अब तक नहीं निकली कचरे से निजात की राह
•Nov 30, 2018 / 08:53 pm•
Divyesh Kumar Sondarva
सूरत में रोजाना करीब 1,650 मैट्रिक टन कचरा पैदा होता है। इस कचरे को ठिकाने लगाने की व्यवस्था इन दिनों बुरी तरह गड़बड़ाई हुई है।
वर्ष 1994 के प्लेग के बाद शहर को साफ-सुथरा रखने के लिए प्रशासन ने भगीरथ प्रयास किए थे तो जनता भी सफाई के प्रति जागरूक हुई थी।
वैसी जागरुकता पिछले तीन-चार साल से नजर नहीं आ रही है। राष्ट्रीय स्वच्छता अभियान से सूरत की जनता का वैसा सक्रिय जुड़ाव हाल फिलहाल नहीं हो सका है, जो अपेक्षित ही नहीं, आवश्यक भी है।
शहर को साफ रखना हर नागरिक की जिम्मेदारी है। सिर्फ प्रशासन के भरोसे 60 लाख से ज्यादा की आबादी वाले शहर को साफ-सुथरा नहीं रखा जा सकता।
यह मकसद तभी पूरा होगा, जब आम लोग अपने आसपास सफाई को लेकर सजग और सक्रिय होंगे। घर के कचरे को पड़ोसी के घर के सामने फेंकने या सड़कों पर फेंकने से तो सूरत साफ-सुथरा शहर बनने से रहा।
Hindi News / Photo Gallery / Surat / PICS : सूरत में जगह-जगह गंदगी के ढेर