इससे पहले बुधवार सुबह कांग्रेस पार्षद और सिंडिकेट सदस्य भावेश रबारी की अगुवाई में एनएसयूआई के सदस्य कुलपति कार्यालय के बाहर धरना पर बैठ गए। उनका कहना था कि जब तक विश्वविद्यालय की ओर से परीक्षा रद्द करने को लेकर परिपत्र जारी नहीं किया जाता, तब तक वह धरना पर बैठे रहेंगे। परीक्षाएं स्थगित करने की मांग अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से भी की गई थी।
इसके बाद आखिर विश्वविद्यालय प्रशासन ने परीक्षा स्थगित करने का निर्णय लेते हुए परिपत्र जारी कर दिया। परिपत्र अनुसार मेडिकल फैकल्टी के अलावा 25 जून से शुरू होने वाली सभी परीक्षाएं अब 13 जुलाई से शुरू होगी। परिपत्र जारी करने के बाद एनएसयूआई ने धरना समाप्त कर दिया। गौरतलब है कि किरोना का संक्रमण लगातार बढ़ते जा रहा है और सरकार ने 15 अगस्त तक देशभर में शिक्षा कार्य पर रोक लगा दी है। इसके बावजूद वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय की ओर से 25 जून से परीक्षा की घोषणा की थी, जिसे लेकर शुरू से ही विरोध हो रहा था। सिंडिकेट सदस्यों ने भी परीक्षा रद्द करने की मांग की थी।
इसके बाद आखिर विश्वविद्यालय प्रशासन ने परीक्षा स्थगित करने का निर्णय लेते हुए परिपत्र जारी कर दिया। परिपत्र अनुसार मेडिकल फैकल्टी के अलावा 25 जून से शुरू होने वाली सभी परीक्षाएं अब 13 जुलाई से शुरू होगी। परिपत्र जारी करने के बाद एनएसयूआई ने धरना समाप्त कर दिया। गौरतलब है कि किरोना का संक्रमण लगातार बढ़ते जा रहा है और सरकार ने 15 अगस्त तक देशभर में शिक्षा कार्य पर रोक लगा दी है। इसके बावजूद वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय की ओर से 25 जून से परीक्षा की घोषणा की थी, जिसे लेकर शुरू से ही विरोध हो रहा था। सिंडिकेट सदस्यों ने भी परीक्षा रद्द करने की मांग की थी।
श्रेय लेने की होड़ परीक्षाएं स्थगित करने का परिपत्र जारी करने के बाद एनएसयूआई और एबीवीपी में श्रेय लेने की होड़ लग गई। दोनों के सदस्य सोशल मीडिया पर अपनी- अपनी सफलता के गुणगान गाते नजर आए।