केन्द्र सरकार अहमदाबाद से मुम्बई तक बुलेट ट्रेन चलाना चाहती है। इसे लेकर सर्वे किया जा रहा है। वलसाड जिले के अंडरगोटा गांव में पहुंची अधिकारियों की टीम को जमीन मालिकों ने घेर लिया और अपनी जमीन से बाहर निकलने को कहा। इसके बाद अधिकारियों ने पुलिस को बुला लिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने जब ग्रामीणों को समझाइश का प्रयास किया तो ग्रामीणों ने स्पष्ट कहा कि वे अपनी जमीन नहीं देंगे। पुलिस ने सख्ती दिखाई तो पुलिस और ग्रामीणों में तकरार हो गई। तकरार बढऩे पर डूंगरी थाना पीएसआई ने मौके पर पहुंचे और लोगों से समझाइश की। गांव के महेश पटेल ने कहा कि यह जमीन उनकी पुश्तैनी है। यहां खेती करके जीवनयापन करते हैं। सरकार बुलेट ट्रेन किसी और रास्ते से ले जाए। वे मर जाएंगे, लेकिन अपनी जमीन नहीं देंगे। सर्वे करने आए एक अधिकारी ने कहा कि वे लोग सिर्फ सर्वे करने आए हैं। गांव के लोगों के साथ विवाद नहीं चाहते।
गौरतलब है कि जापान सरकार के तकनीकी और आर्थिक सहयोग से बनने वाले इस हाइस्पीड रेल कॉरिडोर को लेकर नवसारी, सिलवासा सहित कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हो चुके हैं। किसान किसी भी कीमत पर अपनी उपजाऊ जमीन नहीं देना चाहते हैं। कुछ किसान नेताओं और संगठनों का कहना है कि अगर उन्हें जमीन का वाजिब दाम नहीं मिला तो किसी भी कीमत पर जमीन नहीं देंगे। उनकी जमीन से उनके परिवार का गुजारा होता है। खेती योग्य जमीन वह किसी भी कीमत पर गंवाना नहीं चाहते हैं।