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कार्तिक पूर्णिमा पर मंदिरों में पूजा-अर्चना
सिलवासा. कार्तिक पूर्णिमा पर मंगलवार को दिनभर मंदिरों में पूजा-अर्चना, अभिषेक, दान-पुण्य के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। श्रद्धालु ब्रह्ममुहूर्त में जल्दी उठकर स्नान आदि करके हवन, अनुष्ठान, तप, धर्म, तप, दीपदान आदि करते हुए मंदिरों में दर्शन लाभ प्राप्त किया। इस अवसर पर गायत्री मंदिर, बालाजी मंदिर में हवन, अक्षत अभिषेक व दीपदान का आयोजन रखा। बालाजी मंदिर में पंडितों ने सवेरे 9 बजे भगवान का हवन, पूजा-पाठ के बाद अक्षत अभिषेक किया। कार्तिक पूर्णिमा पर भगवान विष्णु के अलावा शिव-शंकर की पूजा के लिए मंदिरों में श्रद्धालु आते-जाते रहे। पंडित धीरज महाराज ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा को देव दिवाली भी कहा जाता है। इस दिन दीपदान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। भगवान विष्णु व मां लक्ष्मी की कृपा के लिए धूप, दीपक व अगरबत्ती से पूजा अत्यंत लाभदायी है। लवाछा महादेव मंदिर में व्रतियों ने प्रात:काल जल्दी उठकर दमणगंगा में स्नान करके पूजा अर्चना की।
सिलवासा. कार्तिक पूर्णिमा पर मंगलवार को दिनभर मंदिरों में पूजा-अर्चना, अभिषेक, दान-पुण्य के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। श्रद्धालु ब्रह्ममुहूर्त में जल्दी उठकर स्नान आदि करके हवन, अनुष्ठान, तप, धर्म, तप, दीपदान आदि करते हुए मंदिरों में दर्शन लाभ प्राप्त किया। इस अवसर पर गायत्री मंदिर, बालाजी मंदिर में हवन, अक्षत अभिषेक व दीपदान का आयोजन रखा। बालाजी मंदिर में पंडितों ने सवेरे 9 बजे भगवान का हवन, पूजा-पाठ के बाद अक्षत अभिषेक किया। कार्तिक पूर्णिमा पर भगवान विष्णु के अलावा शिव-शंकर की पूजा के लिए मंदिरों में श्रद्धालु आते-जाते रहे। पंडित धीरज महाराज ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा को देव दिवाली भी कहा जाता है। इस दिन दीपदान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। भगवान विष्णु व मां लक्ष्मी की कृपा के लिए धूप, दीपक व अगरबत्ती से पूजा अत्यंत लाभदायी है। लवाछा महादेव मंदिर में व्रतियों ने प्रात:काल जल्दी उठकर दमणगंगा में स्नान करके पूजा अर्चना की।
शिव शक्ति महायज्ञ की पूर्णाहुति
सिलवासा. महायज्ञ आयोजन समिति द्वारा दादरा में 21 कुंडीय जन कल्याण शिव शक्ति महायज्ञ की पूर्णाहुति हो गई। हरिओम महाराज की अगुवाई में हवनादि को विराम दिया गया। सवेरे हवन के दौरान पंडितों ने अग्नि, इन्द्र, ब्रह्मा, विष्णु, शिव को याद किया और आहुतियां प्रदान की। सभी दिशाओं में याज्ञिकों ने बारी बारी से शिवशक्ति मंत्रों का जाप करते हुए होम किया। हवन के दौरान घी, हवन सामग्री, व अच्छे गुणों वाली लकडिय़ां डालकर आसपास का वातावरण शुद्ध किया। पूर्णाहुति के बाद महाप्रसाद रखा। समिति ने दादरा मेें पहली बार शिव शक्ति महायज्ञ का आयोजन किया। यज्ञ के साथ श्रद्धालुओं ने आचार्य देवेन्द्र द्विवेदी से भागवत कथा का रसपान किया।
सिलवासा. महायज्ञ आयोजन समिति द्वारा दादरा में 21 कुंडीय जन कल्याण शिव शक्ति महायज्ञ की पूर्णाहुति हो गई। हरिओम महाराज की अगुवाई में हवनादि को विराम दिया गया। सवेरे हवन के दौरान पंडितों ने अग्नि, इन्द्र, ब्रह्मा, विष्णु, शिव को याद किया और आहुतियां प्रदान की। सभी दिशाओं में याज्ञिकों ने बारी बारी से शिवशक्ति मंत्रों का जाप करते हुए होम किया। हवन के दौरान घी, हवन सामग्री, व अच्छे गुणों वाली लकडिय़ां डालकर आसपास का वातावरण शुद्ध किया। पूर्णाहुति के बाद महाप्रसाद रखा। समिति ने दादरा मेें पहली बार शिव शक्ति महायज्ञ का आयोजन किया। यज्ञ के साथ श्रद्धालुओं ने आचार्य देवेन्द्र द्विवेदी से भागवत कथा का रसपान किया।