सूरत

Mumbai-Delhi Corridor को नहीं देंगे एक इंच भी जमीन

भारतमाला प्रोजेक्ट का विरोध : विधायक अनंत पटेल ने कहा, सरकार नए नए प्रोजेक्ट लाकर आदिवासी किसानों की जमीन हड़प करना चाहती है
 

सूरतMay 19, 2022 / 07:08 pm

Gyan Prakash Sharma

Mumbai-Delhi Corridor को नहीं देंगे एक इंच भी जमीन

वांसदा. वांसदा तालुका के पूर्व क्षेत्र के खंभालिया गांव से भारतमाला प्रोजेक्ट के अंतर्गत प्रस्तावित Mumbai-Delhi Corridor बनने की जानकारी तथा इसके लिए जमीन मापने का विरोध किया जा रहा है।
वांसदा विधायक अनंत पटेल की अगुवाई में वांसदा हनुमान मंदिर से तहसीलदार कार्यालय तक रैली निकाली गई और बाद में ज्ञापन भी दिया गया। एक्सप्रेस वे विरोध में नानी भामटी, रानी फलिया तथा खंभालिया में रात्रि सभा का आयोजन भी किया गया था। सेवा सदन के पास लोगों को संबोधित करते हुए विधायक ने कहा कि सरकार नए नए प्रोजेक्ट लाकर आदिवासी किसानों की जमीन हड़प करना चाहती है।
उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान में यहां नेशनल हाईवे नंबर 56 कार्यरत है लेकिन सरकार अपनी पसंदीदा कंपनियों को टोल टैक्स की एजेंसी देने के लिए एक्सप्रेस बना रही है। लेकिन मुंबई – दिल्ली कॉरिडोर के लिए इस विस्तार की एक इंच जमीन भी नहीं देंगे।
इस मौके पर सरपंच संघ के प्रमुख मनीष पटेल ने कहा कि छोटे छोटे किसानों की जमीन इसमें खत्म हो जाएगी। धरमपुर तालुका पंचायत सदस्य कल्पेश पटेल ने कहा कि सफरी पार्क व प्रवासन के नाम पर सरकार आदिवासियों को खत्म करने पर तुली है।
रैली में तालुका कांग्रेस प्रमुख निकुंज गावित, बारकु भाई राउत, बारूक चौधरी, चंपाबेन सहित अन्य नेता भी मौजूद थे।
रिंग रोड के कारण जमीन और प्रॉपर्टी के बढ़े दाम
सिलवासा. शहर में रिंग रोड के कारण बाहरी क्षेत्रों की जमीन और प्रॉपर्टी के भावों में उछाल आया है। पिपरिया, दयात फलिया, उलटन फलिया, भुरकुड़ फलिया की जमीन के भाव 25 से 30 लाख एक हजार वर्गफीट हो गए हैं।
सामरवरणी, बालदेवी, बाविसा फलिया में जमीन के भाव 25 लाख रुपए प्रति हजार वर्ग पहुंच गए हैं। मार्ग के दोनों और बड़ी बड़ी इमारतें तथा शॉप कॉम्प्लेक्स में दुकान व फ्लैटों की कीमत भी बढ़ गई है। राजस्व विभाग की ओर से शहर में जमीन के भाव 3 लाख प्रति हजार वर्ग फीट निर्धारित हैं। रिंग रोड निर्माण से सड़क किनारे दुकान, होटल, रेस्टोरेंट, भोजनालय, बीयर बार आदि की मांग बढ़ी हैं। रिंग रोड के दोनों ओर की जमीन के मालिकों ने ऊंची-ऊंची इमारतें खड़ी कर दी हैं। इन इमारतों में बने फ्लैट ढाई हजार वर्ग फीट के भाव में आसानी से बिक रहे हैं। इमारतों में ग्राउंड तल की दुकाने 10 हजार वर्ग फीट के भाव में निर्माण से पहले बिक जाती हैं। उलटन फलिया से सामरवरणी तक इमारतों में निर्माणाधीन 90 प्रतिशत दुकानों की अग्रिम खरीद हो गई हैं। रिंग रोड आने से खेती की जमीन समाप्त हो गई है। बिल्डर, कारोबारियों ने अधिकांश जमीन खरीदकर कब्जे में कर ली है। कोरोना के बाद फ्लैटों के खरीदार बढ़े हैं। प्रतिदिन औसतन प्रॉपर्टी खरीदने के 30 से अधिक आवेदन आ रहे हैं।

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