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सूरत

दीशित जरीवाला हत्याकांड : गवाहों के मुकरने से साबित नहीं हुए आरोप, संदेह का लाभ मिला

तीन साल बाद पत्नी वेल्सी और प्रेमी सुकेतू मोदी समेत तीनों अभियुक्त आरोपों से बरी

सूरतDec 31, 2019 / 09:05 pm

Sandip Kumar N Pateel

दीशित जरीवाला हत्याकांड : गवाहों के मुकरने से साबित नहीं हुए आरोप, संदेह का लाभ मिला

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सूरत. बहुचर्चित दीशित जरीवाला हत्याकांड में अधिकतर गवाहों के मुकर जाने और अभियोजन पक्ष के पुख्ता सबूत पेश करने में विफल रहने के कारण कोर्ट ने मंगलवार को दीशित की पत्नी वेल्सी जरीवाला, उसके प्रेमी सुकेतू मोदी और ड्राइवर धीरेन्द्र सिंह चौहाण को संदेह का लाभ देते हुए आरोपों से बरी कर दिया।

पार्ले प्वॉइंट की सर्जन सोसायटी निवासी कपड़ा उद्यमी दीशित जरीवाला की हत्या के मामले में पुलिस ने उसकी पत्नी वेल्सी जरीवाला, वेल्सी के प्रेमी सुकेतू मोदी और सुकेतू के ड्राइवर धीरेन्द्र सिंह चौहाण को गिरफ्तार किया था। पुलिस के मुताबिक वेल्सी के इशारे पर सुकेतू और उसके ड्राइवर ने दीशित की हत्या की थी। पूरी वारदात को लूट के इरादे से हत्या का रूप देने का प्रयास किया गया था। पुलिस ने सोसायटी में लगे सीसीटीवी फुटेज, वेल्सी और सुकेतू की कॉल डिटेल, वारदात के समय पहने गए कपड़े, वारदात से पहले वेल्सी और सुकेतू जिस होटल में मिले थे, वहां के सीसीटीवी फुटेज आदि जब्त किए थे। १०५ गवाहों और पंचों के बयान के साथ अभियुक्तों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट पेश की गई थी। मामले की सुनवाई सेशन कोर्ट में चल रही थी। सुनवाई के दौरान अधिकतर गवाह अपने बयानों से मुकर गए। इसके अलावा सांयोगिक सबूतों को कोर्ट के समक्ष रखने तथा हत्या का इरादा स्पष्ट करने में अभियोजन पक्ष विफल रहा। बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता किरीट पानवाला, रोहन पानवाला और समिरा मलेक ने पैरवी की। अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने पर्याप्त सबूतों के अभाव में संदेह का लाभ देते हुए तीनों अभियुक्तों को निर्दोष छोडऩे का आदेश दिया।

164 के बयान के बाद भी गवाह मुकर गया


दीशित की हत्या के मामले में पुलिस ने अभियुक्तों को सोसायटी में आते हुए देखने वाले, वह जिस ऑटो में आए, उस ऑटो चालक तथा हत्या के लिए जिससे मास्क और ग्लव्ज खरीदे गए थे, उन्हें ढूंढ निकाला था। उनके समक्ष अभियुक्तों की पहचान भी करवाई गई थी, लेकिन कोर्ट में सुनवाई के दौरान धारा 164 के तहत बयान दर्ज करवाने के बावजूद सुरक्षाकर्मी तथा ऑटो चालक अपने बयानों से मुकर गए। जिससे ग्लव्ज और मास्क खरीदे थे, उस बाइकर्स हब की संचालिका अपने बयान से नहीं मुकरी, लेकिन बचाव पक्ष ने दलीलें पेश कीं कि सुकेतू के बाइक चलाने का शौकीन होने के कारण उसने मास्क और ग्लव्ज खरीदे होंगे। इसके अलावा प्रेम संबंध में अवरोध होने के कारण दीशित की हत्या करने का आरोप था, लेकिन अभियोजन पक्ष लूट नहीं होने को पूरी तरह साबित नहीं कर पाया, जिससे हत्या का इरादा स्पष्ट नहीं हो पाया। कोर्ट के समक्ष 73 गवाहों को पेश किया गया था। इनमें से अधिकतर ने आरोपों का समर्थन नहीं किया, जिसका अभियुक्तों को लाभ मिला।

यह था मामला


पार्ले प्वॉइंट की सर्जन सोसायटी निवासी दीशित जरीवाला के माता-पिता बाहर घूमने गए थे। घर पर दीशित, उसकी पत्नी वेल्सी और पुत्री थी। 27 जून, 2016 की रात दो अज्ञात व्यक्ति दीशित के बंगले में घुसे। उन्होंने वेल्सी को बाथरूम में बंद कर दीशित की गला रेत कर हत्या कर दी। सुबह मामला सामने आने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की। जांच के दौरान वेल्सी ने बताया कि लूट के इरादे से आए अज्ञात व्यक्ति दीशित की हत्या कर फरार हो गए थे, लेकिन मौका मुआयना में पुलिस को लूट के इरादे से दीशित की हत्या की बात गले नहीं उतरी। सुकेतू मोदी और उसके ड्राइवर धीरेन्द्र सिंह को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। बाद में वेल्सी को भी गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस के मुताबिक वेल्सी और सुकेतू के बीच प्रेम संबंध था। दीशित के रहते हुए दोनों एक नहीं हो सकते, यह मानते हुए वेल्सी ने दीशित की हत्या करने का षडयंत्र रचा। षडयंत्र के मुताबिक 27 जून की रात वेल्सी ने जान-बूझ कर बंगले का दरवाजा खुला रखा। रात को सूकेतु अपने ड्राइवर के साथ बंगले में घुसा। उन्होंने बेडरूम में दीशित का गला रेत कर हत्या कर दी। लूट के इरादे से हत्या का मामला लगे, इसलिए उन्होंने वेल्सी को बाथरूम में बंद कर दिया था। वेल्सी ने दोनों को भागने के लिए दीक्षित की कार की चाबी दी थी। दोनों दीशित की कार में वहां से फरार हुए और कार डूमस रोड पर लावारिस छोड़ दी थी। हत्या का मामला सामने आने पर वेल्सी ने झूठी कहानी बताकर पुलिस को गुमराह करने का प्रयास किया था।

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