लूम्स कारखाने सोमवार से शुरू हुए
शहर के लूम्स कारखाने दिवाली वेकेशन के बाद सोमवार से शुरू हुए। ज्यादातर कारखाना मालिक शहर के बाहर घूमने गए होने से पचास प्रतिशत कारखाने बंद रहे, जो कारखाने खुले उनमें भी श्रमिक नहीं होने के कारण शाम को जल्दी बंद हो गए।
लूम्स कारखाने सोमवार को देव उठनी एकादशी के शुभ मूहुर्त से शुरू हुए। जीएसटी और मंंदी के कारण वीवर्स के पास स्टोक होने से इस साल दिवाली वेकेशन जल्दी शुरू हो गया और एक सप्ताह ज्यादा चला। मंदी के कारण श्रमिकों को भी ज्यादा काम नहीं मिलने से वह भी परेशान होकर वेकेशन के पहले ही वतन चले गए थे। अब वेकेशन समाप्त हो जाने पर भी वह वापिस नही आए। सोमवार को देव उठनी एकादशी पर कई वीवर्स ने कारखाने शुरू किए, लेकिन सिर्फ दो-चार श्रमिक होने के कारण कारखाने एक दो घंटे या शाम को बंद हो गए।
40 प्रतिशत कारखाने चालू हुए
दिवाली वेकेशन के कारण ज्यादातर कपड़ा उद्यमी घूमने चले गए हैं। इस कारण सोमवार को सिर्फ 40 प्रतिशत कारखाने चालू हो सके और कई कारखानों में से ग्रे की डिलीवरी का काम भी शुरू हुआ।
महेन्द्र रामोलिया, वीवर
शहर के लूम्स कारखाने दिवाली वेकेशन के बाद सोमवार से शुरू हुए। ज्यादातर कारखाना मालिक शहर के बाहर घूमने गए होने से पचास प्रतिशत कारखाने बंद रहे, जो कारखाने खुले उनमें भी श्रमिक नहीं होने के कारण शाम को जल्दी बंद हो गए।
लूम्स कारखाने सोमवार को देव उठनी एकादशी के शुभ मूहुर्त से शुरू हुए। जीएसटी और मंंदी के कारण वीवर्स के पास स्टोक होने से इस साल दिवाली वेकेशन जल्दी शुरू हो गया और एक सप्ताह ज्यादा चला। मंदी के कारण श्रमिकों को भी ज्यादा काम नहीं मिलने से वह भी परेशान होकर वेकेशन के पहले ही वतन चले गए थे। अब वेकेशन समाप्त हो जाने पर भी वह वापिस नही आए। सोमवार को देव उठनी एकादशी पर कई वीवर्स ने कारखाने शुरू किए, लेकिन सिर्फ दो-चार श्रमिक होने के कारण कारखाने एक दो घंटे या शाम को बंद हो गए।
40 प्रतिशत कारखाने चालू हुए
दिवाली वेकेशन के कारण ज्यादातर कपड़ा उद्यमी घूमने चले गए हैं। इस कारण सोमवार को सिर्फ 40 प्रतिशत कारखाने चालू हो सके और कई कारखानों में से ग्रे की डिलीवरी का काम भी शुरू हुआ।
महेन्द्र रामोलिया, वीवर