सूरत. वर्ष 2019 में आए दो चक्रवातों के समुद्र में ही निष्क्रिय हो जाने के बाद अब निसर्ग सक्रिय हुआ है। लोगों को उम्मीद है कि बीते वर्षों में समुद्री चक्रवातों से तट की रक्षा कर चुके दरिया गणेश इस बार निसर्ग को भी शहर में घुसने नहीं देंगे। दरिया गणेश हर बार समुद्री आफतों से शहर की रक्षा करते रहे हैं और सूरत में समुद्र किनारे रह रहे लोगों की दरिया गणेश के प्रति गहरी आस्था है।
डुमस में समुद्र किनारे पर स्थित दरिया गणेश समुद्री सीमा पर तटरक्षक के रूप में सूरतीयों के मन में स्थापित हैं। लोगों की दरिया गणेश में गहरी आस्था है और मानते हैं कि हर बार जब भी समुद्र के रास्ते कोई चक्रवात सक्रिय हुआ है, दरिया गणेश ने उसे सूरत का किनारा छूने से पहले समुद्र में ही निष्क्रिय कर दिया है।
चक्रवातों से दरिया गणेश का है पुराना नाता
दिसंबर 2017 में ओखी ने दूसरी जगहों पर तबाही मचाने के बाद सूरत का रुख किया था। चक्रवात से पहले मौसम में हुए बदलाव का असर सूरत पर दिखने लगा था। ओखी सूरत किनारे को छूने से पहले ही भंवर में फंसकर समुद्र में समा गया था। इसके बाद वर्ष 2019 के जून में आया वायु भी सूरत किनारे तक नहीं पहुंच सका और समुद्र में ही निष्क्रिय हो गया था। नवंबर 2019 में आए एक और चक्रवात महा का भी यही हश्र हुआ था। लोगों ने हर बार चक्रवात के समुद्र में ही समा जाने का श्रेय दरिया गणेश को दिया था। लोगों के मुताबिक समुद्र में आया कोई चक्रवात दरिया गणेश को पार नहीं कर पाया है। यही वजह है कि लोग निसर्ग के कारण मौसम में बदलाव को लेकर परेशान जरूर हैं, लेकिन उन्हेें उम्मीद है कि दरिया गणेश निसर्ग को भी सूरत नहीं छूने देंगे।