अब फल नसीब नहीं होते
बचपन में इस होका के फल खाते थे, अब यह फल नसीब नहीं होते हैं। होका का ऊपरी भाग 10 मुंह जैसा दिखता है, इसीलिए स्थानीय भाषा में इसे रावण ताड़ कहा जाता है। इस वृक्ष को दमण-दीव की पहचान बनाने के लिए इसकी संख्या बढ़ानी चाहिए। लापरवाही के चलते होका कहीं इतिहास बनकर नहीं रह जाए।
बचपन में इस होका के फल खाते थे, अब यह फल नसीब नहीं होते हैं। होका का ऊपरी भाग 10 मुंह जैसा दिखता है, इसीलिए स्थानीय भाषा में इसे रावण ताड़ कहा जाता है। इस वृक्ष को दमण-दीव की पहचान बनाने के लिए इसकी संख्या बढ़ानी चाहिए। लापरवाही के चलते होका कहीं इतिहास बनकर नहीं रह जाए।
दीव में होका के कई पेड़ हैं। दमण में भी नर्सरी बनाकर होका को बढ़ाने का एक बार प्रयास हो चुका है, परन्तु उसमें सफलता नहीं मिली थी। इस बार भी इसके लिए नई तकनीक देखी जा रही है।
मनोज नायक अधिकारी वन विभाग
मनोज नायक अधिकारी वन विभाग