अभी तक 20 मरीजों को ऑपरेशन के बाद छुट्टी दी गई है। इनमें सूरत के अलावा अन्य शहरों के मरीज भी शामिल है। इस खतरनाक बीमारी में मरीज को सर्जरी के बाद 45 दिन में 180 इंजेक्शन लगाने पड़ते है। जिसका खर्च भी अधिक होता है।
ऐसे में पहले सप्ताह कम आय वाले जरुरतमंद 25 मरीजों का चयन कर उन्हें एक एक लाख रुपए की सहायता दी गई है। अस्पताल प्रबंधन ने ऐसे मरीजों की मदद करने का निर्णय किया है और इसके लिए एक करोड़ से अधिक की राशि आवंटित की है।
ऐसे में पहले सप्ताह कम आय वाले जरुरतमंद 25 मरीजों का चयन कर उन्हें एक एक लाख रुपए की सहायता दी गई है। अस्पताल प्रबंधन ने ऐसे मरीजों की मदद करने का निर्णय किया है और इसके लिए एक करोड़ से अधिक की राशि आवंटित की है।
हर सप्ताह ऐसे मरीजों का चयन किया जाएगा। इसके अलावा अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा इस गंभीर बीमारी के प्रति विभिन्न माध्यमों के मरीजों के परिजनों को जानकारी दी जा रही है।
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चाइल्ड प्रोटेक्शन सोसायटी ने की पहल
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चाइल्ड प्रोटेक्शन सोसायटी ने की पहल
सूरत. कोरोना संक्रमण की वजह यदि नाबालिग बच्चों के माता पिता की मौत हो गई हो या वे उनसे अलग होकर निराधार हो गए हो तो 100 नम्बर पर पुलिस या 1098 पर चाइल्ड हेल्पलाइन का संपर्क करे। गुजरात स्टेट चाइल्ड प्रोटेक्शन सोसायटी गांधीनगर ने ऐसे बच्चों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। उन्हें सभी तरह की सुविधा मुहैया करवाई जाएगी। यदि ऐसे बच्चों के किसी एक अभिभावक की मौत हुई हो या वे उनसे अलग हो गए हो तो उन्हें भी सुविधा दी जाएगी।
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