२९२६ अमृतसर-बान्द्रा टर्मिनस पश्चिम एक्सप्रेस 30 मिनट, १२९५६ जयपुर-मुम्बई सेंट्रल गणगौर एक्सप्रेस ४५ मिनट देर से सूरत पहुंची।
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स्मीमेर के कई वार्ड में पानी टपकने से मरीज परेशान
मनपा संचालित स्मीमेर अस्पताल में बारिश के दौरान वार्ड में पानी टपकने की समस्या से मरीज परेशान हैं। तेज बारिश पर मरीजों को बेड पर चादर और प्लास्टिक बिछाकर पानी से बचाव करना पड़ता है। लेबर रूम के वार्ड में भी मरीजों के बेड पर पानी टपकता है।
शहर में बारिश का सिलसिला मंगलवार से तेज हो गया है। अस्पताल की पहली मंजिल के लेबर रूम वार्ड में जगह-जगह छत से पानी टपकता दिखाई दिया। पानी फर्श पर फैलने के कारण मरीजों को आने-जाने में परेशानी हो रही थी। एक मरीज ने बताया कि बेड पर पानी टपक रहा है। स्टाफ को बताया, लेकिन किसी ने सुध नहीं ली। लेबर रूम के टॉयलेट, बाथरूम में निर्माण कार्य चल रहा है। इसके कारण यहां फाइबर टॉयलेट की अस्थाई व्यवस्था की गई है। मरीज इसकी बदबू से भी परेशान हैं। आपातकालीन विभाग के वार्ड में भी पानी टपकने की समस्या है। हफ्तेभर पहले बारिश के दौरान पानी टपकने की समस्या को लेकर हड्डी विभाग में डॉक्टरों ने कामकाज कुछ देर बंद कर दिया था। इसके बावजूद प्रशासन की नींद नहीं टूटी और समस्या जस की तस है।
मनपा संचालित स्मीमेर अस्पताल में बारिश के दौरान वार्ड में पानी टपकने की समस्या से मरीज परेशान हैं। तेज बारिश पर मरीजों को बेड पर चादर और प्लास्टिक बिछाकर पानी से बचाव करना पड़ता है। लेबर रूम के वार्ड में भी मरीजों के बेड पर पानी टपकता है।
शहर में बारिश का सिलसिला मंगलवार से तेज हो गया है। अस्पताल की पहली मंजिल के लेबर रूम वार्ड में जगह-जगह छत से पानी टपकता दिखाई दिया। पानी फर्श पर फैलने के कारण मरीजों को आने-जाने में परेशानी हो रही थी। एक मरीज ने बताया कि बेड पर पानी टपक रहा है। स्टाफ को बताया, लेकिन किसी ने सुध नहीं ली। लेबर रूम के टॉयलेट, बाथरूम में निर्माण कार्य चल रहा है। इसके कारण यहां फाइबर टॉयलेट की अस्थाई व्यवस्था की गई है। मरीज इसकी बदबू से भी परेशान हैं। आपातकालीन विभाग के वार्ड में भी पानी टपकने की समस्या है। हफ्तेभर पहले बारिश के दौरान पानी टपकने की समस्या को लेकर हड्डी विभाग में डॉक्टरों ने कामकाज कुछ देर बंद कर दिया था। इसके बावजूद प्रशासन की नींद नहीं टूटी और समस्या जस की तस है।